"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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{'[[नाथुला दर्रा]]' किस राज्य में स्थित है? | {'[[नाथुला दर्रा]]' किस राज्य में स्थित है? | ||
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-[[उत्तराखण्ड]] | -[[उत्तराखण्ड]] | ||
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||[[चित्र:Nathula-Pass.jpg|100px|right|नाथुला दर्रा]][[सिक्किम]] [[भारत]] का एक पर्वतीय राज्य है। इसकी जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल [[गोवा]] के बाद न्यूनतम है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में [[नेपाल]], उत्तर और पूर्व में चीनी [[तिब्बत]] क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में [[भूटान]] से घिरा हुआ है। भारत का [[पश्चिम बंगाल]] राज्य इसके दक्षिण में है। [[नाथुला दर्रा]] सिक्किम की डोगेक्या श्रेणी में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिक्किम]] | ||[[चित्र:Nathula-Pass.jpg|100px|right|नाथुला दर्रा]][[सिक्किम]] [[भारत]] का एक पर्वतीय राज्य है। इसकी जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल [[गोवा]] के बाद न्यूनतम है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में [[नेपाल]], उत्तर और पूर्व में चीनी [[तिब्बत]] क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में [[भूटान]] से घिरा हुआ है। भारत का [[पश्चिम बंगाल]] राज्य इसके दक्षिण में है। [[नाथुला दर्रा]] सिक्किम की डोगेक्या श्रेणी में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिक्किम]] | ||
{[[पृथ्वी]] की सबसे ऊपरी परत के लिए सर्वप्रथम 'सियाल' शब्द का प्रयोग किसने किया? | {[[पृथ्वी]] की सबसे ऊपरी परत के लिए सर्वप्रथम 'सियाल' शब्द का प्रयोग किसने किया? | ||
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-होम्स | -होम्स | ||
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-डेली | -डेली | ||
{[[लोएस]] [[पठार]] कहाँ स्थित है? | {[[लोएस]] [[पठार]] कहाँ स्थित है? | ||
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-मलाया में | -मलाया में | ||
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||'लोएस' मरुस्थलीय क्षेत्रों के बाहर पवन द्वारा उड़ाकर लाए गए धूल व [[मिट्टी]] के महीन कणों के वृहद जमाव को कहा जाता है। ये कण इतने महीन होते हैं कि हवा इन्हें बहुत दूर तक उड़ा ले जाती है। [[लोएस]] के जमाव में अन्य अवसादी चट्टानों की भांति संस्तरों का पूर्णत: अभाव होता है। उत्तरी [[चीन]] में कई सौ मीटर की मोटाई वाला लोएस का जमाव पाया जाता है, जिसका निर्माण मध्य [[एशिया]] के [[गोबी मरुस्थल]] से पवन द्वारा उड़ाकर लाई गई मिट्टियों से हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोएस]] | ||'लोएस' मरुस्थलीय क्षेत्रों के बाहर पवन द्वारा उड़ाकर लाए गए धूल व [[मिट्टी]] के महीन कणों के वृहद जमाव को कहा जाता है। ये कण इतने महीन होते हैं कि हवा इन्हें बहुत दूर तक उड़ा ले जाती है। [[लोएस]] के जमाव में अन्य अवसादी चट्टानों की भांति संस्तरों का पूर्णत: अभाव होता है। उत्तरी [[चीन]] में कई सौ मीटर की मोटाई वाला लोएस का जमाव पाया जाता है, जिसका निर्माण मध्य [[एशिया]] के [[गोबी मरुस्थल]] से पवन द्वारा उड़ाकर लाई गई मिट्टियों से हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोएस]] | ||
{[[अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा]] का निर्धारण किस वर्ष किया गया था? | {[[अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा]] का निर्धारण किस वर्ष किया गया था? | ||
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-1662 ई. | -1662 ई. | ||
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-[[1947]] ई. | -[[1947]] ई. | ||
