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*पिथुण्ड एक ऐतिहासिक स्थान जिसकी स्थिति आधुनिक [[तमिलनाडु]] ([[मद्रास]]) के निकट मानी गई है।  
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*[[खारवेल|कलिंग नरेश खारवेल]] के हाथीगुम्फा लेख में इस स्थान का उल्लेख मिलता है, जिसके अनुसार उसकी सेना ने दक्षिण [[भारत]] पर आक्रमण किया तथा इस स्थान को ध्वस्त कर दिया।  
*[[खारवेल|कलिंग नरेश खारवेल]] के हाथीगुम्फा लेख में इस स्थान का उल्लेख मिलता है, जिसके अनुसार उसकी सेना ने दक्षिण [[भारत]] पर आक्रमण किया तथा इस स्थान को ध्वस्त कर दिया।  
*सिलवान लेवी के मतानुसार पिथुण्ड पिहुंड का रूपांतरण है। पिहुण्ड पांड्य देश का एक मुख्य व्यापारिक नगर था। टॉलमी इसे ''पितुन्द्र'' कहता है।  
*सिलवान लेवी के मतानुसार पिथुण्ड पिहुंड का रूपांतरण है। पिहुण्ड पांड्य देश का एक मुख्य व्यापारिक नगर था। टॉलमी इसे ''पितुन्द्र'' कहता है।  
*पिथुण्ड स्थान मुक्ता-मणियों के लिये प्रसिद्ध था। [[जैन दर्शन|जैन ग्रंथ]] 'उत्तराध्ययन सूत्र' से पता चलता है कि तीर्थंकर [[महावीर]] के समय में (पाँचवी सदी ई.पू.) चम्पा के व्यापारी जलयान द्वारा पिथुण्ड नगर को जाते थे।  
*पिथुण्ड स्थान मुक्ता-मणियों के लिये प्रसिद्ध था। [[जैन दर्शन|जैन ग्रंथ]] 'उत्तराध्ययन सूत्र' से पता चलता है कि तीर्थंकर [[महावीर]] के समय में (पाँचवी सदी ई.पू.) [[चम्पा]] के व्यापारी जलयान द्वारा पिथुण्ड नगर को जाते थे।  
*खारवेल ने इसे जीतने के बाद यहाँ से मुक्ता-मणियों का उपहास प्राप्त किया था।   
*खारवेल ने पिथुण्ड को जीतने के बाद यहाँ से मुक्ता-मणियों का उपहास प्राप्त किया था।   




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==संबंधित लेख==
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  • पिथुण्ड एक ऐतिहासिक स्थान जिसकी स्थिति आधुनिक तमिलनाडु, मद्रास के निकट मानी गई है।
  • कलिंग नरेश खारवेल के हाथीगुम्फा लेख में इस स्थान का उल्लेख मिलता है, जिसके अनुसार उसकी सेना ने दक्षिण भारत पर आक्रमण किया तथा इस स्थान को ध्वस्त कर दिया।
  • सिलवान लेवी के मतानुसार पिथुण्ड पिहुंड का रूपांतरण है। पिहुण्ड पांड्य देश का एक मुख्य व्यापारिक नगर था। टॉलमी इसे पितुन्द्र कहता है।
  • पिथुण्ड स्थान मुक्ता-मणियों के लिये प्रसिद्ध था। जैन ग्रंथ 'उत्तराध्ययन सूत्र' से पता चलता है कि तीर्थंकर महावीर के समय में (पाँचवी सदी ई.पू.) चम्पा के व्यापारी जलयान द्वारा पिथुण्ड नगर को जाते थे।
  • खारवेल ने पिथुण्ड को जीतने के बाद यहाँ से मुक्ता-मणियों का उपहास प्राप्त किया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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