"राजा हाल": अवतरणों में अंतर

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*[[वासिष्ठी पुत्र पुलुमावि|वासिष्ठीपुत्र श्रीपुलुमावि]] के बाद [[कृष्ण द्वितीय सातवाहन|कृष्ण द्वितीय]] [[सातवाहन साम्राज्य]] का स्वामी बना।  
*[[वासिष्ठी पुत्र पुलुमावि|वासिष्ठीपुत्र श्रीपुलुमावि]] के बाद [[कृष्ण द्वितीय सातवाहन|कृष्ण द्वितीय]] [[सातवाहन साम्राज्य]] का स्वामी बना।  
*इसने कुल 24 वर्ष तक (8 ई. पू. से 16 ई. तक) राज्य किया। उसके बाद हाल राजा हुआ।  
*इसने कुल 24 वर्ष तक (8 ई. पू. से 16 ई. तक) राज्य किया। उसके बाद हाल राजा हुआ।  
*[[प्राकृत भाषा]] के साहित्य में इस राजा हाल का बड़ा महत्व है।  
*[[प्राकृत भाषा]] के साहित्य में इस राजा हाल का बड़ा महत्त्व है।  
*यह प्राकृत भाषा का उत्कृष्ट कवि था, और अनेक कवि व लेखक उसके आश्रय में रहते थे।  
*यह प्राकृत भाषा का उत्कृष्ट कवि था, और अनेक कवि व लेखक उसके आश्रय में रहते थे।  
*हाल की लिखी हुई 'गाथा सप्तशती' प्राकृत भाषा की एक प्रसिद्ध पुस्तक है।  
*हाल की लिखी हुई 'गाथा सप्तशती' प्राकृत भाषा की एक प्रसिद्ध पुस्तक है।  

10:42, 13 मार्च 2011 का अवतरण

  • वासिष्ठीपुत्र श्रीपुलुमावि के बाद कृष्ण द्वितीय सातवाहन साम्राज्य का स्वामी बना।
  • इसने कुल 24 वर्ष तक (8 ई. पू. से 16 ई. तक) राज्य किया। उसके बाद हाल राजा हुआ।
  • प्राकृत भाषा के साहित्य में इस राजा हाल का बड़ा महत्त्व है।
  • यह प्राकृत भाषा का उत्कृष्ट कवि था, और अनेक कवि व लेखक उसके आश्रय में रहते थे।
  • हाल की लिखी हुई 'गाथा सप्तशती' प्राकृत भाषा की एक प्रसिद्ध पुस्तक है।
  • राजा हाल का दरबार साहित्य और संस्कृति का बड़ा आश्रयस्थान था।
  • उसके संरक्षण और प्रोत्साहन से प्राकृत साहित्य की बड़ी उन्नति हुई है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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