"वैनयिकी ज्ञान कला": अवतरणों में अंतर

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10:03, 25 मई 2010 का अवतरण

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। अपने और पराये से विनयपूर्वक शिष्टाचार करने की कला है।