"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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{'[[नाथुला दर्रा]]' किस राज्य में स्थित है?(ल्यूसेंट, पृ. 332, प्र. 9) | {'[[नाथुला दर्रा]]' किस राज्य में स्थित है?(ल्यूसेंट, पृ. 332, प्र. 9) | ||
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-[[मणिपुर]] | -[[मणिपुर]] | ||
||[[चित्र:Nathula-Pass.jpg|100px|right|नाथुला दर्रा]][[सिक्किम]] [[भारत]] का एक पर्वतीय राज्य है। इसकी जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल [[गोवा]] के बाद न्यूनतम है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में [[नेपाल]], उत्तर और पूर्व में चीनी [[तिब्बत]] क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में [[भूटान]] से घिरा हुआ है। भारत का [[पश्चिम बंगाल]] राज्य इसके दक्षिण में है। [[नाथुला दर्रा]] सिक्किम की डोगेक्या श्रेणी में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिक्किम]] | ||[[चित्र:Nathula-Pass.jpg|100px|right|नाथुला दर्रा]][[सिक्किम]] [[भारत]] का एक पर्वतीय राज्य है। इसकी जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल [[गोवा]] के बाद न्यूनतम है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में [[नेपाल]], उत्तर और पूर्व में चीनी [[तिब्बत]] क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में [[भूटान]] से घिरा हुआ है। भारत का [[पश्चिम बंगाल]] राज्य इसके दक्षिण में है। [[नाथुला दर्रा]] सिक्किम की डोगेक्या श्रेणी में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिक्किम]] | ||
{[[पृथ्वी]] की सबसे ऊपरी परत के लिए सर्वप्रथम 'सियाल' शब्द का प्रयोग किसने किया?(ल्यूसेंट, पृ. 254, प्र. 7) | {[[पृथ्वी]] की सबसे ऊपरी परत के लिए सर्वप्रथम 'सियाल' शब्द का प्रयोग किसने किया?(ल्यूसेंट, पृ. 254, प्र. 7) | ||
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+स्वेस | +स्वेस | ||
-डेली | -डेली | ||
{[[लोएस]] [[पठार]] कहाँ स्थित है?(ल्यूसेंट, पृ. 264, प्र. 43) | |||
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-मलाया में | |||
-[[थाईलैण्ड]] में | |||
-कोरिया में | |||
+[[चीन]] में | |||
||'लोएस' मरुस्थलीय क्षेत्रों के बाहर पवन द्वारा उड़ाकर लाए गए धूल व [[मिट्टी]] के महीन कणों के वृहद जमाव को कहा जाता है। ये कण इतने महीन होते हैं कि हवा इन्हें बहुत दूर तक उड़ा ले जाती है। [[लोएस]] के जमाव में अन्य अवसादी चट्टानों की भांति संस्तरों का पूर्णत: अभाव होता है। उत्तरी [[चीन]] में कई सौ मीटर की मोटाई वाला लोएस का जमाव पाया जाता है, जिसका निर्माण मध्य [[एशिया]] के [[गोबी मरुस्थल]] से पवन द्वारा उड़ाकर लाई गई मिट्टियों से हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोएस]] | |||
{[[अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा]] का निर्धारण किस वर्ष किया गया था?(ल्यूसेंट, पृ. 257, प्र. 2) | {[[अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा]] का निर्धारण किस वर्ष किया गया था?(ल्यूसेंट, पृ. 257, प्र. 2) | ||
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||[[चित्र:Tsunamiwave.jpg|right|100px|सुनामी लहर का गठन]]'सुनामी' आने का सबसे प्रमुख कारण [[भूकंप]] होता है। लेकिन [[ज्वालामुखी]] के फटने, धरती की प्लेटों के खिसकने, वायुमंडलीय दबाव, [[समुद्र]] के भीतर विस्फोट और [[उल्का|उल्काओं]] के प्रभाव के कारण भी [[सुनामी]] आती है। सुनामी चौतरफा बवंडर की तरह होती है। इसकी हवा की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है। 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से लेकर 700 किलोमीटर प्रतिघंटा तक इसकी रफ्तार हो सकती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]] | ||[[चित्र:Tsunamiwave.jpg|right|100px|सुनामी लहर का गठन]]'सुनामी' आने का सबसे प्रमुख कारण [[भूकंप]] होता है। लेकिन [[ज्वालामुखी]] के फटने, धरती की प्लेटों के खिसकने, वायुमंडलीय दबाव, [[समुद्र]] के भीतर विस्फोट और [[उल्का|उल्काओं]] के प्रभाव के कारण भी [[सुनामी]] आती है। सुनामी चौतरफा बवंडर की तरह होती है। इसकी हवा की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है। 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से लेकर 700 किलोमीटर प्रतिघंटा तक इसकी रफ्तार हो सकती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]] | ||
