"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 4": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Jahangir.jpg|100px|right|[[जहाँगीर]]]] जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन् 1569 ई. को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके पिता सम्राट [[अकबर]] ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण | ||[[चित्र:Jahangir.jpg|100px|right|[[जहाँगीर]]]] जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन् 1569 ई. को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके [[पिता]] सम्राट [[अकबर]] ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवन पर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही [[मुग़ल]] सम्राट बना।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]] | ||
{[[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला शैली]] की विशेषता है? | {[[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला शैली]] की विशेषता है? | ||
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{जैमिनी राय ने [[कला]] के किस क्षेत्र में नाम कमाया? | {जैमिनी राय ने [[कला]] के किस क्षेत्र में नाम कमाया? | ||
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-मूर्तिकला | -[[मूर्तिकला]] | ||
-[[संगीत]] | -[[संगीत]] | ||
+[[चित्रकला]] | +[[चित्रकला]] | ||
- | -नाट्यकला | ||
||[[चित्र:Radha-Krishna.jpg|80px|right|[[राधा]]-[[कृष्ण]], द्वारा- [[राजा रवि वर्मा]]]]आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृति है। अपने अंदर के भाव प्रकट किए बिना वह रह नहीं सकता और भावों का आधार होता है, मनुष्य का परिवेश। विद्वानों की मान्यता है कि आदिम काल में जब [[भाषा]] और लिपि-चिह्नों का आविर्भाव नहीं हुआ था, रेखाओं के संकेत से ही व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता था। गुफाओं के अंदर आज जो शिलाचित्र मिलते हैं, वे ही चित्रकला के आदि प्रमाण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्रकला]] | ||[[चित्र:Radha-Krishna.jpg|80px|right|[[राधा]]-[[कृष्ण]], द्वारा- [[राजा रवि वर्मा]]]]आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृति है। अपने अंदर के भाव प्रकट किए बिना वह रह नहीं सकता और भावों का आधार होता है, मनुष्य का परिवेश। विद्वानों की मान्यता है कि आदिम काल में जब [[भाषा]] और लिपि-चिह्नों का आविर्भाव नहीं हुआ था, रेखाओं के संकेत से ही व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता था। गुफाओं के अंदर आज जो शिलाचित्र मिलते हैं, वे ही चित्रकला के आदि प्रमाण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्रकला]] | ||
{[[मुग़ल काल]] में मंसूर कौन था? | {[[मुग़ल काल]] में मंसूर कौन था? | ||
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-कवि | -[[कवि]] | ||
-वास्तुकार | -वास्तुकार | ||
+चित्रकार | +चित्रकार | ||
- | -सूफ़ी संत | ||
{[[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] का संबंध किस राज्य से हैं? | {[[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] का संबंध किस राज्य से हैं? | ||
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-[[जम्मू और कश्मीर]] | -[[जम्मू और कश्मीर]] | ||
-[[पंजाब]] | -[[पंजाब]] | ||
||[[चित्र:Viceregal-Lodge-Shimla.jpg|right|80px|विसिरेजल लॉज, [[शिमला]]]] हिमाचल प्रदेश पश्चिमी [[भारत]] में स्थित राज्य है। यह उत्तर में [[जम्मू और कश्मीर]], पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में [[हरियाणा]] एवं [[उत्तर प्रदेश]], दक्षिण-पूर्व में [[उत्तराखंड]] तथा पूर्व में [[तिब्बत]] से घिरा है। 'हिमाचल' प्रदेश का शाब्दिक अर्थ 'बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल' है। हिमाचल प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिमाचल प्रदेश]] | ||[[चित्र:Viceregal-Lodge-Shimla.jpg|right|80px|विसिरेजल लॉज, [[शिमला]]]] हिमाचल प्रदेश पश्चिमी [[भारत]] में स्थित राज्य है। यह उत्तर में [[जम्मू और कश्मीर]], पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में [[हरियाणा]] एवं [[उत्तर प्रदेश]], दक्षिण-पूर्व में [[उत्तराखंड]] तथा पूर्व में [[तिब्बत]] से घिरा है। 'हिमाचल' प्रदेश का शाब्दिक अर्थ 'बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल' है। हिमाचल प्रदेश को 'देव भूमि' भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिमाचल प्रदेश]] | ||
