"केसरपल्ली": अवतरणों में अंतर
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*यह मृद्भाण्ड अत्यंत मूल्यवान समझा गया, क्योंकि ऊपरी सतह से प्राप्त इसका एक ठीकरा [[लोहा|लोहे]] के पिनों से बंधा था। | *यह मृद्भाण्ड अत्यंत मूल्यवान समझा गया, क्योंकि ऊपरी सतह से प्राप्त इसका एक ठीकरा [[लोहा|लोहे]] के पिनों से बंधा था। | ||
*इस स्थल के उत्खनन में [[इक्ष्वाकु|इक्ष्वाकुओं]] के समय के [[सीसा|सीसे]] के सिक्के तथा शीशे, पत्थर और मिट्टी के मनके मिले हैं। | *इस स्थल के [[उत्खनन]] में [[इक्ष्वाकु|इक्ष्वाकुओं]] के समय के [[सीसा|सीसे]] के सिक्के तथा शीशे, पत्थर और मिट्टी के मनके मिले हैं। | ||
*ऐसा अनुमान है कि चौथी शताब्दी के मध्य यह स्थान निर्जन हो गया। | *ऐसा अनुमान है कि चौथी शताब्दी के मध्य यह स्थान निर्जन हो गया। | ||
*सम्भवतः यह मध्यकाल में पुनः आबाद हो गया। | *सम्भवतः यह मध्यकाल में पुनः आबाद हो गया। |
09:22, 3 अक्टूबर 2011 का अवतरण
- केसरपल्ली आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िलांतर्गत आता है जो कि मद्रास-कलकत्ता ट्रंक रोड पर विजयवाड़ा से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है।
- यहाँ ताम्र-पाषाण, संस्कृति के साथ आबादी शुरू हुई जिसके बाद महाश्भ संस्कृति का आगमन हुआ।
- इसका ऐतिहासिक काल दांतेदार चक्रित मृद्भाण्ड (रौलटेड वेयर) की उपलब्धि के साथ आरम्भ होता है जिससे रोम के प्रभाव का संकेत मिलता है।
- यह मृद्भाण्ड अत्यंत मूल्यवान समझा गया, क्योंकि ऊपरी सतह से प्राप्त इसका एक ठीकरा लोहे के पिनों से बंधा था।
- इस स्थल के उत्खनन में इक्ष्वाकुओं के समय के सीसे के सिक्के तथा शीशे, पत्थर और मिट्टी के मनके मिले हैं।
- ऐसा अनुमान है कि चौथी शताब्दी के मध्य यह स्थान निर्जन हो गया।
- सम्भवतः यह मध्यकाल में पुनः आबाद हो गया।
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