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{'गुरु घासीदास विश्वविद्यालय' को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा कब प्रदान किया गया? | {'गुरु घासीदास विश्वविद्यालय' को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा कब प्रदान किया गया? | ||
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||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा उठाने के लिए यहाँ विश्वविद्यालयों की भी स्थापना हुई हैं। 'गुरु घासीदास विश्वविद्यालल' को राज्य का पहला विश्वविधालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना [[16 जून]], सन [[1983]] को [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में हुई थी। बाद में मध्य प्रदेश का विभाजन हो गया और यह विश्वविद्याल्य छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी [[2009]] में केंद्र सरकार द्वारा [[संसद]] में पेश 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम-2009' के माध्यम से इसे 'केंद्रीय विश्वविद्यालय' का दर्जा दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा उठाने के लिए यहाँ विश्वविद्यालयों की भी स्थापना हुई हैं। 'गुरु घासीदास विश्वविद्यालल' को राज्य का पहला विश्वविधालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना [[16 जून]], सन [[1983]] को [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में हुई थी। बाद में मध्य प्रदेश का विभाजन हो गया और यह विश्वविद्याल्य छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी [[2009]] में केंद्र सरकार द्वारा [[संसद]] में पेश 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम-2009' के माध्यम से इसे 'केंद्रीय विश्वविद्यालय' का दर्जा दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
12:13, 8 फ़रवरी 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान
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