{'उमा की तपस्या', 'शिव पार्वती', 'बसंत', 'प्रणाम' आदि किस प्रतिभाशाली चित्रकार की उत्कृष्ट कृतियाँ है? | {'उमा की तपस्या', 'शिव पार्वती', 'बसंत', 'प्रणाम' आदि किस प्रतिभाशाली चित्रकार की उत्कृष्ट कृतियाँ है? | ||
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+नन्दलाल बोस | +[[नन्दलाल बोस]] | ||
-जैमिनी राय | -जैमिनी राय | ||
-सतीश गुजराल | -सतीश गुजराल | ||
-एम.एफ. हुसैन | -[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
{'एलीफैण्ट्स बाथिंग इन ग्रीन पुल' निम्नलिखित में से किस चित्रकार की चर्चित कृति है? | {'एलीफैण्ट्स बाथिंग इन ग्रीन पुल' निम्नलिखित में से किस चित्रकार की चर्चित कृति है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-एम. एफ. हुसैन | -[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
-सतीश गुजराल | -सतीश गुजराल | ||
+अमृता शेरगिल | +[[अमृता शेरगिल]] | ||
-विकास | -विकास भट्टाचार्य | ||
||[[चित्र:Amrita-Shergill.jpg|right|100px|अमृता शेरगिल]]'अमृता शेरगिल' ख़ूबसूरत चित्रकारी करने वाले [[चित्रकार|चित्रकारों]] में से एक थीं। अमृता शेरगिल ने कैनवास पर [[भारत]] की एक नई तस्वीर उकेरी। अपनी पेंटिंग्स के बारे में अमृता का कहना था- 'मैंने भारत की आत्मा को एक नया रूप दिया है। यह परिवर्तन सिर्फ विषय का नहीं, बल्कि तकनीकी भी है।' अमृता ने इस प्रकार के यथार्थवादी चित्रों की रचना की थी, जिनकी सारे संसार में चर्चा हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अमृता शेरगिल]] | |||
{'[[दुष्यंत]] को प्रेम-पत्र लिखती शकुंतला' का चित्रण किसने किया है? | {'[[दुष्यंत]] को प्रेम-पत्र लिखती शकुंतला' का सबसे प्रसिद्ध चित्रण किसने किया है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नन्दलाल बोस | -[[नन्दलाल बोस]] | ||
-जैमिनी राय | -जैमिनी राय | ||
+[[राजा रवि वर्मा]] | +[[राजा रवि वर्मा]] | ||
-सतीश गुजराल | -सतीश गुजराल | ||
||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|80px|[[राजा रवि वर्मा]]]] राजा रवि वर्मा (जन्म- 1848; मृत्यु- [[1906]]) [[केरल]] प्रदेश के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय [[साहित्य]] और [[संस्कृति]] के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] महाकाव्यों और [[धर्म]] ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] | ||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|80px|[[राजा रवि वर्मा]]]]राजा रवि वर्मा (जन्म- 1848; मृत्यु- [[1906]]) [[केरल]] प्रदेश के विख्यात [[चित्रकार]] थे। उन्होंने भारतीय [[साहित्य]] और [[संस्कृति]] के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] महाकाव्यों और [[धर्म]] ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] | ||
{मधुबनी चित्रकला शैली का सम्बन्ध किस राज्य से है? | {मधुबनी चित्रकला शैली का सम्बन्ध किस राज्य से है? | ||
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{[[पश्चिम बंगाल]] में फर्शों पर चित्रकारी का कौन-सा रूप प्रसिद्ध है? | {[[पश्चिम बंगाल]] में फर्शों पर चित्रकारी का कौन-सा रूप प्रसिद्ध है? | ||
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-आइपना | -आइपना | ||
+अल्पना | +अल्पना | ||
-रंगोली | -रंगोली | ||
-कोल्लभ | -कोल्लभ | ||
{किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्म के पोस्टरों से की? | {किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्म के पोस्टरों से की? | ||
