"शुद्ध स्वर": अवतरणों में अंतर
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12:32, 8 अप्रैल 2011 का अवतरण
जब सा, रे, ग, म, प, ध, नि स्वरों में श्रुतियों का क्रम 4, 3, 4, 4, 3, 2, रहता है तो उन स्वरों को शुद्ध स्वर कहते हैं। इन शुद्ध स्वरों के पूरे नाम
- षड्ज
- ऋषभ
- गांधार
- मध्यम
- पंचम
- धैवत
- निषाद
उच्चारण तथा गायन की सुविधा के लिए इनमें से प्रत्येक का प्रथम अक्षर ले लिया गया है और इस प्रकार इनके संक्षिप्त नाम सा, रे, ग, म, प, ध, नि, रख लिए गए हैं।
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