"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 69: | पंक्ति 69: | ||
||[[चित्र:Jahangir.jpg|right|100px|जहाँगीर]]'सिंध प्रांत' [[पाकिस्तान]] के चार प्रान्तों में से एक है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है। 'सिंध' [[संस्कृत]] के शब्द 'सिंधु' से बना है, जिसका अर्थ है- 'समुद्र'। अरबों के [[सिंध प्रांत|सिंध]] पर आक्रमण के समय वहाँ [[दाहिर]] नामक [[ब्राह्मण]] नरेश का राज्य था। यह आक्रमणकारियों से बहुत ही वीरता के साथ लड़ता हुआ मारा गया था। दाहिर की वीरांगना पुत्रियों ने बाद में अरब सेनापति [[मुहम्मद बिन क़ासिम]] से अपने [[पिता]] की मृत्यु का बदला लिया और स्वयं आत्महत्या कर ली। कालांतर में [[मुग़ल]] बादशाह [[जहाँगीर]] ने इसे अपने साम्राज्य का एक सूबा बना लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिन्ध]] | ||[[चित्र:Jahangir.jpg|right|100px|जहाँगीर]]'सिंध प्रांत' [[पाकिस्तान]] के चार प्रान्तों में से एक है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है। 'सिंध' [[संस्कृत]] के शब्द 'सिंधु' से बना है, जिसका अर्थ है- 'समुद्र'। अरबों के [[सिंध प्रांत|सिंध]] पर आक्रमण के समय वहाँ [[दाहिर]] नामक [[ब्राह्मण]] नरेश का राज्य था। यह आक्रमणकारियों से बहुत ही वीरता के साथ लड़ता हुआ मारा गया था। दाहिर की वीरांगना पुत्रियों ने बाद में अरब सेनापति [[मुहम्मद बिन क़ासिम]] से अपने [[पिता]] की मृत्यु का बदला लिया और स्वयं आत्महत्या कर ली। कालांतर में [[मुग़ल]] बादशाह [[जहाँगीर]] ने इसे अपने साम्राज्य का एक सूबा बना लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिन्ध]] | ||
{[[शिवाजी]] द्वारा प्राप्त किये गए किस | {[[शिवाजी]] द्वारा प्राप्त किये गए किस क़िले पर उन्होंने [[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]] का क़िला बनवाया, जो भविष्य में उनकी राजधानी बना? (पृ.सं.-10) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[तोरण]] | +[[तोरण दुर्ग|तोरण]] | ||
-[[जंजीरा क़िला|जंजीरा]] | -[[जंजीरा क़िला|जंजीरा]] | ||
-[[विजयदुर्ग]] | -[[विजयदुर्ग]] | ||
-[[पुरन्दर क़िला|पुरन्दर]] | -[[पुरन्दर क़िला|पुरन्दर]] | ||
||तोरण दुर्ग [[महाराष्ट्र]] में [[छत्रपति शिवाजी]] के [[पिता]] [[शाहजी भोंसले]] की जागीर के दक्षिणी सीमांत प्रांत पर स्थित था। यह दुर्ग [[पूना]] के दक्षिण-पश्चिम में 30 किलोमीटर की दूरी पर था। इस प्रसिद्ध दुर्ग को महाराष्ट्र केसरी शिवाजी ने [[बीजापुर]] के सुल्तान से 1646 ई. में छीन लिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तोरण दुर्ग]] | |||
{निम्नलिखित लेखकों में से कौन समकालीन समाज की बुराइयों पर अपने व्यंग्यों के लिए प्रसिद्ध है? (पृ.सं.-9) | {निम्नलिखित लेखकों में से कौन समकालीन समाज की बुराइयों पर अपने व्यंग्यों के लिए प्रसिद्ध है? (पृ.सं.-9) | ||
पंक्ति 82: | पंक्ति 83: | ||
+[[राजशेखर]] | +[[राजशेखर]] | ||
-सोमदेवसूरि | -सोमदेवसूरि | ||
||राजशेखर [[कन्नौज]] के [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहार वंश]] के राजा [[महेन्द्रपाल]] (890-908) तथा उसके पुत्र [[महिपाल]] (910-940) की राज्य सभा में रहते थे। वे [[संस्कृत]] के प्रसिद्ध [[कवि]] तथा नाटककार थे। [[राजशेखर]] नाटककार कम, लेकिन एक कवि के रूप में अधिक प्रसिद्ध थे। उनके [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में काव्यात्मकता अधिक है। उन्होंने अपनी अनेक रचनाओं में लोकोक्तियों तथा मुहावरों का खुलकर प्रयोग किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजशेखर]] | |||
{[[कुषाण काल]] के लिए निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य है? (पृ.सं.-4) | {[[कुषाण काल]] के लिए निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य है? (पृ.सं.-4) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रजत मुद्राओं का अधिकाधिक प्रचलन | -रजत मुद्राओं का अधिकाधिक प्रचलन | ||
+[[गान्धार मूर्तिकला शैली| | +[[गान्धार मूर्तिकला शैली|मूर्तिकला शैली]] का विकसित होना | ||
-अमर सिंह का संरक्षण | -अमर सिंह का संरक्षण | ||
-[[कुषाण साम्राज्य]] का [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] तक विस्तार | -[[कुषाण साम्राज्य]] का [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] तक विस्तार | ||
||[[चित्र:Gandhara-Sculpture.jpg|right|100px|गांधार मूर्तिकला]]गांधार [[भारत]] के प्रमुख ऐतिहासिक नगरों में से एक था। यहाँ की स्थापत्य कला की अनेक कलाकृतियाँ भगवान [[बुद्ध]] के जीवन काल से जुड़ी हुई हैं अथवा बुद्ध की अन्य भावभंगिमाओं को लेकर बनायी गयी हैं। बुद्ध की मूर्तियों में अधिकांशत उन्हें हमेशा सन्यासी वस्त्रों में ही दिखायी गया है, जिनके बाल छोटे थे। [[बोधिसत्व]] अथवा बौद्ध सन्यासियों को शरीर के ऊपरी भाग में नि:वस्त्र दिखाया जाता रहा, जो लुंगी और [[आभूषण]] पहने रहते थे। उनके बाल लंबे दिखाये गये हैं। [[एशिया]] की सभी बौद्ध कलाओं में उक्त चीज़ें परिलक्षित होती है। भारतीय संदर्भ में [[गांधार]] की कला-शैली एक अलग रंग लिये हुए है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गान्धार मूर्तिकला शैली|मूर्तिकला शैली]] | |||
{किस [[हड़प्पा]] स्थल से सूती कपड़े का एक खंड प्राप्त हुआ था? (पृ.सं.-9) | {किस [[हड़प्पा]] स्थल से सूती कपड़े का एक खंड प्राप्त हुआ था? (पृ.सं.-9) |
09:44, 22 जनवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
|