"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर

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||मेघनाद ने 'निकुंभिला' के स्थान पर जाकर 'अग्निष्टोम', '[[अश्वमेघ यज्ञ|अश्वमेघ]]' आदि सात [[यज्ञ]] करके [[शिव]] से अनेक वर प्राप्त किये थे। मेघनाद को [[ब्रह्मा]] के वरदान से 'ब्रह्माशिर' नाम का [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र]] और इच्छानुसार चलने वाले घोड़े प्राप्त थे। वह जिस सिद्धि को प्राप्त करने निकुंभिलादेवी के मंदिर में गया था, उसे सिद्ध करने के उपरांत [[देवता|देवताओं]] समेत [[इन्द्र]] भी उसे जीतने में असमर्थ हो जाते। ब्रह्मा ने उससे कहा था- 'हे इन्द्रजित, यदि तुम्हारा कोई शत्रु निकुंभिला में यज्ञ समाप्त करने से पूर्व तुमसे युद्ध करेगा तो तुम मार डाले जाओगे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेघनाद]]
||मेघनाद ने 'निकुंभिला' के स्थान पर जाकर 'अग्निष्टोम', '[[अश्वमेघ यज्ञ|अश्वमेघ]]' आदि सात [[यज्ञ]] करके [[शिव]] से अनेक वर प्राप्त किये थे। मेघनाद को [[ब्रह्मा]] के वरदान से 'ब्रह्माशिर' नाम का [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र]] और इच्छानुसार चलने वाले घोड़े प्राप्त थे। वह जिस सिद्धि को प्राप्त करने निकुंभिलादेवी के मंदिर में गया था, उसे सिद्ध करने के उपरांत [[देवता|देवताओं]] समेत [[इन्द्र]] भी उसे जीतने में असमर्थ हो जाते। ब्रह्मा ने उससे कहा था- 'हे इन्द्रजित, यदि तुम्हारा कोई शत्रु निकुंभिला में यज्ञ समाप्त करने से पूर्व तुमसे युद्ध करेगा तो तुम मार डाले जाओगे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेघनाद]]


{राजा [[जनक]] के भाई कुशध्वज किस नगर के राजा थे?
|type="()"}
+[[सांकाश्य]]
-[[मिथिला]]
-[[साकेत]]
-[[अश्वतीर्थ]]
||सांकाश्य [[प्राचीन भारत]] में [[पंचाल जनपद]] का प्रसिद्ध नगर था, जो वर्तमान [[संकिसा]], बसंतपुर, [[एटा ज़िला|ज़िला एटा]], [[उत्तर प्रदेश]] में है। यह [[फ़र्रुख़ाबाद]] के निकट स्थित है। सांकाश्य का सर्वप्रथम उल्लेख संभवत: [[वाल्मीकि रामायण]] में है, जहाँ सांकाश्य-नरेश सुधन्वा का [[जनक]] की राजधानी [[मिथिला]] पर आक्रमण करने का उल्लेख है। सुधन्वा [[सीता]] से [[विवाह]] करने का इच्छुक था। जनक के साथ युद्ध में सुधन्वा मारा गया तथा सांकाश्य के राज्य का शासक जनक ने अपने भाई 'कुशध्वज' को बना दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांकाश्य]]
{निम्न में से किस नगरी की स्थापना राक्षसों के राजा [[मधु दैत्य|मधु]] ने की थी?
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-[[अनुराधापुर]]
-[[दंडकारण्य]]
+मधुपुरी
-[[अंताखी]]
{[[रामायण]] में कुल कितने अध्याय हैं?
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08:18, 12 अप्रैल 2012 का अवतरण

सिन्टॅक्स त्रुटि

1 राम और हनुमान का मिलन किस पर्वत के पास हुआ था?

ऋष्यमूक
गंधमादन
कैलास
पारसनाथ

2 हनुमान के पिता का नाम क्या था?

सुग्रीव
जामवन्त
केसरी
इनमें से कोई नहीं

3 निम्न में से किसने हनुमान की ठोड़ी पर वज्र से प्रहार किया था?

इन्द्र
परशुराम
रावण
मेघनाद

4 निम्नलिखित में से शत्रुघ्न के पुत्र कौन थे?

अंगद
सुबाहु
अंशुमान
कुश

5 किस ऋषि ने श्री राम के सामने ही योगाग्नि से अपने शरीर को भस्म कर लिया?

जैमिनि
त्रिजट
गौतम
शरभंग

7 राम को वानर राज सुग्रीव से मित्रता की सलाह किसने दी थी?

अहिल्या
कैकसी
शबरी
इनमें से कोई नहीं

8 निम्न में से किस स्त्री को मतंग ऋषि ने आश्रय प्रदान किया?

सीता
शबरी
उर्मिला
देवयानी

9 निम्न में से किस वानर ने दुंदुभी दैत्य का वध किया था?

नल
सुग्रीव
बालि
अंगद

10 लंका के राजा रावण की पुत्री का क्या नाम था?

अवली
रेणुका
ताड़का
दमयंती

11 श्री राम की सेना में विश्वकर्मा के अंश अवतार कौन थे?

जामवन्त
नील
सुग्रीव
नल

12 ब्रह्मा ने 'ब्रह्माशिर' नामक अस्त्र किसे प्रदान किया था?

रावण
कुम्भकर्ण
राम
मेघनाद

13 राजा जनक के भाई कुशध्वज किस नगर के राजा थे?

सांकाश्य
मिथिला
साकेत
अश्वतीर्थ

14 निम्न में से किस नगरी की स्थापना राक्षसों के राजा मधु ने की थी?

अनुराधापुर
दंडकारण्य
मधुपुरी
अंताखी

15 रामायण में कुल कितने अध्याय हैं?

???
???
???
5