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*यहाँ के खंडहरों में से एक महत्त्वपूर्ण नारी मूर्ति मिली है, जिसे स्थानीय लोग 'रुक्मिणी' कहते हैं। यह मूर्ति शीर्षाविहीन है। | *यहाँ के खंडहरों में से एक महत्त्वपूर्ण नारी मूर्ति मिली है, जिसे स्थानीय लोग 'रुक्मिणी' कहते हैं। यह मूर्ति शीर्षाविहीन है। | ||
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14:07, 15 जून 2012 का अवतरण
नोहखेड़ा एटा, उत्तर प्रदेश से लगभग 20 मील (लगभग 32 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर दक्षिण की ओर गुप्त एवं मध्य काल के खंडहर एक विशाल ढूह के रूप में पड़े हुए हैं।[1]
- यहाँ के खंडहरों में से एक महत्त्वपूर्ण नारी मूर्ति मिली है, जिसे स्थानीय लोग 'रुक्मिणी' कहते हैं। यह मूर्ति शीर्षाविहीन है।
- एक अनुश्रुति के अनुसार इस स्थान के समीप महाभारत कालीन 'कुंडलपुर' या 'कुंडिनपुर' नामक नगर बसा हुआ था, जिसका संबंध राजा भीष्मक की कन्या रुक्मिणी की मनोरंजक कथा से बताया जाता है। किन्तु यह विचार ठीक नहीं जान पड़ता, क्योंकि रुक्मिणी के पिता की राजधानी 'कुंडिनपुर' (विदर्भ या बरार) में थी।
- नौहखेड़ा से 3 मील दूर नरौली में प्राचीन हिन्दू मंदिरों के अनेक अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 510 |