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लठ्ठा का मेला उत्तर भारत के विशाल ब्रज मंडल के रंग नाथ जी मन्दिर में आयोजन होने वाला सुप्रसिद्ध मेला है।

मेले का आयोजन

वैष्णव संप्रदाय के प्रसिद्ध रंग मंदिर में वेद मंत्रों के साथ लठ्ठा मेले का आयोजन किया जाता है। पुराने विशाल चार खंभों के ऊपर आचार्यों के पास रखी माखन की मटकी को लेने के लिये 30 फुट ऊंचे खंभे पर चढ़कर वृन्दावन और आसपास के गांव के दर्जनों पहलवानों कई घंटे भरसक प्रयास करते है। आचार्यें पहलवानों के ऊपर कई टीन सरसों का तेल और पानी की बौछारें की करते है। इससे खंभे पर चढ़ने का प्रयास कर रहे पहलवान फिसलकर नीचे आ जाते है। दुसायत, जैंत, छटीकरा, राल गांव के ठाकुरों की पालों के पहलवानों में मटकी को पाने की होड़ मची रहती है।

श्रद्धालुओं की भीड़

मंदिर परिसर में कोतुहल से भरपूर इस मेले को देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमता है। इस कोतुहल से भरे मटकी पाने के प्रयास को देखने के लिये हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है। भक्त नंद के आनंद भये जय कन्हैया लाल की के जयघोष करते है। इससे पूर्व गोदारंगमन्नार मंदिर के आचार्यों ने दक्षिण शैली में वेदमंत्रोच्चारों के साथ माखन से भरी मटकी को स्तंभ के ऊपर स्थापित किया जाता है। यहां पर अन्य मंदिरों से अलग पांचरात्र शास्त्र विधि से भगवान गोदारंगमन्नार की पूजा की जाती है। यहां नक्षत्रों की चाल के आधार पर आचार्य गणना करके तिथियों के आधार पर तीज त्यौहार मनाए जाते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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