"क्यों इन तारों को उलझाते? -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Mahadevi-verma.png...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 30: | पंक्ति 30: | ||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem>क्यों इन तारों को उलझाते? | <poem> | ||
अनजाने ही प्राणों में क्यों | क्यों इन तारों को उलझाते? | ||
अनजाने ही प्राणों में क्यों, | |||
आ आ कर फिर जाते? | आ आ कर फिर जाते? | ||
पल में रागों को झंकृत कर, | पल में रागों को झंकृत कर, | ||
फिर विराग का अस्फुट स्वर भर, | फिर विराग का अस्फुट स्वर भर, | ||
मेरी लघु जीवन वीणा पर | मेरी लघु जीवन वीणा पर, | ||
क्या यह अस्फुट गाते? | क्या यह अस्फुट गाते? | ||
लय में मेरा चिर करुणा-धन | लय में मेरा चिर करुणा-धन, | ||
कम्पन में सपनों का स्पन्दन | कम्पन में सपनों का स्पन्दन, | ||
गीतों में भर चिर सुख चिर दुख | गीतों में भर चिर सुख, चिर दुख, | ||
कण कण में बिखराते! | कण कण में बिखराते! | ||
मेरे शैशव के मधु में घुल | मेरे शैशव के मधु में घुल, | ||
मेरे यौवन के मद में ढुल | मेरे यौवन के मद में ढुल, | ||
मेरे आँसू स्मित में हिल मिल | मेरे आँसू स्मित में हिल मिल, | ||
मेरे क्यों न कहाते? </poem> | मेरे क्यों न कहाते? | ||
</poem> | |||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} | ||
07:46, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
| ||||||||||||||||||||
|
क्यों इन तारों को उलझाते? |