{[[ | {[[सूर्य]] के चारों ओर चक्कर लगाते [[ग्रह]] का वेग-(ल्यूसेंट, पृ. 249, प्र. 10) | ||
|type="()"} | |||
-नियत रहता है। | |||
+अधिकतम होता है, जब सूर्य के समीप होता है। | |||
-अधिकतम होता है, जब [[सूर्य]] से दूर होता है। | |||
-उपरोक्त में से कोई नहीं। | |||
{एक [[ग्रह]] की अपने कक्ष में [[सूर्य]] से अधिकतम दूरी को क्या कहा जाता है?(ल्यूसेंट, पृ. 249, प्र. 27) | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -उपसौर | ||
+अपसौर | |||
- | -अपोजी | ||
-पेरिजी | |||
{विश्व का सर्वाधिक ऊँचा [[पठार]] निम्नलिखित में से कौन-सा है?(ल्यूसेंट, पृ. 264, प्र. 41) | {विश्व का सर्वाधिक ऊँचा [[पठार]] निम्नलिखित में से कौन-सा है?(ल्यूसेंट, पृ. 264, प्र. 41) | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[चित्र:Andaman-Sea.jpg|right|100px|अंडमान सागर]]'अंडमान सागर' 7,98,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल वाला [[सागर]] है, जो [[हिंद महासागर]] का पूर्वोत्तर भाग है। बेसिन, मॉलमेन, तॅवॉय, मर्गुई जैसे बंदरगाहों और [[यांगून]] (भूतपूर्व [[रंगून]]) के रास्ते [[म्यांमार]] (भूतपूर्व [[बर्मा]]) व अन्य देशों के बीच यह सबसे महत्वपूर्ण सामुद्रिक कड़ी है। इस सागर में [[खनिज संसाधन]] भी सीमित हैं, लेकिन [[मलेशिया]] और [[थाईलैंड]] के तटों पर [[टिन|टिन धातु]] पाई जाती है। प्राचीन काल से ही [[अंडमान सागर]] में व्यापारिक समुद्री जहाज़ आते रहे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंडमान सागर]] | ||[[चित्र:Andaman-Sea.jpg|right|100px|अंडमान सागर]]'अंडमान सागर' 7,98,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल वाला [[सागर]] है, जो [[हिंद महासागर]] का पूर्वोत्तर भाग है। बेसिन, मॉलमेन, तॅवॉय, मर्गुई जैसे बंदरगाहों और [[यांगून]] (भूतपूर्व [[रंगून]]) के रास्ते [[म्यांमार]] (भूतपूर्व [[बर्मा]]) व अन्य देशों के बीच यह सबसे महत्वपूर्ण सामुद्रिक कड़ी है। इस सागर में [[खनिज संसाधन]] भी सीमित हैं, लेकिन [[मलेशिया]] और [[थाईलैंड]] के तटों पर [[टिन|टिन धातु]] पाई जाती है। प्राचीन काल से ही [[अंडमान सागर]] में व्यापारिक समुद्री जहाज़ आते रहे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंडमान सागर]] | ||
{[[आदम चोटी|आदम की चोटी]] किस देश में स्थित है?(भारतकोश) | {[[आदम चोटी|आदम की चोटी]] किस देश में स्थित है?(भारतकोश) | ||
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+फ़िनलैण्ड | +फ़िनलैण्ड | ||
-आइसलैण्ड | -आइसलैण्ड | ||
{निम्न में से कौन-सी नदी मुंगेर पहाड़ी से निकलती है?(भारतकोश) | |||
|type="()"} | |||
-[[अनोमा नदी|अनोमा]] | |||
-[[भीमरथी नदी|भीमरथी]] | |||
+[[इन्द्रावती नदी|इन्द्रावती]] | |||
-[[पेनगंगा नदी|पेनगंगा]] | |||
||[[चित्र:Chitrakote-Falls.jpg|right|120px|चित्रकूट जलप्रपात]]'इन्द्रावती नदी' [[कालाहांडी ज़िला|कालाहांडी ज़िले]] ([[उड़ीसा]]) के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची मुंगेर पहाड़ी से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किलोमीटर दूर पर [[चित्रकूट जलप्रपात]] बनाती है, जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकलकर भूपालपटनम् के पास [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] में गिरती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इन्द्रावती नदी|इन्द्रावती]] | |||
{किसी स्थान विशेष की [[वर्षा]] निर्भर करती है-(ल्यूसेंट, पृ. 270, प्र. 12) | {किसी स्थान विशेष की [[वर्षा]] निर्भर करती है-(ल्यूसेंट, पृ. 270, प्र. 12) |
08:32, 3 जून 2012 का अवतरण
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