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'''चंदावर''' [[इटावा ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] में [[यमुना नदी]] के तट पर स्थित एक मध्ययुगीन कस्बा है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=314|url=}}</ref> | '''चंदावर''' [[इटावा ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] में [[यमुना नदी]] के तट पर स्थित एक मध्ययुगीन कस्बा है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=314|url=}}</ref> | ||
14:10, 2 सितम्बर 2012 का अवतरण
चंदावर | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- चंदावर (बहुविकल्पी) |
चंदावर इटावा ज़िला, उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर स्थित एक मध्ययुगीन कस्बा है।[1]
- मुहम्मद ग़ोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराने के पश्चात 1194 ई. में भारत पर पुन: आक्रमण किया था।
- बाद के आक्रमण में ग़ोरी ने पृथ्वीराज के प्रबल प्रतिद्वंदी जयचंद राठौर को चंदावर में पराजित किया।
- जयचंद कन्नौज का राजा था और कहा जाता है कि उसने पृथ्वीराज के ऊपर चढ़ाई करने के लिए ग़ोरी को निमंत्रण दिया था।
- चंदावर के युद्ध में जयचंद मारा गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 314 |