"महाभारत सामान्य ज्ञान 7": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Krishna-Arjuna.jpg|right|100px|श्रीकृष्ण तथा अर्जुन]][[श्रीकृष्ण]] की कई रानियाँ थीं। इनमें से कई रानियों को तो उनके माता-पिता ने [[विवाह]] में प्रदान किया था और शेष को कृष्ण विजय में प्राप्त कर लाये थे। सतांन-पुराणों से ज्ञात होता है कि कृष्ण के संतानों की संख्या बड़ी थी। [[रुक्मणी]] से दस पुत्र और एक कन्या थी। इनमें सबसे बड़ा [[प्रद्युम्न]] था। [[भागवत]] आदि [[पुराण|पुराणों]] में कृष्ण के गृहस्थ-जीवन तथा उनकी दैनिक चर्या का हाल विस्तार से मिलता है। प्रद्युम्न के पुत्र [[अनिरुद्ध]] का विवाह 'शोणितपुर' के राजा [[बाणासुर]] की पुत्री [[ऊषा]] के साथ हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ | ||[[चित्र:Krishna-Arjuna.jpg|right|100px|श्रीकृष्ण तथा अर्जुन]][[श्रीकृष्ण]] की कई रानियाँ थीं। इनमें से कई रानियों को तो उनके माता-पिता ने [[विवाह]] में प्रदान किया था और शेष को कृष्ण विजय में प्राप्त कर लाये थे। सतांन-पुराणों से ज्ञात होता है कि कृष्ण के संतानों की संख्या बड़ी थी। [[रुक्मणी]] से दस पुत्र और एक कन्या थी। इनमें सबसे बड़ा [[प्रद्युम्न]] था। [[भागवत]] आदि [[पुराण|पुराणों]] में कृष्ण के गृहस्थ-जीवन तथा उनकी दैनिक चर्या का हाल विस्तार से मिलता है। प्रद्युम्न के पुत्र [[अनिरुद्ध]] का विवाह 'शोणितपुर' के राजा [[बाणासुर]] की पुत्री [[ऊषा]] के साथ हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रद्युम्न]] | ||
{महर्षि [[भृगु]] की पत्नी का नाम क्या था? | {महर्षि [[भृगु]] की पत्नी का नाम क्या था? | ||
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||[[चित्र:Gita-Krishna-1.jpg|right|80px|अर्जुन को गीता का उपदेश देते श्रीकृष्ण]][[कुरुक्षेत्र]] [[हरियाणा]] राज्य का एक प्रमुख ज़िला है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा [[अम्बाला]], [[यमुनानगर ज़िला|यमुना नगर]], [[करनाल]] और [[कैथल]] से घिरा हुवा है। माना जाता है कि यहीं [[महाभारत]] की लड़ाई हुई थी और भगवान [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश यहीं पर 'ज्योतीसर' नामक स्थान पर दिया था। यह ज़िला 'बासमती चावल' के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका [[ऋग्वेद]] और [[यजुर्वेद]] में अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुरुक्षेत्र]] | ||[[चित्र:Gita-Krishna-1.jpg|right|80px|अर्जुन को गीता का उपदेश देते श्रीकृष्ण]][[कुरुक्षेत्र]] [[हरियाणा]] राज्य का एक प्रमुख ज़िला है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा [[अम्बाला]], [[यमुनानगर ज़िला|यमुना नगर]], [[करनाल]] और [[कैथल]] से घिरा हुवा है। माना जाता है कि यहीं [[महाभारत]] की लड़ाई हुई थी और भगवान [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश यहीं पर 'ज्योतीसर' नामक स्थान पर दिया था। यह ज़िला 'बासमती चावल' के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका [[ऋग्वेद]] और [[यजुर्वेद]] में अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुरुक्षेत्र]] | ||
{[[दुर्योधन]] कितनी अक्षौहिणी सेना का स्वामी था? | {[[दुर्योधन]] कितनी [[अक्षौहिणी]] सेना का स्वामी था? | ||
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+11 अक्षौहिणी | +11 [[अक्षौहिणी]] | ||
-10 अक्षौहिणी | -10 अक्षौहिणी | ||
-9 अक्षौहिणी | -9 अक्षौहिणी | ||
-7 अक्षौहिणी | -7 अक्षौहिणी | ||
|| | ||[[महाभारत]] युद्दे में अपनी सेना के थक जाने पर [[अर्जुन]] ने सेना को विश्राम करने का अवसर दिया। [[दुर्योधन]] ने [[द्रोणाचार्य]] को उकसाने का भरसक प्रयत्न किया कि वे सोती हुई [[पांडव]] सेना पर आक्रमण कर दें। [[शल्य]] के नेतृत्व में युद्ध करते हुए दुर्योधन ने पांडवपक्षीय योद्धा 'चैकितान' को मार डाला। भयानक युद्ध होता रहा। युद्ध आरंभ होने के समय दुर्योधन के पास 'ग्यारह अक्षौहिणी' सेनाएँ थीं। नष्ट होते-होते अंत में [[अश्वत्थामा]], [[कृतवर्मा]], [[कृपाचार्य]] तथा दुर्योधन के अतिरिक्त कोई भी अन्य महारथी जीवित नहीं बचा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दुर्योधन]] | ||
{निम्नलिखित में किस स्थान को '[[ब्रह्मा]] की यज्ञीय वेदी' कहा जाता है? | {निम्नलिखित में किस स्थान को '[[ब्रह्मा]] की यज्ञीय वेदी' कहा जाता है? |
08:32, 21 फ़रवरी 2012 का अवतरण
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