"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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||[[भारत]] में विलियम बैंटिक के सामाजिक सुधार कुछ कम महत्त्व के नहीं थे। 1829 ई. में उसने '[[सती प्रथा]]' को समाप्त कर दिया। कर्नल स्लीमन के सहयोग से उसने ठगी का उन्मूलन किया। उस समय ठगों का देशव्यापी गुप्त संगठन था, वे देश भर में घूमा करते थे और भोले-भाले यात्रियों की रुमाल से गला घोंटकर हत्या कर दिया करते थे और उनका सारा माल लूट लेते थे। 1832 ई. में धर्म-परिवर्तन से होने वाली सभी अयोग्यताओं को [[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] ने समाप्त कर दिया। 1833 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी|कम्पनी]] के अधिकार पत्र को अगले बीस वर्षों के लिए नवीन कर दिया। इससे कम्पनी [[चीन]] के व्यवसाय पर एकाधिकार से वंचित हो गई। अब वह मात्र प्रशासकीय संस्था ही रह गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] | ||[[चित्र:William-Bentinck.jpg|right|100px|लॉर्ड विलियम बैंटिक]][[भारत]] में विलियम बैंटिक के सामाजिक सुधार कुछ कम महत्त्व के नहीं थे। 1829 ई. में उसने '[[सती प्रथा]]' को समाप्त कर दिया। कर्नल स्लीमन के सहयोग से उसने ठगी का उन्मूलन किया। उस समय ठगों का देशव्यापी गुप्त संगठन था, वे देश भर में घूमा करते थे और भोले-भाले यात्रियों की रुमाल से गला घोंटकर हत्या कर दिया करते थे और उनका सारा माल लूट लेते थे। 1832 ई. में धर्म-परिवर्तन से होने वाली सभी अयोग्यताओं को [[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] ने समाप्त कर दिया। 1833 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी|कम्पनी]] के अधिकार पत्र को अगले बीस वर्षों के लिए नवीन कर दिया। इससे कम्पनी [[चीन]] के व्यवसाय पर एकाधिकार से वंचित हो गई। अब वह मात्र प्रशासकीय संस्था ही रह गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] | ||
{[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने निम्नलिखित में से अपने व्यापारिक केंद्र किस क्रम में स्थापित किए थे? (पृ.सं.-11) | {[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने निम्नलिखित में से अपने व्यापारिक केंद्र किस क्रम में स्थापित किए थे? (पृ.सं.-11) | ||
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-मद्रास, कलकत्ता, बम्बई, सूरत | -मद्रास, कलकत्ता, बम्बई, सूरत | ||
-[[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[सूरत]], [[बम्बई]] | -[[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[सूरत]], [[बम्बई]] | ||
||[[चित्र:Parle-Point-Surat.jpg|right|100px|परले पॉइंट, सूरत]]सूरत [[भारत]] के प्रसिद्ध नगरों में से एक है। यह दक्षिण-पूर्वी [[गुजरात]] राज्य, [[पश्चिम भारत]] में स्थित है। यह [[खंभात की खाड़ी]] पर [[ताप्ती नदी]] के मुहाने पर स्थित है। [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] द्वारा 1512 एवं 1530 ई. में सूरत को जला दिए जाने के बाद भी यह एक बड़ा विक्रय केंद्र बनकर उभरा, जहाँ से कपड़े और [[सोना|सोने]] का निर्यात होता था। वस्त्रोद्योग और जहाज़ निर्माण यहाँ के मुख्य उद्योग थे। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने 1612 में पहली बार अपनी व्यापारिक चौकी यहीं पर स्थापित की थी। यहाँ के सूती, रेशमी, '[[किमख़ाब]]' (जरीदार कपड़ा) के वस्त्र तथा सोने व [[चाँदी]] की वस्तुएँ बहुत प्रसिद्ध हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरत]] | |||
{[[कृषि]] में हल से जुताई के प्रमाण किस स्थल से प्राप्त हुए हैं? (पृ.सं.-3) | {[[कृषि]] में हल से जुताई के प्रमाण किस स्थल से प्राप्त हुए हैं? (पृ.सं.-3) |
08:26, 22 जनवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
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