"कपिष्ठल": अवतरणों में अंतर

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:'कपिस्थलं वृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्यत्र किंचिदेकं च पंचमम्'।  
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अन्य पाठ में कपिलस्थल के स्थान पर अविस्थल है जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है। [[अलबेरूनी]] ने कपिस्थल को कवितल लिखा है।<ref>देखें अलबेरूनी 1,206)</ref> एरियन ने इसे कंबिस्थलोई कहा है।  
अन्य पाठ में कपिलस्थल के स्थान पर अविस्थल है जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है। [[अलबेरूनी]] ने कपिस्थल को कवितल लिखा है।<ref>देखें अलबेरूनी 1,206</ref> एरियन ने इसे कंबिस्थलोई कहा है।  


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12:43, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

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कपिष्ठल वर्तमान कैथल करनाल ज़िला, हरियाणा में है। किंवदंती में इस स्थान का संबंध हनुमान से जोड़ा गया है। पाणिनि 8,2,91 में इसका उल्लेख है। महाभारत में वन पर्व के अंतर्गत उल्लिखित तीर्थों में इसकी गणना की गई है। उद्योग पर्व महाभारत 31, 19 के एक पाठ के अनुसार कपिस्थल उन पांचों ग्रामों में था जिन्हें पांडवों ने कौरवों से युद्ध रोकने का प्रस्ताव करते हुए मांगा था-

'कपिस्थलं वृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्यत्र किंचिदेकं च पंचमम्'।

अन्य पाठ में कपिलस्थल के स्थान पर अविस्थल है जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है। अलबेरूनी ने कपिस्थल को कवितल लिखा है।[1] एरियन ने इसे कंबिस्थलोई कहा है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. देखें अलबेरूनी 1,206

बाहरी कड़ियाँ

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