"उड़ि गुलाल घूँघर भई -बिहारी लाल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
पंक्ति 77: पंक्ति 77:
[[Category:हिन्दी कविता]]
[[Category:हिन्दी कविता]]
[[Category:काव्य कोश]]
[[Category:काव्य कोश]]
[[Category:रीति काल]]
[[Category:रीति काल]][[Category:रीतिकालीन कवि]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:रीतिकालीन साहित्य]]
[[Category:रीतिकालीन साहित्य]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOEDITSECTION__
__NOEDITSECTION__

09:46, 14 अक्टूबर 2011 का अवतरण

उड़ि गुलाल घूँघर भई -बिहारी लाल
बिहारी लाल
बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

उड़ि गुलाल घूँघर भई तनि रह्यो लाल बितान।
चौरी चारु निकुंजन में ब्याह फाग सुखदान॥

फूलन के सिर सेहरा, फाग रंग रँगे बेस।
भाँवर ही में दौड़ते, लै गति सुलभ सुदेस॥

भीण्यो केसर रंगसूँ लगे अरुन पट पीत।
डालै चाँचा चौक में गहि बहियाँ दोउ मीत॥

रच्यौ रँगीली रैन में, होरी के बिच ब्याह।
बनी बिहारन रसमयी रसिक बिहारी नाह॥













संबंधित लेख