"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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||'देवनागरी' एक [[लिपि]] है, जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ भी लिखीं जाती हैं। [[भारत]] तथा [[एशिया]] की अनेक लिपियों के संकेत [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] से अलग हैं, किंतु उच्चारण व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं, क्योंकि वे सभी [[ब्राह्मी लिपि]] से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए इन लिपियों को परस्पर आसानी से लिप्यन्तरित किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है। राष्ट्रभाषा [[हिन्दी]] भी इसी लिपि में लिखी जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवनागरी लिपि]] | ||[[चित्र:Hindi-Alphabhet.jpg|right|100px|हिन्दी वर्णमाला]]'देवनागरी' एक [[लिपि]] है, जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ भी लिखीं जाती हैं। [[भारत]] तथा [[एशिया]] की अनेक लिपियों के संकेत [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] से अलग हैं, किंतु उच्चारण व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं, क्योंकि वे सभी [[ब्राह्मी लिपि]] से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए इन लिपियों को परस्पर आसानी से लिप्यन्तरित किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है। राष्ट्रभाषा [[हिन्दी]] भी इसी लिपि में लिखी जाती है। इसकी प्रमुख बोलियों में [[अवधी]], [[भोजपुरी]], [[ब्रजभाषा]], [[छत्तीसगढ़ी]], [[गढ़वाली]], [[हरियाणवी]], [[कुमायूँनी बोली|कुमायूँनी]], [[मागधी]] और [[मारवाड़ी भाषा]] शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवनागरी लिपि]] | ||
{[[हिन्दी]] बोली [[भारत]] में कौन बोलते हैं? (पृ.सं. 9 | {[[हिन्दी]] बोली [[भारत]] में कौन बोलते हैं? (पृ.सं. 9 | ||
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-[[मुस्लिम]] | -[[मुस्लिम]] | ||
-[[भारत]] की 30 प्रतिशत जनता | -[[भारत]] की 30 प्रतिशत जनता | ||
||[[चित्र:Hindi-Area.jpg|right|100px]]हिन्दी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय-आर्य भाषा है। सन [[2001]] की जनगणना के अनुसार लगभग 25.79 करोड़ भारतीय [[हिन्दी]] का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। मध्यदेशीय भाषा परम्परा की विशिष्ट उत्तराधिकारिणी होने के कारण हिन्दी का स्थान आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में सर्वोपरी है। [[मध्य काल]] में हिन्दी का स्वरूप स्पष्ट हो गया था तथा उसकी प्रमुख बोलियाँ विकसित हो चुकी थीं। इस काल में [[भाषा]] के तीन रूप निखरकर सामने आए थे- [[ब्रजभाषा]], [[अवधी भाषा|अवधी]] व [[खड़ी बोली]]।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी]] | |||
{'मयंक मंजरी' नामक रचना किस विधा की है? (पृ.सं. 9 | {'मयंक मंजरी' नामक रचना किस विधा की है? (पृ.सं. 9 | ||
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-[[सरोजिनी नायडू]] | -[[सरोजिनी नायडू]] | ||
-[[महादेवी वर्मा]] | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
||[[चित्र:Subhadra-Kumari-Chauhan.jpg|right|100px|सुभद्रा कुमारी चौहान]]सुभद्रा कुमारी चौहान की [[कविता|कविताओं]] में [[भाषा]] का ऐसा ऋजु प्रवाह और सामजस्य मिलता है कि वह बालकों-किशोरों को सहज ही कंठस्थ हो जाती हैं। कथनी-करनी की समानता [[सुभद्रा कुमारी चौहान]] के व्यक्तित्व का प्रमुख अंग है। आपकी रचनाएँ सुनकर मरणासन्न व्यक्ति भी [[ऊर्जा]] और जोश से भर सकता है। '''वीरों का कैसा हो वसन्त''' उनकी एक ओर प्रसिद्ध देश-प्रेम की कविता है, जिसकी शब्द-रचना, लय और भाव-गर्भिता अनोखी थी। 'स्वदेश के प्रति', 'विजयादशमी', 'विदाई', 'सेनानी का स्वागत', 'झाँसी की रानी की समाधि पर', 'जलियाँ वाले बाग़ में बसन्त' आदि श्रेष्ठ कवित्व से भरी उनकी अन्य सशक्त कविताएँ हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभद्रा कुमारी चौहान]] | |||
{'गोस्वामी कृष्ण शरण' [[जयशंकर प्रसाद]] के किस [[उपन्यास]] का महत्त्वपूर्ण पात्र है? (पृ.सं. 3 | {'गोस्वामी कृष्ण शरण' [[जयशंकर प्रसाद]] के किस [[उपन्यास]] का महत्त्वपूर्ण पात्र है? (पृ.सं. 3 | ||
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-[[इरावती -प्रसाद|इरावती]] | -[[इरावती -प्रसाद|इरावती]] | ||
-[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]] | -[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]] | ||
||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|right|100px|जयशंकर प्रसाद]]'कंकाल' [[जयशंकर प्रसाद]] कृत प्रसिद्ध [[उपन्यास]] है, जो [[1929]] में प्रकाशित हुआ था। प्रसाद जी मुख्यत: आदर्श की भूमिका पर कार्य करने वाले रचनाकार रहे हैं, किंतु '[[कंकाल उपन्यास -प्रसाद|कंकाल]]' उनकी एक ऐसी कृति है, जिसमें पूर्णत: यथार्थ का आग्रह है। इस दृष्टि से उनका यह उपन्यास विशेष स्थान रखता है। 'कंकाल' में देश की सामाजिक और धार्मिक स्थिति का अंकन है और अधिकांश पात्र इसी पीठिका में चित्रित किये गये हैं। नायक विजय और नायिका तारा के माध्यम से प्रेम और [[विवाह]] जैसे प्रश्नों से लेकर जाति-वर्ण तथा व्यक्ति-समाज जैसी समस्याओं पर लेखक ने विचार किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कंकाल उपन्यास -प्रसाद|कंकाल]] | |||
{भाषा विज्ञान के अध्ययन को क्या कहते हैं? (पृ.सं. 9 | {भाषा विज्ञान के अध्ययन को क्या कहते हैं? (पृ.सं. 9 |
07:53, 28 फ़रवरी 2013 का अवतरण
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