{अन्त: सागरीय [[भूकम्प|भूकम्पों]] द्वारा उत्पन्न समुद्री लहरों को क्या कहा जाता है? | {अन्त: सागरीय [[भूकम्प|भूकम्पों]] द्वारा उत्पन्न समुद्री लहरों को क्या कहा जाता है? | ||
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-सर्क | -सर्क | ||
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||[[चित्र:Tsunamiwave.jpg|right|100px|सुनामी लहर का गठन]]'सुनामी' आने का सबसे प्रमुख कारण [[भूकंप]] होता है। लेकिन [[ज्वालामुखी]] के फटने, धरती की प्लेटों के खिसकने, वायुमंडलीय दबाव, [[समुद्र]] के भीतर विस्फोट और [[उल्का|उल्काओं]] के प्रभाव के कारण भी [[सुनामी]] आती है। सुनामी चौतरफा बवंडर की तरह होती है। इसकी हवा की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है। 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से लेकर 700 किलोमीटर प्रतिघंटा तक इसकी रफ्तार हो सकती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]] | ||[[चित्र:Tsunamiwave.jpg|right|100px|सुनामी लहर का गठन]]'सुनामी' आने का सबसे प्रमुख कारण [[भूकंप]] होता है। लेकिन [[ज्वालामुखी]] के फटने, धरती की प्लेटों के खिसकने, वायुमंडलीय दबाव, [[समुद्र]] के भीतर विस्फोट और [[उल्का|उल्काओं]] के प्रभाव के कारण भी [[सुनामी]] आती है। सुनामी चौतरफा बवंडर की तरह होती है। इसकी हवा की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है। 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से लेकर 700 किलोमीटर प्रतिघंटा तक इसकी रफ्तार हो सकती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]] | ||
{[[सूर्य]] के चारों ओर चक्कर लगाते [[ग्रह]] का वेग- | {[[सूर्य]] के चारों ओर चक्कर लगाते [[ग्रह]] का वेग- | ||
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-नियत रहता है। | -नियत रहता है। | ||
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-उपरोक्त में से कोई नहीं। | -उपरोक्त में से कोई नहीं। | ||
{एक [[ग्रह]] की अपने कक्ष में [[सूर्य]] से अधिकतम दूरी को क्या कहा जाता है? | {एक [[ग्रह]] की अपने कक्ष में [[सूर्य]] से अधिकतम दूरी को क्या कहा जाता है? | ||
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-उपसौर | -उपसौर | ||
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-पेरिजी | -पेरिजी | ||
{विश्व का सर्वाधिक ऊँचा [[पठार]] निम्नलिखित में से कौन-सा है? | {विश्व का सर्वाधिक ऊँचा [[पठार]] निम्नलिखित में से कौन-सा है? | ||
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+[[तिब्बत]] का पठार | +[[तिब्बत]] का पठार | ||
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||[[चित्र:Tibet- Lhasa -Potala-Palace.jpg|right|120px|पोटाला महल, ल्हासा (तिब्बत)]]'तिब्बत' मध्य [[एशिया]] का प्रमुख पठार है। सातवीं शताब्दी में [[तिब्बत]] के राजा स्त्रोङ्गचन्-स्त्राम्-पो (लगभग 626-98 ई.) ने [[बौद्ध धर्म]] ग्रहण कर लिया और थोवमी-सम्भोटा नामक तिब्बती विद्वान को [[भारत]] भेजा, जिसने बौद्ध धर्म सम्बन्धी कुछ [[ग्रंथ]] इकट्ठे किए और पश्चिमी गुप्त-लिपि को तिब्बत ले गया, जो [[देवनागरी लिपि]] से काफ़ी मिलती जुलती थी। यही [[लिपि]] तिब्बती [[वर्णमाला (व्याकरण)|वर्णमाला]] का आधार बनी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तिब्बत]] | ||[[चित्र:Tibet- Lhasa -Potala-Palace.jpg|right|120px|पोटाला महल, ल्हासा (तिब्बत)]]'तिब्बत' मध्य [[एशिया]] का प्रमुख पठार है। सातवीं शताब्दी में [[तिब्बत]] के राजा स्त्रोङ्गचन्-स्त्राम्-पो (लगभग 626-98 ई.) ने [[बौद्ध धर्म]] ग्रहण कर लिया और थोवमी-सम्भोटा नामक तिब्बती विद्वान को [[भारत]] भेजा, जिसने बौद्ध धर्म सम्बन्धी कुछ [[ग्रंथ]] इकट्ठे किए और पश्चिमी गुप्त-लिपि को तिब्बत ले गया, जो [[देवनागरी लिपि]] से काफ़ी मिलती जुलती थी। यही [[लिपि]] तिब्बती [[वर्णमाला (व्याकरण)|वर्णमाला]] का आधार बनी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तिब्बत]] | ||
{मेघ गर्जन वायुमण्डल की किस परत में होता है? | {मेघ गर्जन वायुमण्डल की किस परत में होता है? | ||
