"लोककथा": अवतरणों में अंतर

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'''लोककथा''' से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में जनश्रुतियों के माध्यम से चली आ रही कथाएं हैं। इनका अस्तित्व पुरानी पीढ़ी से नयी पीढ़ी तक [[किंवदंती]] जनश्रुतियों के माध्यम से ही पहुंचता है।  
'''लोककथा''' से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में जनश्रुतियों के माध्यम से चली आ रही कथाएं हैं। इनका अस्तित्व पुरानी पीढ़ी से नयी पीढ़ी तक [[किंवदंती]] जनश्रुतियों के माध्यम से ही पहुंचता है।  
;उदाहरणार्थ [[सिंहासन बत्तीसी]]
;उदाहरणार्थ [[सिंहासन बत्तीसी]], [[वेताल पच्चीसी]], [[पंचतंत्र]]





15:46, 23 फ़रवरी 2013 का अवतरण

लोककथा से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में जनश्रुतियों के माध्यम से चली आ रही कथाएं हैं। इनका अस्तित्व पुरानी पीढ़ी से नयी पीढ़ी तक किंवदंती जनश्रुतियों के माध्यम से ही पहुंचता है।

उदाहरणार्थ सिंहासन बत्तीसी, वेताल पच्चीसी, पंचतंत्र



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