"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर

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-[[ मैथिलीशरण गुप्त]]
-[[ मैथिलीशरण गुप्त]]
-[[नामवर सिंह]]
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||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|right|100px|हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]हज़ारी प्रसाद द्विवेदी [[हिन्दी]] के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक थे। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, उपन्यासकार, आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता थे। 'हिन्दी साहित्य की भूमिका' उनके सिद्धान्तों की बुनियादी पुस्तक है, जिसमें [[साहित्य]] को एक अविच्छिन्न परम्परा तथा उसमें प्रतिफलित क्रिया-प्रतिक्रियाओं के रूप में देखा गया है। अपने फक्कड़ व्यक्तित्व, घर फूँक मस्ती और क्रान्तिकारी विचारधारा के कारण [[कबीर]] ने उन्हें विशेष रूप से आकृष्ट किया। 'कबीर' पुस्तक में उन्होंने जिस सांस्कृतिक परम्परा, समसामयिक वातावरण और नवीन चिन्तन का उदघाटन किया है, वह उनकी लिखित आलोचनात्मक दृष्टि के सर्वथा मेल में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|right|100px|हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]हज़ारी प्रसाद द्विवेदी [[हिन्दी]] के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक थे। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, उपन्यासकार, आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता थे। 'हिन्दी साहित्य की भूमिका' [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] के सिद्धान्तों की बुनियादी पुस्तक है, जिसमें [[साहित्य]] को एक अविच्छिन्न परम्परा तथा उसमें प्रतिफलित क्रिया-प्रतिक्रियाओं के रूप में देखा गया है। अपने फक्कड़ व्यक्तित्व, घर फूँक मस्ती और क्रान्तिकारी विचारधारा के कारण [[कबीर]] ने उन्हें विशेष रूप से आकृष्ट किया। भाषा भावों की संवाहक होती है और कबीर की भाषा वही है। वे अपनी बात को साफ एवं दो टूक शब्दों में कहने के हिमायती थे। इसीलिए हज़ारी प्रसाद द्विवेदी ने उन्हें "वाणी का डिटेक्टर" कहा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]


{'ठेले पर हिमालय' रचना किस विद्या की है? (पृ.सं. 3
{'ठेले पर हिमालय' रचना किस विद्या की है? (पृ.सं. 3
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+[[राहुल सांकृत्यायन]]
+[[राहुल सांकृत्यायन]]
-[[अमृता प्रीतम]]
-[[अमृता प्रीतम]]
||[[चित्र:Rahul Sankrityayan.JPG|right|100px|राहुल सांकृत्यायन]]राहुल सांकृत्यायन को 'हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक' माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। [[राहुल सांकृत्यायन]] ने [[हिन्दी साहित्य]] के अतिरिक्त [[धर्म]], [[दर्शन]], लोक-साहित्य, यात्रा-साहित्य, जीवनी, राजनीति, [[इतिहास]], [[संस्कृत]] के ग्रन्थों की [[टीका]] और अनुवाद, कोश, तिब्बती भाषा एवं बालपोथी सम्पादन आदि विषयों पर पूरे अधिकार के साथ लिखा है। [[हिन्दी भाषा]] और [[साहित्य]] के क्षेत्र में राहुल जी ने 'अपभ्रंश काव्य साहित्य', 'दक्खिनी हिन्दी साहित्य' आदि हिन्दी की कहानियाँ प्रस्तुत कर लुप्त प्राय निधि का उद्धार किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राहुल सांकृत्यायन]]


