"जाग-जाग सुकेशिनी री! -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर
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<poem>जाग-जाग सुकेशिनी री! | <poem> | ||
जाग-जाग सुकेशिनी री! | |||
अनिल ने आ मृदुल हौले | अनिल ने आ मृदुल हौले | ||
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पर न तेरे पलक डोले | पर न तेरे पलक डोले | ||
बिखरती अलकें, झरे जाते | बिखरती अलकें, झरे जाते | ||
सुमन, | सुमन, वरवेशिनी री! | ||
छाँह में अस्तित्व खोये | छाँह में अस्तित्व खोये | ||
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गगन के चिर दाग गिन-गिन | गगन के चिर दाग गिन-गिन | ||
श्रान्त जग के श्वास चुन-चुन | श्रान्त जग के श्वास चुन-चुन | ||
सो गई क्या नींद | सो गई क्या नींद की अज्ञात- | ||
पथ निर्देशिनी री? | पथ निर्देशिनी री? | ||
पंक्ति 60: | पंक्ति 61: | ||
जग बँधा निष्ठुर क्षणों में | जग बँधा निष्ठुर क्षणों में | ||
अश्रुमय कोमल कहाँ तू | अश्रुमय कोमल कहाँ तू | ||
आ गई परदेशिनी री? </poem> | आ गई परदेशिनी री? | ||
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10:44, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
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जाग-जाग सुकेशिनी री! |
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