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-[[चीन]] | -[[चीन]] | ||
-[[फ्रांस]] | -[[फ्रांस]] | ||
||[[चित्र:India-Map.gif|भारत|100px|right]]भारत में मानवीय कार्यकलाप के जो प्राचीनतम चिह्न अब तक मिले हैं, वे 4,00,000 ई. पू. और 2,00,000 ई. पू. के बीच दूसरे और तीसरे हिम-युगों के संधिकाल के हैं और वे इस बात के साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं कि उस समय पत्थर के उपकरण काम में लाए जाते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ | ||[[चित्र:India-Map.gif|भारत|100px|right]]भारत में मानवीय कार्यकलाप के जो प्राचीनतम चिह्न अब तक मिले हैं, वे 4,00,000 ई. पू. और 2,00,000 ई. पू. के बीच दूसरे और तीसरे हिम-युगों के संधिकाल के हैं और वे इस बात के साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं कि उस समय पत्थर के उपकरण काम में लाए जाते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत]] | ||
{निम्नलिखित में से किस नृत्य का उद्भव उत्तर भारत में हुआ था। | {निम्नलिखित में से किस नृत्य का उद्भव उत्तर भारत में हुआ था। | ||
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-[[भरतनाट्यम]] | -[[भरतनाट्यम]] | ||
||[[चित्र:Birju-Maharaj.jpg|बिरजू महाराज|100px|right]]कथक का जन्म उत्तर में हुआ किन्तु पर्शियन और [[मुस्लिम]] प्रभाव से यह मंदिर की रीति से दरबारी मनोरंजन तक पहुंच गया। कथक की शैली का जन्म [[ब्राह्मण]] पुजारियों द्वारा [[हिन्दू|हिन्दूओं]] की पारम्परिक पुन: गणना में निहित है, जिन्हें कथिक कहते थे, जो नाटकीय अंदाज में हाव भावों का उपयोग करते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कत्थक]] | ||[[चित्र:Birju-Maharaj.jpg|बिरजू महाराज|100px|right]]कथक का जन्म उत्तर में हुआ किन्तु पर्शियन और [[मुस्लिम]] प्रभाव से यह मंदिर की रीति से दरबारी मनोरंजन तक पहुंच गया। कथक की शैली का जन्म [[ब्राह्मण]] पुजारियों द्वारा [[हिन्दू|हिन्दूओं]] की पारम्परिक पुन: गणना में निहित है, जिन्हें कथिक कहते थे, जो नाटकीय अंदाज में हाव भावों का उपयोग करते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कत्थक]] | ||
{'जात्रा' कहाँ का प्रमुख लोक नृत्य है? | {'जात्रा' कहाँ का प्रमुख लोक नृत्य है? | ||
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-[[पंजाब]] | -[[पंजाब]] | ||
-[[उड़ीसा]] | -[[उड़ीसा]] | ||
||[[चित्र:Victoria-Memorial-Kolkata-4.jpg|विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता|100px|right]][[रंगमंच]] पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है तथा नए कलाकारों के साथ-साथ पेशेवर कलाकारों द्वारा मंच-प्रस्तुति उच्च कोटि की होती है। जात्रा खुले रंगमंच पर होने वाला पाम्परिक कार्यक्रम है, जिसकी कथावस्तु अब स्पष्ट रूप से पौराणिक एवं ऐतिहासिक विषयों से समकालीन विषय-वस्तु में परिवर्तित हो रही है और यह ग्रामीण और शहरी, दोनों शहरों में लोकप्रिय है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पश्चिम बंगाल]] | |||
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{देवदास बंजारे किस क्षेत्र से जुड़े थे? | |||
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- | -पण्डवानी | ||
- | +पंथी नृत्य | ||
-धनकुल | |||
- | -ढोकरा नृत्य | ||
{'[[बिहू]]' किसका मुख्य पर्व है? | {'[[बिहू]]' किसका मुख्य पर्व है? | ||
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-[[झारखण्ड]] | -[[झारखण्ड]] | ||
-[[उड़ीसा]] | -[[उड़ीसा]] | ||
||[[चित्र:Bihu-Dance-Assam.jpg|बिहू|100px|right]]असम में अनेक रंगारंग त्योहार मनाए जाते हैं। बिहू असम का मुख्य पर्व है। यह वर्ष में तीन बार मनाया जाता है- 'रंगाली बिहू' या '[[बोहाग बिहू]]' फ़सल की बुआई की शुरुआत का प्रतीक है। इसी से नए वर्ष का शुभारंभ भी होता है। 'भोगली बिहू' या '[[माघ बिहू]]' फ़सल की कटाई का त्योहार है और 'काती बिहू' या 'कांगली बिहू' शरद ऋतु का एक मेला है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[असम]] | |||
{एक ही स्थान पर लगने वाले दो महाकुम्भ मेलों के बीच कितना अतंराल होता है? | {एक ही स्थान पर लगने वाले दो [[कुम्भ|महाकुम्भ]] मेलों के बीच कितना अतंराल होता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-6 वर्ष | -6 वर्ष | ||
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-[[भाद्रपद]] | -[[भाद्रपद]] | ||
-[[कार्तिक]] | -[[कार्तिक]] | ||
{[[भारत]] का सबसे बड़ा हिन्दू मन्दिर 'श्रीरंगा' कहाँ स्थित है? | {[[भारत]] का सबसे बड़ा हिन्दू मन्दिर 'श्रीरंगा' कहाँ स्थित है? |
12:33, 1 अक्टूबर 2011 का अवतरण
कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान
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