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'''कांकरेज गाय''' [[राजस्थान]] के दक्षिण-पष्चिमी भागों में पाई जाती है, जिनमें [[बाड़मेर]], [[सिरोही]] तथा [[जालौर]] ज़िले मुख्य हैं। इस नस्ल की [[गाय]] प्रतिदिन 5 से 10 लीटर तक [[दूध]] देती है। इस नस्ल के बैल भी अच्छे भार वाहक होते हैं। अतः इसी कारण इस नस्ल के गौवंश को 'द्वि-परियोजनीय नस्ल' कहा जाता है।
'''कांकरेज गाय''' [[राजस्थान]] के दक्षिण-पश्चिमी भागों में पाई जाती है, जिनमें [[बाड़मेर]], [[सिरोही]] तथा [[जालौर]] ज़िले मुख्य हैं। इस नस्ल की [[गाय]] प्रतिदिन 5 से 10 लीटर तक [[दूध]] देती है। इस नस्ल के बैल भी अच्छे भार वाहक होते हैं। अतः इसी कारण इस नस्ल के गौवंश को 'द्वि-परियोजनीय नस्ल' कहा जाता है।


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14:39, 17 सितम्बर 2012 का अवतरण

कांकरेज गाय राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी भागों में पाई जाती है, जिनमें बाड़मेर, सिरोही तथा जालौर ज़िले मुख्य हैं। इस नस्ल की गाय प्रतिदिन 5 से 10 लीटर तक दूध देती है। इस नस्ल के बैल भी अच्छे भार वाहक होते हैं। अतः इसी कारण इस नस्ल के गौवंश को 'द्वि-परियोजनीय नस्ल' कहा जाता है।


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