"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर
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||[[दुंदुभी दैत्य|दुंदुभी]] [[कैलास पर्वत]] के समान एक विशाल [[दैत्य]] था, जिसमें हज़ार [[हाथी|हाथियों]] का बल था। एक भयंकर युद्ध में दुंदुभी का वध [[बालि]] के हाथों हुआ, जिसने उसके शव को उठाकर एक [[योजन]] दूर फेंक दिया। मार्ग में उसके मुँह से निकली [[रक्त]] की बूंदें महर्षि मतंग के आश्रम पर जाकर गिरीं। महर्षि मतंग ने बालि को शाप दिया कि वह और उसके वानरों में से कोई यदि उनके आश्रम के पास एक योजन की दूरी तक आयेगा तो मर जायेगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दुंदुभी दैत्य]] | ||[[दुंदुभी दैत्य|दुंदुभी]], [[कैलास पर्वत]] के समान एक विशाल [[दैत्य]] था, जिसमें हज़ार [[हाथी|हाथियों]] का बल था। एक भयंकर युद्ध में दुंदुभी का वध [[बालि]] के हाथों हुआ, जिसने उसके शव को उठाकर एक [[योजन]] दूर फेंक दिया। मार्ग में उसके मुँह से निकली [[रक्त]] की बूंदें महर्षि मतंग के आश्रम पर जाकर गिरीं। महर्षि मतंग ने बालि को शाप दिया कि वह और उसके वानरों में से कोई यदि उनके आश्रम के पास एक योजन की दूरी तक आयेगा तो मर जायेगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दुंदुभी दैत्य]] | ||
{[[लंका]] के राजा [[रावण]] की पुत्री का क्या नाम था? | {[[लंका]] के राजा [[रावण]] की पुत्री का क्या नाम था? | ||
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|| [[रामायण]] में राम-सेना के एक प्रसिद्ध वानर [[नल (रामायण)|नल]] और [[नील]], [[विश्वकर्मा]] के अंशावतार थे। दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर राम ने [[समुद्र]] की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने [[सगर]] पुत्रों से संबंधित होकर अपने को [[इक्ष्वाकु]] वंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दिया और उसने कहा-'सेना में नल नामक [[विश्वकर्मा]] का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' | || [[रामायण]] में राम-सेना के एक प्रसिद्ध वानर [[नल (रामायण)|नल]] और [[नील]], [[विश्वकर्मा]] के अंशावतार थे। दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर राम ने [[समुद्र]] की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने [[सगर]] पुत्रों से संबंधित होकर अपने को [[इक्ष्वाकु]] वंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दिया और उसने कहा-'सेना में नल नामक [[विश्वकर्मा]] का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' | ||
11:00, 21 मई 2012 का अवतरण
रामायण सामान्य ज्ञान
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