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फ़ौज़िया2
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प्रसिद्ध नाम | गंगूबाई हंगल |
जन्म | 5 मार्च 1913 |
जन्म भूमि | धारवाड़, कर्नाटक |
मृत्यु | 21 जुलाई 2009 |
पति/पत्नी | गुरुराव कौलगी |
संतान | 2 सुपुत्र और 1 सुपुत्री |
कर्म-क्षेत्र | शास्त्रीय गायन |
विषय | शास्त्रीय संगीत |
पुरस्कार-उपाधि | कर्नाटक संगीत नृत्य अकादमी पुरस्कार, पद्मभूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी की सदस्यता, दीनानाथ प्रतिष्ठान, मणिक रत्न पुरस्कार, पद्मविभूषण |
प्रसिद्धि | भैरव, असावरी, तोड़ी, भीमपलासी, पुरिया, धनश्री, मारवा, केदार और चंद्रकौंस रागों की गायकी के लिये सबसे अधिक वाहवाही मिली। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | 1945 के पश्चात उन्होंने उप-शास्त्रीय शैली में गाना बंद कर केवल शुद्ध शास्त्रीय शैली में रागों को ही गाना जारी रखा। |