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*[[गढ़वाल]], [[उत्तरांचल]] में [[हिमालय]] पर्वतों के तल में बसे [[ऋषिकेश]] में त्रिवेणी घाट प्रमुख [[ॠषिकेश पर्यटन|पर्यटन]] स्थलों में से है।
*[[गढ़वाल]], [[उत्तरांचल]] में [[हिमालय]] पर्वतों के तल में बसे [[ऋषिकेश]] में त्रिवेणी घाट प्रमुख [[ऋषिकेश पर्यटन|पर्यटन]] स्थलों में से है।
*ॠषिकेश में त्रिवेणी घाट प्रमुख स्नानागार घाट है जहाँ प्रात:काल में अनेक श्रद्धालु पवित्र [[गंगा नदी]] में डुबकी लगाते हैं।
*ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट प्रमुख स्नानागार घाट है जहाँ प्रात:काल में अनेक श्रद्धालु पवित्र [[गंगा नदी]] में डुबकी लगाते हैं।
*कहा जाता है कि त्रिवेणी घाट पर [[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म]] की तीन प्रमुख नदियों गंगा, [[यमुना नदी|यमुना]] और [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] का संगम होता है।  
*कहा जाता है कि त्रिवेणी घाट पर [[हिन्दू धर्म संस्कार|हिन्दू धर्म]] की तीन प्रमुख नदियों गंगा, [[यमुना नदी|यमुना]] और [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] का संगम होता है।  
*त्रिवेणी घाट से ही गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है।  
*त्रिवेणी घाट से ही गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है।  

12:40, 7 जून 2011 का अवतरण

त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश
Triveni Ghat, Rishikesh
  • गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसे ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है।
  • ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट प्रमुख स्नानागार घाट है जहाँ प्रात:काल में अनेक श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं।
  • कहा जाता है कि त्रिवेणी घाट पर हिन्दू धर्म की तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है।
  • त्रिवेणी घाट से ही गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है।
  • त्रिवेणी घाट के एक छोर पर शिवजी की जटा से निकलती गंगा की मनोहर प्रतिमा है तो दूसरी ओर अर्जुन को गीता ज्ञान देते हुए श्री कृष्ण की मनोहारी विशाल मूर्ति और एक विशाल गंगा माता का मन्दिर हैं।
  • घाट पर चलते हुए जब दूसरी ओर की सीढ़ियाँ उतरते हैं तब यहाँ से गंगा के सुंदर रूप के दर्शन होते हैं।
  • शाम को त्रिवेणी घाट पर भव्य आरती होती है और गंगा में दीप छोड़े जाते हैं, उस समय घाट पर काफ़ी भीड़ होती है।

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