"आदिगुरु गोरखनाथ की धूनी": अवतरणों में अंतर

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===[[आदिगुरू गोरखनाथ की धूनी]] ===
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आदिगुरू गोरखनाथ की धूनी [[चम्पावत]] से लगभग 33 किमी की दूरी पर स्थित मंच नामक स्थान से इस स्थल हेतु लगभग 1.5 किमी की दूरी पैदल तय करने के उपरांत इस स्थान पर पहुंचा जा सकता है । जनश्रुति है कि यह धूनी सतयुग से लगातार प्रज्वलित है। यह स्थल नैसर्गिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है।  
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चित्र:Mayawati.JPG|[[मायावती अद्वैत आश्रम]] [[चम्पावत]]
चित्र:Moumtavot.JPG||विवेकानन्द का आश्रय स्थल [[चम्पावत]]
चित्र:Mount.JPG|[[एवटमाउन्ट]] की छटा [[चम्पावत]]
चित्र:Vanasur.JPG|वाणासुर किले  का विहंगम दृश्य [[चम्पावत]]
चित्र:Vanasur_1.JPG|वाणासुर किले  का प्रवेश द्वार [[चम्पावत]]
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==संबंधित लेख==
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}




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==संबंधित लेख==
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10:50, 25 सितम्बर 2012 का अवतरण

वाणासुर किले का प्रवेश द्वार

आदिगुरु गोरखनाथ की धूनी चम्पावत से लगभग 33 किमी की दूरी पर स्थित है। चनामक स्थान से इस स्थल हेतु लगभग 1.5 किमी की दूरी पैदल तय करने के उपरांत इस स्थान पर पहुंचा जा सकता है। जनश्रुति है कि यह धूनी सतयुग से लगातार प्रज्वलित है। यह स्थल नैसर्गिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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