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-[[नागार्जुन]] | -[[नागार्जुन]] | ||
||अश्वघोष ने 'सज्रसूची', 'महायानश्रद्धोत्पादशास्त्र' तथा 'सूत्रालंकार' अथवा 'कल्पनामण्डितिका' नामक [[धर्म]] और [[दर्शन]] विषयों के अतिरिक्त 'शारिपुत्रप्रकरण' नामक एक रूपक तथा '[[बुद्धचरित]]' और 'सौन्दरनन्द' नामक दो महाकाव्यों की भी रचना की है। इन रचनाओं में 'बुद्धचरित' महाकवि [[अश्वघोष]] का कीर्तिस्तम्भ है। इसमें कवि ने तथागत के सात्त्विक जीवन का सरल और सरस वर्णन किया है। 'सौन्दरनन्द' अश्वघोषप्रणीत द्वितीय [[महाकाव्य]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अश्वघोष]] | ||अश्वघोष ने 'सज्रसूची', 'महायानश्रद्धोत्पादशास्त्र' तथा 'सूत्रालंकार' अथवा 'कल्पनामण्डितिका' नामक [[धर्म]] और [[दर्शन]] विषयों के अतिरिक्त 'शारिपुत्रप्रकरण' नामक एक रूपक तथा '[[बुद्धचरित]]' और 'सौन्दरनन्द' नामक दो महाकाव्यों की भी रचना की है। इन रचनाओं में 'बुद्धचरित' महाकवि [[अश्वघोष]] का कीर्तिस्तम्भ है। इसमें कवि ने तथागत के सात्त्विक जीवन का सरल और सरस वर्णन किया है। 'सौन्दरनन्द' अश्वघोषप्रणीत द्वितीय [[महाकाव्य]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अश्वघोष]] | ||
{चार [[धातु|धातुओं]]- [[सोना]], [[चाँदी]], [[ताँबा]] एवं [[सीसा]] के सम्मिश्रण से बनने वाले सिक्के को क्या कहा जाता था? | {चार [[धातु|धातुओं]]- [[सोना]], [[चाँदी]], [[ताँबा]] एवं [[सीसा]] के सम्मिश्रण से बनने वाले सिक्के को क्या कहा जाता था? | ||
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-[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] | -[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] | ||
-[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] | -[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] | ||
||[[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा| | ||[[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा|120px|right]][[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] (1320-1325 ई.), [[8 सितम्बर]], 1320 ई. को [[दिल्ली]] के सिंहासन पर बैठा। इसे [[तुग़लक़ वंश]] का संस्थापक भी माना जाता है। इसने कुल 29 बार [[मंगोल]] आक्रमण को विफल किया। सुल्तान बनने से पहले वह [[क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ ख़िलजी]] के शासन काल में उत्तर-पश्चिमी सीमान्त प्रान्त का शक्तिशाली गर्वनर नियुक्त हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] | ||
{किसके समय में [[कलकत्ता]] में प्रथम न्यायालय की स्थापना की गई थी? | {किसके समय में [[कलकत्ता]] में प्रथम न्यायालय की स्थापना की गई थी? | ||
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+आर्थिक | +आर्थिक | ||
-धार्मिक | -धार्मिक | ||
-मनोवैज्ञानिक | -मनोवैज्ञानिक | ||
{[[सांची]] का [[स्तूप]] किसने बनवाया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[गौतम बुद्ध]] | |||
+[[अशोक]] | |||
-[[चन्द्रगुप्त]] | |||
-[[खरगोन]] | |||
||[[चित्र:Ashokthegreat1.jpg|अशोक|100px|right]][[अशोक]] के [[सारनाथ]] तथा [[सांची]] के लघु स्तंभ लेख में संघभेद के विरुद्ध यह आदेश जारी किया गया है कि, जो भिक्षु या भिक्षुणी संघ में फूट डालने का प्रयास करें, उन्हें संघ से बहिष्कृत किया जाए। यह आदेश [[कौशाम्बी]] और [[पाटलिपुत्र]] के महापात्रों को दिया गया है। इससे पता चलता है कि [[बौद्ध धर्म]] का संरक्षक होने के नाते संघ में एकता बनाए रखने के लिए अशोक ने राजसत्ता का उपयोग किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक]] | |||
{[[दादाभाई नौरोजी]] ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ो]] द्वारा किए गए किस कार्य को 'अनिष्टो का अनिष्ट' की संज्ञा दी? | {[[दादाभाई नौरोजी]] ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ो]] द्वारा किए गए किस कार्य को 'अनिष्टो का अनिष्ट' की संज्ञा दी? | ||
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+[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] | +[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] | ||
-[[ | -[[मोहम्मद इक़बाल]] | ||
-[[मुहम्मद अली जिन्ना]] | -[[मुहम्मद अली जिन्ना]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं |
07:11, 26 नवम्बर 2011 का अवतरण
इतिहास
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