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इकौन [[उत्तर प्रदेश]] के सहेतमहेत (प्राचीन [[श्रावस्ती]] के खंडहर) से चार मील उत्तर-पश्चिम की ओर एक ग्राम है। चीनी पर्यटकों के अनुसार यह उसी स्थान के समीप है जहाँ पांचसौ जन्मांध व्यक्तियों ने [[बुद्ध]] की आत्मिक शक्ति से नेत्र-ज्योति प्राप्त की थी। इन व्यक्तियों की इस स्थान पर गाड़ी हुई लकड़ियों से आप्त-नेत्रवन नामक एक विशाल वन ही उत्पन्न हो गया था। | *चीनी पर्यटकों के अनुसार यह उसी स्थान के समीप है जहाँ पांचसौ जन्मांध व्यक्तियों ने [[बुद्ध]] की आत्मिक शक्ति से नेत्र-ज्योति प्राप्त की थी। | ||
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10:33, 21 अगस्त 2011 का अवतरण
- इकौन उत्तर प्रदेश के सहेतमहेत (प्राचीन श्रावस्ती के खंडहर) से चार मील उत्तर-पश्चिम की ओर एक ग्राम है।
- चीनी पर्यटकों के अनुसार यह उसी स्थान के समीप है जहाँ पांचसौ जन्मांध व्यक्तियों ने बुद्ध की आत्मिक शक्ति से नेत्र-ज्योति प्राप्त की थी।
- इन व्यक्तियों की इस स्थान पर गाड़ी हुई लकड़ियों से आप्त-नेत्रवन नामक एक विशाल वन ही उत्पन्न हो गया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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