"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
-[[वीणा]] और [[तबला]] | -[[वीणा]] और [[तबला]] | ||
-[[तानपुरा]] और [[मृदंग]] | -[[तानपुरा]] और [[मृदंग]] | ||
||[[चित्र:Sarangi.jpg|right|100px|सारंगी]]'सारंगी' शास्त्रीय संगीत का एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है, जो [[गति]] के शब्दों और अपनी धुन के साथ इस प्रकार से मिलाप करता है कि दोनों की तारतम्यता देखते ही बनती है। [[सारंगी]] मुख्य रूप से गायकी प्रधान वाद्य यंत्र है। इसको 'लहरा' अर्थात अन्य वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी के साथ पेश किया जाता है। [[मुस्लिम]] शासन काल में सारंगी [[नृत्य]] तथा गायन दरबार का प्रमुख [[संगीत]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सारंगी]] | |||
{सत्य महिमा धर्म आन्दोलन की शुरुआत किसने की?(भा.क.सं., पृ. 297, प्र. 629) | {सत्य महिमा धर्म आन्दोलन की शुरुआत किसने की?(भा.क.सं., पृ. 297, प्र. 629) | ||
पंक्ति 47: | पंक्ति 48: | ||
-[[कुचिपुड़ी]] | -[[कुचिपुड़ी]] | ||
-[[मोहिनीअट्टम नृत्य|मोहिनीअट्टम]] | -[[मोहिनीअट्टम नृत्य|मोहिनीअट्टम]] | ||
||[[चित्र:Kathak-Dance.jpg|right|100px|कत्थक नृत्य]]'कत्थक नृत्य' की शैली का जन्म [[ब्राह्मण]] [[पुरोहित|पुरोहितों]] द्वारा [[हिन्दू|हिन्दुओं]] की पारम्परिक पुन: गणना में निहित है, जिन्हें 'कथिक' कहते थे, जो नाटकीय अंदाज में हाव-भावों का उपयोग करते थे। क्रमश: इसमें कथा कहने की शैली और अधिक विकसित हुई, जिससे यह एक [[नृत्य]] रूप बन गया। इस नृत्य को 'नटवरी नृत्य' के नाम से भी जाना जाता है। [[उत्तर भारत]] में [[मुग़ल|मुग़लों]] के आने पर इस नृत्य को शाही दरबार में ले जाया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कत्थक]] | |||
{[[कत्थक नृत्य]] प्रारम्भ करने के तरीके को क्या कहते हैं?(भा.क.सं., पृ. 279, प्र. 248) | {[[कत्थक नृत्य]] प्रारम्भ करने के तरीके को क्या कहते हैं?(भा.क.सं., पृ. 279, प्र. 248) |
06:33, 8 जुलाई 2012 का अवतरण
अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान
|