"ऊँचडीह": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:


{{सूचना बक्सा पर्यटन
{{सूचना बक्सा पर्यटन
पंक्ति 46: पंक्ति 45:
ऊँचडीह गाँव में पुरातात्विक महत्व के कई [[अवशेष]] पाए गए है,भग्न मुर्तियाँ,पत्थरो पर बनी प्राचीन कालाकृतियाँ तथा शिलाखंड प्रमुख है।
ऊँचडीह गाँव में पुरातात्विक महत्व के कई [[अवशेष]] पाए गए है,भग्न मुर्तियाँ,पत्थरो पर बनी प्राचीन कालाकृतियाँ तथा शिलाखंड प्रमुख है।


[[चित्र:Unchdeeh1.jpg|250px|thumb|right|ऊँचडीह के भग्नावशेष]]  
[[चित्र:Unchdeeh1.jpg|250px|thumb|left|ऊँचडीह के भग्नावशेष]]  
यहाँ के प्राप्त अवशेष [[महाभारत]] कालीन व [[बौद्ध]] कालीन प्रतीत होते है।प्राप्त अवशेष भग्न अवस्था मे है।
यहाँ के प्राप्त अवशेष [[महाभारत]] कालीन व [[बौद्ध]] कालीन प्रतीत होते है।प्राप्त अवशेष भग्न अवस्था मे है।



12:59, 6 जून 2012 का अवतरण


ऊँचडीह
ऊँचडीह के अवशेष
ऊँचडीह के अवशेष
विवरण ऊँचडीह एक ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ पर प्राचीन अवशेष मिले हैं।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला प्रतापगढ़ ज़िला
मार्ग स्थिति इलाहाबाद जंक्शन से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है।
संबंधित लेख भयहरणनाथ धाम भाषा हिंदी, अंग्रेजी
अद्यतन‎
ऊँचडीह के भग्नावशेष

ऊँचडीह,तीर्थराज प्रयाग से लगभग 40 किमी दूरी पर उत्तर दिशा मे प्रतापगढ़ इलाहाबाद के जनपदीय सीमा पर स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है,जो महाभारत कालीन बाबा भयहरणनाथ धाम के समीप है।

ऊँचडीह गाँव में पुरातात्विक महत्व के कई अवशेष पाए गए है,भग्न मुर्तियाँ,पत्थरो पर बनी प्राचीन कालाकृतियाँ तथा शिलाखंड प्रमुख है।

ऊँचडीह के भग्नावशेष

यहाँ के प्राप्त अवशेष महाभारत कालीन व बौद्ध कालीन प्रतीत होते है।प्राप्त अवशेष भग्न अवस्था मे है।

पौराणिक व ग्रामवासियो के मान्यताओ के अनुसार,ऊँचडीह राक्षस बकासुर का एक निवास क्षेत्र था और बकासुर का वध महाबली भीम द्वारा भयहरणनाथ के निकट ऊँचडीह मे हुआ था।प्रतापगढ़ जिले बौद्धकालीन सूर्य मंदिर व तीर्थ भयहरणनाथ मंदिर ऊँचडीह गाँव के निकट स्थित है।





पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख