"लव": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
|हिन्दी=कटाई, पके हुए अनाज की कटाई, विनाश, विभाग, खंड, टुकड़ा, बहुत ही [[अल्प]] या थोड़ा,रामचन्द्र जी के दो यमज पुत्रों में से एक पुत्र का नाम, [[गाय]] की पूंछ के बाल जिनकी चँवर बनती है, काल का एक बहुत छोटा मन जो दो काष्ठा अर्थात् छत्तीस निमेष का होता है। (कुछ लोग एक निमेष के साठवें भाग को लव मानते हैं)। | |हिन्दी=कटाई, पके हुए अनाज की कटाई, विनाश, विभाग, खंड, टुकड़ा, बहुत ही [[अल्प]] या थोड़ा,रामचन्द्र जी के दो यमज पुत्रों में से एक पुत्र का नाम, [[गाय]] की पूंछ के बाल जिनकी चँवर बनती है, काल का एक बहुत छोटा मन जो दो काष्ठा अर्थात् छत्तीस निमेष का होता है। (कुछ लोग एक निमेष के साठवें भाग को लव मानते हैं)। | ||
|व्याकरण=पुल्लिंग | |व्याकरण=पुल्लिंग | ||
|उदाहरण= | |उदाहरण=<poem>त्रसर: सूत्रवेष्टनम् प्रजन: स्यादुपसर। | ||
प्रश्रयणयौ समौ धीशक्तिर्निष्क्रम॥</poem> | |||
|विशेष=उक्त बालों से चँवरी/ चँवर बनाते हैं। | |विशेष=उक्त बालों से चँवरी/ चँवर बनाते हैं। | ||
|विलोम= | |विलोम= |
11:59, 28 अप्रैल 2011 का अवतरण
हिन्दी | कटाई, पके हुए अनाज की कटाई, विनाश, विभाग, खंड, टुकड़ा, बहुत ही अल्प या थोड़ा,रामचन्द्र जी के दो यमज पुत्रों में से एक पुत्र का नाम, गाय की पूंछ के बाल जिनकी चँवर बनती है, काल का एक बहुत छोटा मन जो दो काष्ठा अर्थात् छत्तीस निमेष का होता है। (कुछ लोग एक निमेष के साठवें भाग को लव मानते हैं)। |
-व्याकरण | पुल्लिंग |
-उदाहरण | त्रसर: सूत्रवेष्टनम् प्रजन: स्यादुपसर। |
-विशेष | उक्त बालों से चँवरी/ चँवर बनाते हैं। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | राम, सीता के पुत्र, नुनाई, अभिलाव। |
संस्कृत | ल्+अव् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |