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*कोरकै (कोल्वी) के नाम से पहचाना जाने वाला कोरकै [[तमिलनाडू]] में सुदूर दक्षिण में [[रामेश्वरम]] के निकट स्थित है।  
'''कोरकै/कोल्वी'''
*कोरकै एक ऐतिहासिक स्थान जो [[तमिलनाडु]] में सुदूर दक्षिण में [[रामेश्वर]] के निकट स्थित है।  
*कोरकै पांड्यों की राजधानी थी, इसके निकट एक शवाधान स्थल विद्यमान है, पुरातात्विक अवशेष की दृष्टि से यह क्षेत्र पर्याप्त समृद्ध है।
*कोरकै पांड्यों की राजधानी थी, इसके निकट एक शवाधान स्थल विद्यमान है, पुरातात्विक अवशेष की दृष्टि से यह क्षेत्र पर्याप्त समृद्ध है।
*कोरकै 'पेरिपल्स ऑफ द इरीथ्रियन सी' और संगम साहित्य में उल्लेख मोती उत्पाद के केन्द्र के रूप में हुआ है।  
*कोरकै का उत्पादन 'पेरिपल्स ऑफ़ द इरीथ्रियन सी' और संगम साहित्य में उल्लेख मोती उत्पाद के केन्द्र के रूप में हुआ है।  
*यहाँ पुरातात्विक सामग्री में महापाषाणिक कलशों के अतिरिक्त, राजराज प्रथम का एक सिक्का, लोहे और ताँबे की वस्तुएँ, स्फटिक मनके, आभूषण आदि वस्तुएँ मिली है।  
*कोरकै की पुरातात्विक सामग्री में महापाषाणिक कलशों के अतिरिक्त, राजराज प्रथम का एक सिक्का, [[लोह|लोहे]] और [[ताँबा|ताँबे]] की वस्तुएँ, स्फटिक मनके, आभूषण आदि वस्तुएँ मिली है।  




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==संबंधित लेख==
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कोरकै/कोल्वी

  • कोरकै एक ऐतिहासिक स्थान जो तमिलनाडु में सुदूर दक्षिण में रामेश्वर के निकट स्थित है।
  • कोरकै पांड्यों की राजधानी थी, इसके निकट एक शवाधान स्थल विद्यमान है, पुरातात्विक अवशेष की दृष्टि से यह क्षेत्र पर्याप्त समृद्ध है।
  • कोरकै का उत्पादन 'पेरिपल्स ऑफ़ द इरीथ्रियन सी' और संगम साहित्य में उल्लेख मोती उत्पाद के केन्द्र के रूप में हुआ है।
  • कोरकै की पुरातात्विक सामग्री में महापाषाणिक कलशों के अतिरिक्त, राजराज प्रथम का एक सिक्का, लोहे और ताँबे की वस्तुएँ, स्फटिक मनके, आभूषण आदि वस्तुएँ मिली है।



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