"जैन धृति संस्कार": अवतरणों में अंतर

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*इसके बाद सौभाग्यवती नारियाँ गर्भिणी के केशों में तीन माँग निकालें।  
*इसके बाद सौभाग्यवती नारियाँ गर्भिणी के केशों में तीन माँग निकालें।  
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10:43, 2 जून 2010 का अवतरण

  • 'धृति' को 'सीमन्तोन्नयन' अथवा सीमान्त क्रिया भी कहते हैं।
  • इसको सातवें माह के शुभ दिन, नक्षत्र, योग, मुहूर्त आदि में करना चाहिए।
  • इसमें प्रथम संस्कार समान सब विधि कर लेना चाहिए।
  • पश्चात यन्त्र-पूजन एवं हवन करना चाहिए।
  • इसके बाद सौभाग्यवती नारियाँ गर्भिणी के केशों में तीन माँग निकालें।