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*ख़दीजा [[पैग़म्बर मुहम्मद]] ([[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] के संस्थापक) की पहली पत्नी थीं।  
'''ख़दीजा''' [[पैग़म्बर मुहम्मद]] ([[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] के संस्थापक) की पहली पत्नी थीं। मुहम्मद साहब से जब वह मिलीं, तो उस समय वह अपने व्यापार की कुशल देखरेख करने के कारण समृद्ध बन चुकी थीं और एक धनवान व्यापारी की विधवा थीं। मुहम्मद को व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करने के कुछ ही समय बाद ख़दिजा ने उन्हें खाविंद के तौर पर उपयुक्त पाया। इससे पहले उनका दो बार निकाह हो चुका था व दोनों से उनकी औलादें थीं।  
*मुहम्मद साहब से जब वह मिलीं, तो उस समय वह अपने व्यापार की कुशल देखरेख करने के कारण समृद्ध बन चुकी थीं और एक धनवान व्यापारी की विधवा थीं।  
*मुहम्मद को व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करने के कुछ ही समय बाद ख़दिजा ने उन्हें खाविंद के तौर पर उपयुक्त पाया।  
*इससे पहले उनका दो बार निकाह हो चुका था व दोनों से उनकी औलादें थीं।  
==स्रोतों के अनुसार==
==स्रोतों के अनुसार==
अधिकांश स्रोतों के अनुसार, निकाह के वक़्त उनकी उम्र लगभग 40 थी, जबकि मुहम्मद 25 के थे। लेकिन उनका कम से कम छह बच्चों को जन्म देना दर्शाता है कि शायद वह कम उम्र की थीं। जब मुहम्मद साहब को पहले इल्हाम हुआ, तो ख़दिजा ने उन्हें सहायता दी व प्रोत्साहित किया और जब कई प्रमुख मक्कावासी उनका विरोध करने लगे , तो वह उनके प्रति वफ़ादार बनी रहीं। जब तक वह जीवित रहीं , मुहम्मद ने और कोई विवाह नहीं किया।  
अधिकांश स्रोतों के अनुसार, निकाह के वक़्त उनकी उम्र लगभग 40 थी, जबकि मुहम्मद 25 के थे। लेकिन उनका कम से कम छह बच्चों को जन्म देना दर्शाता है कि शायद वह कम उम्र की थीं। जब मुहम्मद साहब को पहले इल्हाम हुआ, तो ख़दिजा ने उन्हें सहायता दी व प्रोत्साहित किया और जब कई प्रमुख मक्कावासी उनका विरोध करने लगे, तो वह उनके प्रति वफ़ादार बनी रहीं। जब तक वह जीवित रहीं, मुहम्मद ने और कोई [[विवाह]] नहीं किया।  


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10:23, 7 फ़रवरी 2012 का अवतरण

ख़दीजा पैग़म्बर मुहम्मद (इस्लाम के संस्थापक) की पहली पत्नी थीं। मुहम्मद साहब से जब वह मिलीं, तो उस समय वह अपने व्यापार की कुशल देखरेख करने के कारण समृद्ध बन चुकी थीं और एक धनवान व्यापारी की विधवा थीं। मुहम्मद को व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करने के कुछ ही समय बाद ख़दिजा ने उन्हें खाविंद के तौर पर उपयुक्त पाया। इससे पहले उनका दो बार निकाह हो चुका था व दोनों से उनकी औलादें थीं।

स्रोतों के अनुसार

अधिकांश स्रोतों के अनुसार, निकाह के वक़्त उनकी उम्र लगभग 40 थी, जबकि मुहम्मद 25 के थे। लेकिन उनका कम से कम छह बच्चों को जन्म देना दर्शाता है कि शायद वह कम उम्र की थीं। जब मुहम्मद साहब को पहले इल्हाम हुआ, तो ख़दिजा ने उन्हें सहायता दी व प्रोत्साहित किया और जब कई प्रमुख मक्कावासी उनका विरोध करने लगे, तो वह उनके प्रति वफ़ादार बनी रहीं। जब तक वह जीवित रहीं, मुहम्मद ने और कोई विवाह नहीं किया।


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