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-आयन मण्डल | -आयन मण्डल | ||
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-समताप मण्डल | -समताप मण्डल | ||
{[[पृथ्वी]] का पाँचवाँ सबसे बड़ा [[द्वीप]] कौन-सा है? | {[[पृथ्वी]] का पाँचवाँ सबसे बड़ा [[द्वीप]] कौन-सा है? | ||
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-[[अफ़्रीका]] | -[[अफ़्रीका]] | ||
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||[[चित्र:Antarctica.jpg|right|120px|अंटार्कटिका महाद्वीप]]'अंटार्कटिका महाद्वीप' सातों [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] में से सबसे ठंडा महाद्वीप है। [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] [[पृथ्वी]] का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह [[एशिया]], [[अफ्रीका]], [[उत्तरी अमेरिका]] और [[दक्षिणी अमेरिका]] के बाद पृथ्वी का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ़ से आच्छादित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] | ||[[चित्र:Antarctica.jpg|right|120px|अंटार्कटिका महाद्वीप]]'अंटार्कटिका महाद्वीप' सातों [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] में से सबसे ठंडा महाद्वीप है। [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] [[पृथ्वी]] का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह [[एशिया]], [[अफ्रीका]], [[उत्तरी अमेरिका]] और [[दक्षिणी अमेरिका]] के बाद पृथ्वी का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ़ से आच्छादित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] | ||
{निम्न में से कौन-सा [[सागर]] [[हिन्द महासागर]] का पूर्वोत्तर भाग है? | {निम्न में से कौन-सा [[सागर]] [[हिन्द महासागर]] का पूर्वोत्तर भाग है? | ||
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-[[अरब सागर]] | -[[अरब सागर]] | ||
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||[[चित्र:Andaman-Sea.jpg|right|100px|अंडमान सागर]]'अंडमान सागर' 7,98,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल वाला [[सागर]] है, जो [[हिंद महासागर]] का पूर्वोत्तर भाग है। बेसिन, मॉलमेन, तॅवॉय, मर्गुई जैसे बंदरगाहों और [[यांगून]] (भूतपूर्व [[रंगून]]) के रास्ते [[म्यांमार]] (भूतपूर्व [[बर्मा]]) व अन्य देशों के बीच यह सबसे महत्वपूर्ण सामुद्रिक कड़ी है। इस सागर में [[खनिज संसाधन]] भी सीमित हैं, लेकिन [[मलेशिया]] और [[थाईलैंड]] के तटों पर [[टिन|टिन धातु]] पाई जाती है। प्राचीन काल से ही [[अंडमान सागर]] में व्यापारिक समुद्री जहाज़ आते रहे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंडमान सागर]] | ||[[चित्र:Andaman-Sea.jpg|right|100px|अंडमान सागर]]'अंडमान सागर' 7,98,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल वाला [[सागर]] है, जो [[हिंद महासागर]] का पूर्वोत्तर भाग है। बेसिन, मॉलमेन, तॅवॉय, मर्गुई जैसे बंदरगाहों और [[यांगून]] (भूतपूर्व [[रंगून]]) के रास्ते [[म्यांमार]] (भूतपूर्व [[बर्मा]]) व अन्य देशों के बीच यह सबसे महत्वपूर्ण सामुद्रिक कड़ी है। इस सागर में [[खनिज संसाधन]] भी सीमित हैं, लेकिन [[मलेशिया]] और [[थाईलैंड]] के तटों पर [[टिन|टिन धातु]] पाई जाती है। प्राचीन काल से ही [[अंडमान सागर]] में व्यापारिक समुद्री जहाज़ आते रहे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंडमान सागर]] | ||
{[[आदम चोटी|आदम की चोटी]] किस देश में स्थित है? | {[[आदम चोटी|आदम की चोटी]] किस देश में स्थित है? | ||
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-[[चीन]] | -[[चीन]] | ||
