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अमृतराय (जन्म- [[1921]], [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[1996]]) [[उपन्यासकार]], निबन्धकार, समीक्षक, अनुवादक थे। [[अमृत राय]] प्रेमचंद के छोटे बेटे हैं। पिता की तरह मूलतः कहानीकार व उपन्यासकार। श्रेष्ठ अनुवादक व जीवनीकार के रूप में भी ख्याति। व्यंग्यकार और समालोचक भी। प्रेमचंद की जीवनी 'कलम का सिपाही' के लिए [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से सम्मानित। नाट्य-लेखन में भी सक्रिय रहे। अंग्रेजी, बंगला और हिन्दी पर समान अधिकार।इनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। अमृतराय प्रसिद्ध लेखक [[प्रेमचन्द]] के सुपुत्र हँ। ये प्रगतिशील साहित्यकारों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। | अमृतराय (जन्म- [[1921]], [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[1996]]) [[उपन्यासकार]], निबन्धकार, समीक्षक, अनुवादक थे। [[अमृत राय]] प्रेमचंद के छोटे बेटे हैं। पिता की तरह मूलतः कहानीकार व उपन्यासकार। श्रेष्ठ अनुवादक व जीवनीकार के रूप में भी ख्याति। व्यंग्यकार और समालोचक भी। प्रेमचंद की जीवनी 'कलम का सिपाही' के लिए [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से सम्मानित। नाट्य-लेखन में भी सक्रिय रहे। अंग्रेजी, बंगला और हिन्दी पर समान अधिकार।इनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। अमृतराय प्रसिद्ध लेखक [[प्रेमचन्द]] के सुपुत्र हँ। ये प्रगतिशील साहित्यकारों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। | ||
अमृतराय प्रसिद्ध साहित्यकार [[प्रेमचंद]] के पुत्र थे। अमृतराय जी का विवाह [[सुभद्रा कुमारी चौहान]] जी की बेटी सुधा चौहान से हुआ था। इनकी पत्नी सुधा ने सुभद्रा कुमारी चौहान तथा अपने पिता लक्षमण सिंह जी की संयुक्त जीवनी लिखी-' मिला तेज से तेज' | अमृतराय प्रसिद्ध साहित्यकार [[प्रेमचंद]] के पुत्र थे। अमृतराय जी का विवाह [[सुभद्रा कुमारी चौहान]] जी की बेटी सुधा चौहान से हुआ था। इनकी पत्नी सुधा ने सुभद्रा कुमारी चौहान तथा अपने पिता लक्षमण सिंह जी की संयुक्त जीवनी लिखी-' मिला तेज से तेज' | ||
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'स्पार्टाकस' का अनुवाद 'आदिविद्रोही', 'हैमलेट' का, 'समरगाथा'। | 'स्पार्टाकस' का अनुवाद 'आदिविद्रोही', 'हैमलेट' का, 'समरगाथा'। | ||
==पुरस्कार== | ==पुरस्कार== | ||
अमृतराय जी 'कलम का सिपाही' के लिए [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से सम्मानित हैं। | अमृतराय जी 'कलम का सिपाही' के लिए [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से सम्मानित हैं। | ||
==मृत्यु== | ==मृत्यु== | ||
इनका उपन्यास बीज तथा कहानी-संग्रह तिरंगा कफन बहु-चर्चित है। कहानी तथा ललित निबन्ध के लेखन में [[भारत]] विख्यात इस लेखक की मृत्यु सन् [[1996]] ई. में हुई। | इनका उपन्यास बीज तथा कहानी-संग्रह तिरंगा कफन बहु-चर्चित है। कहानी तथा ललित निबन्ध के लेखन में [[भारत]] विख्यात इस लेखक की मृत्यु सन् [[1996]] ई. में हुई। |
13:52, 8 सितम्बर 2012 का अवतरण
अमृतराय
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पूरा नाम | अमृतराय |
जन्म | 1921 |
जन्म भूमि | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 1996 |
पति/पत्नी | सुधा चौहान |
कर्म-क्षेत्र | साहित्य |
मुख्य रचनाएँ | 'प्रेमचन्द', 'कलम का सिपाही', 'बीज' (उपन्यास), 'तिरंगा कफ़न' (कहानी-संग्रह) |
विषय | उपन्यास, निबन्ध, समीक्षा, अनुवाद |
भाषा | हिन्दी |
पुरस्कार-उपाधि | साहित्य अकादमी पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
अमृतराय (जन्म- 1921, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1996) उपन्यासकार, निबन्धकार, समीक्षक, अनुवादक थे। अमृत राय प्रेमचंद के छोटे बेटे हैं। पिता की तरह मूलतः कहानीकार व उपन्यासकार। श्रेष्ठ अनुवादक व जीवनीकार के रूप में भी ख्याति। व्यंग्यकार और समालोचक भी। प्रेमचंद की जीवनी 'कलम का सिपाही' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित। नाट्य-लेखन में भी सक्रिय रहे। अंग्रेजी, बंगला और हिन्दी पर समान अधिकार।इनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। अमृतराय प्रसिद्ध लेखक प्रेमचन्द के सुपुत्र हँ। ये प्रगतिशील साहित्यकारों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
अमृतराय प्रसिद्ध साहित्यकार प्रेमचंद के पुत्र थे। अमृतराय जी का विवाह सुभद्रा कुमारी चौहान जी की बेटी सुधा चौहान से हुआ था। इनकी पत्नी सुधा ने सुभद्रा कुमारी चौहान तथा अपने पिता लक्षमण सिंह जी की संयुक्त जीवनी लिखी-' मिला तेज से तेज' [1]
सम्पादक
प्रेमचंद की बिखरी रचनाओं के संपादन के अतिरिक्त आपने 'हंस' का संपादन अपने ही अंदाज़ में किया। यह 'हंस' और 'नई कहानी' के सम्पादक रहे हैं।
कृतियाँ
'साहित्य में संयुक्त मोर्चा', 'सुबह का रंग', 'लाल धरती', 'नई समीक्षा', 'नागफनी का देश', 'हाथी के दांत', 'अग्निशिखा', 'फांसी के तख्ते से', 'कस्बे का एक दिन', 'गीली मिट्टी', 'कठघरे', 'जंगले', 'सहचिंतन', 'भटियाली', 'आधुनिक भावबोध की संज्ञा', 'बतरस', 'चतुरंग', 'सारंग' और 'धुआं' ।
- 'प्रेमचन्द'
- 'कलम का सिपाही'
- 'बीज' (उपन्यास)
- 'तिरंगा कफ़न' (कहानी-संग्रह)
अनुवाद
'स्पार्टाकस' का अनुवाद 'आदिविद्रोही', 'हैमलेट' का, 'समरगाथा'।
पुरस्कार
अमृतराय जी 'कलम का सिपाही' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं।
मृत्यु
इनका उपन्यास बीज तथा कहानी-संग्रह तिरंगा कफन बहु-चर्चित है। कहानी तथा ललित निबन्ध के लेखन में भारत विख्यात इस लेखक की मृत्यु सन् 1996 ई. में हुई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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