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-[[अहमदशाह]] और [[मराठा]] | -[[अहमदशाह]] और [[मराठा]] | ||
||अपने साम्राज्य विस्तार के अन्तर्गत औरंगज़ेब ने सर्वप्रथम असम को अपने अधिकार में करना चाहा। उसने मीर जुमला को बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया और उसे असम को जीतने की ज़िम्मेदारी सौंपी। 1 नवम्बर, 1661 ई. को मीर जुमला ने कूचबिहार की राजधानी को अपने अधिकार में कर लिया। असम पर उस समय अहोम जाति के लोग शासन कर रहे थे। मीर जुमला ने अहोमों को परास्त कर 1662 ई. में ‘गढ़गाँव’ पर क़ब्ज़ा कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]] | ||अपने साम्राज्य विस्तार के अन्तर्गत औरंगज़ेब ने सर्वप्रथम असम को अपने अधिकार में करना चाहा। उसने मीर जुमला को बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया और उसे असम को जीतने की ज़िम्मेदारी सौंपी। 1 नवम्बर, 1661 ई. को मीर जुमला ने कूचबिहार की राजधानी को अपने अधिकार में कर लिया। असम पर उस समय अहोम जाति के लोग शासन कर रहे थे। मीर जुमला ने अहोमों को परास्त कर 1662 ई. में ‘गढ़गाँव’ पर क़ब्ज़ा कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]] | ||
||[[चित्र:Dara-Shikoh.jpg|right| | ||[[चित्र:Dara-Shikoh.jpg|right|100px|]]दारा शिकोह की उम्र जिस समय 43 वर्ष की थी और वह पिता के 'तख़्त-ए-ताऊस' को उत्तराधिकार में पाने की उम्मीद रखता था। लेकिन तीनों छोटे भाइयों, ख़ासकर [[औरंगज़ेब]] ने उसके इस दावे का विरोध किया। फलस्वरूप दारा को उत्तराधिकार के लिए अपने इन भाइयों के साथ में युद्ध करना पड़ा। लेकिन [[शाहजहाँ]] के समर्थन के बावजूद दारा की फ़ौज [[15 अप्रैल]] 1658 ई. को धरमट के युद्ध में औरंगज़ेब और मुराद बख़्श की संयुक्त फ़ौज से परास्त हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दारा शिकोह]] | ||
{[[मुग़ल काल]] में निम्नलिखित बन्दरगाहों में से किसको 'बाबूल मक्का' (मक्का द्वार) कहा जाता था? | {[[मुग़ल काल]] में निम्नलिखित बन्दरगाहों में से किसको 'बाबूल मक्का' (मक्का द्वार) कहा जाता था? |
10:27, 20 मई 2011 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
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