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-सतीश गुजराल | -सतीश गुजराल | ||
- | -मंजीत बाबा | ||
+एम. एफ. हुसैन | +[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
- | -[[अमृता शेरगिल]] | ||
{बनी-ठनी किस चित्रशैली से सम्बन्धित है? | {बनी-ठनी किस चित्रशैली से सम्बन्धित है? | ||
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-[[चित्रकला राजपूत शैली#जयपुर शैली|जयपुर शैली]] | -[[चित्रकला राजपूत शैली#जयपुर शैली|जयपुर शैली]] | ||
{ | {'इण्डियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्ट' की स्थापना किसने की थी? | ||
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+[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अवनीन्द्र नाथ टैगोर]] | +[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अवनीन्द्र नाथ टैगोर]] | ||
- | -[[नन्दलाल बोस]] | ||
-असित कुमार हलधर | -असित कुमार हलधर | ||
-अमृता शेरगिल | -अमृता शेरगिल | ||
{मधुबनी लोक [[कला]] किस राज्य से सम्बन्धित है? | {मधुबनी लोक [[कला]] किस राज्य से सम्बन्धित है? | ||
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||[[चित्र:Vaishali-Bihar.jpg|right|100px|[[वैशाली]], [[बिहार]]]] बिहार का उल्लेख [[वेद|वेदों]], [[पुराण|पुराणों]] और प्राचीन महाकाव्यों में मिलता है। यह राज्य महात्मा [[बुद्ध]] और 24 जैन [[तीर्थंकर|तीर्थकरों]] की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर [[बिम्बिसार]], [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना करने वाले उदयन, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] और [[अशोक|सम्राट अशोक]] सहित मौर्य, शुंग तथा कण्व राजवंश के नरेशों ने राज किया इसके पश्चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में [[गुप्त वंश]] के [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य]] ने बिहार पर राज किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिहार]] | ||[[चित्र:Vaishali-Bihar.jpg|right|100px|[[वैशाली]], [[बिहार]]]] बिहार का उल्लेख [[वेद|वेदों]], [[पुराण|पुराणों]] और प्राचीन महाकाव्यों में मिलता है। यह राज्य महात्मा [[बुद्ध]] और 24 जैन [[तीर्थंकर|तीर्थकरों]] की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर [[बिम्बिसार]], [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना करने वाले उदयन, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] और [[अशोक|सम्राट अशोक]] सहित मौर्य, शुंग तथा कण्व राजवंश के नरेशों ने राज किया इसके पश्चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में [[गुप्त वंश]] के [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य]] ने बिहार पर राज किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिहार]] | ||
{राजस्थानी | {राजस्थानी चित्रकला का आरम्भिक मुख्य केन्द्र था? | ||
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-[[बीकानेर]] | -[[बीकानेर]] | ||
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+[[बूँदी]] | +[[बूँदी]] | ||
-[[जैसलमेर]] | -[[जैसलमेर]] | ||
||[[राजस्थान]] के दक्षिण-पूर्व में स्थित बूँदी एक पूर्व रियासत एवं ज़िला मुख्यालय है। इसकी स्थापना | ||[[राजस्थान]] के दक्षिण-पूर्व में स्थित [[बूँदी]] एक पूर्व रियासत एवं ज़िला मुख्यालय है। इसकी स्थापना सन 1242 ई. में राव देवाजी ने की थी। बूँदी पहाड़ियों से घिरा सघन वनाच्छादित सुरम्य नगर है। यहाँ के शासक राव सुर्जन हाड़ा ने [[अकबर]] की अधीनता स्वीकार कर ली थी। [[शाहजहाँ]] के समय बूँदी के शासक [[छत्रसाल]] हाड़ा ने [[दारा शिकोह|दारा]] की ओर से धरमत की लड़ाई में भाग लिया था, किंतु वह इस युद्ध में मारा गया। बूँदी अपनी विशिष्ट [[चित्रकला]] शैली के लिए विख्यात है, जो इस अंचल में मध्यकाल में विकसित हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बूँदी]] | ||
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12:40, 8 अक्टूबर 2012 का अवतरण
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