{[[हिन्दी भाषा]] को लिखने के लिए कौन-सी [[लिपि]] प्रयोग की जाती है? (पृ.सं. 9
{[[हिन्दी भाषा]] को लिखने के लिए कौन-सी [[लिपि]] प्रयोग की जाती है? (पृ.सं. 9
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-[[ब्राह्मी लिपि|ब्राह्मी]]
-[[ब्राह्मी लिपि|ब्राह्मी]]
-[[गुरुमुखी लिपि|गुरुमुखी]]
-[[गुरुमुखी लिपि|गुरुमुखी]]
||'देवनागरी' एक [[लिपि]] है, जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ भी लिखीं जाती हैं। [[भारत]] तथा [[एशिया]] की अनेक लिपियों के संकेत [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] से अलग हैं, किंतु उच्चारण व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं, क्योंकि वे सभी [[ब्राह्मी लिपि]] से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए इन लिपियों को परस्पर आसानी से लिप्यन्तरित किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है। राष्ट्रभाषा [[हिन्दी]] भी इसी लिपि में लिखी जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवनागरी लिपि]]


{[[हिन्दी]] बोली [[भारत]] में कौन बोलते हैं? (पृ.सं. 9
{[[हिन्दी]] बोली [[भारत]] में कौन बोलते हैं? (पृ.सं. 9

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1 हिन्दी भाषा की लिपि 'भारतीय संविधान' में किसे स्वीकार किया गया है?(पृ.सं. 9

ब्राह्मी लिपि
देवनागरी लिपि
गुरुमुखी लिपि
चन्द्र लिपि

3 'अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ' की स्थापना किसने की है? (पृ.सं. 9

भारत सरकार
हरियाणा सरकार
मॉरिशस सरकार
श्रीलंका सरकार

4 'अशुभ बेला' रचना किसकी है? (पृ.सं. 3

भगवानदास मोरवाल
मैत्रेयी पुष्पा
समरेश मजूमदार
विवेकी राय

5 'भक्ति आंदोलन' का सूत्रपात उत्तर भारत से न होकर दक्षिण भारत में हुआ, इसका मूल कारण क्या है? (पृ.सं. 3

दक्षिण भारत में मुस्लिम शासकों ने आक्रमण किए थे।
यह भाग पूर्णत: निरापद था।
दक्षिण भारत व्यापारिक केंद्र था, जिससे धर्मावलम्बी वहाँ आकर बसे।
भारत के इस क्षेत्र में हिन्दू अधिक थे।

6 'कामायनी' को फैंटसी किस विद्वान ने कहा है? (पृ.सं. 9

डॉ. नगेन्द्र
गजानन माधव 'मुक्तिबोध'
बालकृष्ण शर्मा नवीन
सुमित्रानंदन पंत

8 'ठेले पर हिमालय' रचना किस विद्या की है? (पृ.सं. 3

आलोचना
कहानी
निबन्ध
संस्मरण

9 'किन्नरों के देश में' रचना किसकी है? (पृ.सं. 3

जयशंकर प्रसाद
कृष्णा सोबती
राहुल सांकृत्यायन
अमृता प्रीतम

10 हिन्दी भाषा को लिखने के लिए कौन-सी लिपि प्रयोग की जाती है? (पृ.सं. 9

देवनागरी
फ़ारसी
ब्राह्मी
गुरुमुखी

11 हिन्दी बोली भारत में कौन बोलते हैं? (पृ.सं. 9

हिन्दू
भारत की अधिकांश जनता
मुस्लिम
भारत की 30 प्रतिशत जनता

12 'मयंक मंजरी' नामक रचना किस विधा की है? (पृ.सं. 9

कविता
आलोचना
नाटक
कहानी

13 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता की रचना निम्न में से किसने की थी?(भारतकोश)

सुभद्रा कुमारी चौहान
भगवतीचरण वर्मा
सरोजिनी नायडू
महादेवी वर्मा

14 'गोस्वामी कृष्ण शरण' जयशंकर प्रसाद के किस उपन्यास का महत्त्वपूर्ण पात्र है? (पृ.सं. 3

कंकाल
तितली
इरावती
कामायनी

15 भाषा विज्ञान के अध्ययन को क्या कहते हैं? (पृ.सं. 9

हिन्दी भाषा का अध्ययन
भाषा के स्वरूप का अध्ययन
भाषा तत्वों का अध्ययन
भाषा परिवार का अध्ययन