"रिदांल्फ़ो अकविवा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "फरवरी" to "फ़रवरी") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*अकविवा बड़ा विद्वान था और बादशाह अकबर उसका बड़ा सम्मान करता था। | *अकविवा बड़ा विद्वान था और बादशाह अकबर उसका बड़ा सम्मान करता था। | ||
*वह अकबर के दरबार में काफ़ी समय तक रहा। | *वह अकबर के दरबार में काफ़ी समय तक रहा। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 15: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category: | ==संबंधित लेख== | ||
{{मुग़ल साम्राज्य}} | |||
[[Category:मध्य काल]] | |||
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]] | |||
[[Category:इतिहास कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
12:30, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- अकविवा, फ़ादर रिदांल्फ़ो गोवा में धर्मप्रचार करने वाला जेसुइट सम्प्रदाय का पादरी था।
- सितम्बर, 1579 ई. में बादशाह अकबर की प्रार्थना पर अकविवा, फ़ादर रिदांल्फ़ो और पादरी मोंसेरेत को गोवा की पुर्तग़ाली सरकार ने अकबर के दरबार में फ़तेहपुर सीकरी भेजा था। ये दोनों पादरी फ़रवरी 1580 ई. में फ़तेहपुर सीकरी पहुँचे, जहाँ बादशाह ने उनका सम्मानपूर्वक स्वागत किया।
- अकविवा बड़ा विद्वान था और बादशाह अकबर उसका बड़ा सम्मान करता था।
- वह अकबर के दरबार में काफ़ी समय तक रहा।
|
|
|
|
|