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||[[चित्र:Sri-Lanka-Flag.png|right|140px|श्रीलंका का राष्ट्रीय ध्वज]]दक्षिण [[एशिया]] में [[हिन्द महासागर]] के उत्तरवर्ती भाग में स्थित [[श्रीलंका]] एक द्वीपीय देश है। यह [[भारत]] के दक्षिण में स्थित है। इस देश की दूरी महज 31 कि.मी. है। श्रीलंका का सबसे बड़ा शहर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है। 'पूर्व का मोती' के नाम से भी यह देश जाना जाता है। हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित इस द्वीप राष्ट्र की भूमि केन्द्रीय पहाड़ों तथा तटीय मैदानों से मिलकर बनी है। श्रीलंका में स्थित 'एलीफेन्टा दर्रा' एक प्रमुख मार्ग है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीलंका]] | ||[[चित्र:Sri-Lanka-Flag.png|right|140px|श्रीलंका का राष्ट्रीय ध्वज]]दक्षिण [[एशिया]] में [[हिन्द महासागर]] के उत्तरवर्ती भाग में स्थित [[श्रीलंका]] एक द्वीपीय देश है। यह [[भारत]] के दक्षिण में स्थित है। इस देश की दूरी महज 31 कि.मी. है। श्रीलंका का सबसे बड़ा शहर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है। 'पूर्व का मोती' के नाम से भी यह देश जाना जाता है। हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित इस द्वीप राष्ट्र की भूमि केन्द्रीय पहाड़ों तथा तटीय मैदानों से मिलकर बनी है। श्रीलंका में स्थित 'एलीफेन्टा दर्रा' एक प्रमुख मार्ग है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीलंका]] | ||
{निम्न में से कौन-सा देश अंगुलीनुमा [[झील|झीलों]] के लिए प्रसिद्ध है? | {निम्न में से कौन-सा देश अंगुलीनुमा [[झील|झीलों]] के लिए प्रसिद्ध है? | ||
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-नार्वे | -नार्वे | ||
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-आइसलैण्ड | -आइसलैण्ड | ||
{निम्न में से कौन-सी नदी मुंगेर पहाड़ी से निकलती है? | {निम्न में से कौन-सी नदी मुंगेर पहाड़ी से निकलती है? | ||
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-[[अनोमा नदी|अनोमा]] | -[[अनोमा नदी|अनोमा]] | ||
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||[[चित्र:Chitrakote-Falls.jpg|right|120px|चित्रकूट जलप्रपात]]'इन्द्रावती नदी' [[कालाहांडी ज़िला|कालाहांडी ज़िले]] ([[उड़ीसा]]) के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची मुंगेर पहाड़ी से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किलोमीटर दूर पर [[चित्रकूट जलप्रपात]] बनाती है, जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकलकर भूपालपटनम् के पास [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] में गिरती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इन्द्रावती नदी|इन्द्रावती]] | ||[[चित्र:Chitrakote-Falls.jpg|right|120px|चित्रकूट जलप्रपात]]'इन्द्रावती नदी' [[कालाहांडी ज़िला|कालाहांडी ज़िले]] ([[उड़ीसा]]) के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची मुंगेर पहाड़ी से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किलोमीटर दूर पर [[चित्रकूट जलप्रपात]] बनाती है, जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकलकर भूपालपटनम् के पास [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] में गिरती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इन्द्रावती नदी|इन्द्रावती]] | ||
{किसी स्थान विशेष की [[वर्षा]] निर्भर करती है- | {किसी स्थान विशेष की [[वर्षा]] निर्भर करती है- | ||
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+[[पर्वत|पर्वतों]] की दिशा पर | +[[पर्वत|पर्वतों]] की दिशा पर | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{[[नील नदी]] के डेल्टा क्षेत्र में सर्दी के मौसम में कौन-सी फ़सल उगायी जाती है? | {[[नील नदी]] के डेल्टा क्षेत्र में सर्दी के मौसम में कौन-सी फ़सल उगायी जाती है? | ||
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-[[चावल]] | -[[चावल]] | ||
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08:35, 3 जून 2012 का अवतरण
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