"ककुभग्राम": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} ककुभग्राम उत्तर प्रदेश राज्य के देवरि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - "ref>(" to "ref>")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
ककुभग्राम [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के देवरिया ज़िला में स्थित था। ककुभग्राम में [[गुप्तवंश|गुप्तवंशीय]] महार, जाधिराज [[स्कन्दगुप्त]] के समय (गुप्तसंवत् 141-460 ई.) का एक स्तंभ-लेख प्राप्त हुआ था। यह जैन अभिलेख है जिसे भद्र नामक व्यक्ति ने जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों की प्रतिष्ठापना के लिए कुकुभग्राम-वर्तमान कहौम में अंकित करवाया था। ये आदिकर्तृ अथवा तीर्थकरों की प्रतिमाएँ अभिलेख वाले स्तंभ पर उकेरी हुई हैं। स्तंभ के निकट एक ताल है जहाँ सात फुट ऊँची [[बुद्ध]] की मूर्ति स्थित थी।<ref>(टीका- ककुभ का पाठ अभिलेख में ककुम भी हो सकता है।)</ref>
ककुभग्राम [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के देवरिया ज़िला में स्थित था। ककुभग्राम में [[गुप्तवंश|गुप्तवंशीय]] महार, जाधिराज [[स्कन्दगुप्त]] के समय (गुप्तसंवत् 141-460 ई.) का एक स्तंभ-लेख प्राप्त हुआ था। यह जैन अभिलेख है जिसे भद्र नामक व्यक्ति ने जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों की प्रतिष्ठापना के लिए कुकुभग्राम-वर्तमान कहौम में अंकित करवाया था। ये आदिकर्तृ अथवा तीर्थकरों की प्रतिमाएँ अभिलेख वाले स्तंभ पर उकेरी हुई हैं। स्तंभ के निकट एक ताल है जहाँ सात फुट ऊँची [[बुद्ध]] की मूर्ति स्थित थी।<ref>टीका- ककुभ का पाठ अभिलेख में ककुम भी हो सकता है।)</ref>


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}

12:10, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

ककुभग्राम उत्तर प्रदेश राज्य के देवरिया ज़िला में स्थित था। ककुभग्राम में गुप्तवंशीय महार, जाधिराज स्कन्दगुप्त के समय (गुप्तसंवत् 141-460 ई.) का एक स्तंभ-लेख प्राप्त हुआ था। यह जैन अभिलेख है जिसे भद्र नामक व्यक्ति ने जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों की प्रतिष्ठापना के लिए कुकुभग्राम-वर्तमान कहौम में अंकित करवाया था। ये आदिकर्तृ अथवा तीर्थकरों की प्रतिमाएँ अभिलेख वाले स्तंभ पर उकेरी हुई हैं। स्तंभ के निकट एक ताल है जहाँ सात फुट ऊँची बुद्ध की मूर्ति स्थित थी।[1]



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. टीका- ककुभ का पाठ अभिलेख में ककुम भी हो सकता है।)

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख