"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Gajanan-Madhav-Muktibodh.jpg|right|80px|गजानन माधव 'मुक्तिबोध']]गजानन माधव 'मुक्तिबोध' की प्रसिद्धि प्रगतिशील [[कवि]] के रूप में है। मुक्तिबोध [[हिन्दी साहित्य]] की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व थे। हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चा के केन्द्र में रहने वाले [[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] कहानीकार भी थे और समीक्षक भी। उनकी आलोचना उनके कवि व्यक्तित्व से ही नि:सृत और परिभाषित होती है। [[उज्जैन]] में मुक्तिबोध ने 'मध्य भारत प्रगतिशील लेखक संघ' की बुनियाद डाली थी। इसकी विशिष्ट सभाओं में भाग लेने के लिए वह बाहर से [[रामविलास शर्मा|डॉ. रामविलास शर्मा]], [[अमृतराय]] आदि साहित्यिक विचारकों को भी बुलाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] | ||[[चित्र:Gajanan-Madhav-Muktibodh.jpg|right|80px|गजानन माधव 'मुक्तिबोध']]गजानन माधव 'मुक्तिबोध' की प्रसिद्धि प्रगतिशील [[कवि]] के रूप में है। मुक्तिबोध [[हिन्दी साहित्य]] की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व थे। हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चा के केन्द्र में रहने वाले [[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] कहानीकार भी थे और समीक्षक भी। उनकी आलोचना उनके कवि व्यक्तित्व से ही नि:सृत और परिभाषित होती है। [[उज्जैन]] में मुक्तिबोध ने 'मध्य भारत प्रगतिशील लेखक संघ' की बुनियाद डाली थी। इसकी विशिष्ट सभाओं में भाग लेने के लिए वह बाहर से [[रामविलास शर्मा|डॉ. रामविलास शर्मा]], [[अमृतराय]] आदि साहित्यिक विचारकों को भी बुलाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] | ||
{[[कुमाँऊनी भाषा]] किस प्रान्त में बोली जाती है? | {[[कुमाँऊनी भाषा]] किस प्रान्त में बोली जाती है? | ||
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||[[चित्र:Nani-Lake-Nanital-2.jpg|right|100px|नैनी झील, उत्तराखंड]]'उत्तराखंड' [[भारत]] के उत्तर में स्थित एक राज्य है। वर्ष [[2000]] और [[2006]] के बीच यह '[[उत्तरांचल]]' के नाम से जाना जाता था। [[9 नवम्बर]], 2000 को [[उत्तराखंड]] भारत गणराज्य के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। राज्य का निर्माण कई वर्ष के आन्दोलन के पश्चात हुआ। यहाँ [[कुमाऊँनी भाषा]] मुख्य रूप से बोली जाती है। इसका प्रमुख क्षेत्र [[कुमायूँ]] होने के कारण ही इसे '[[कुमाँऊनी भाषा|कुमाँऊनी]]' कहा जाता है। 'कुमाँऊनी' की उपबोलियाँ तथा स्थानीय रूप, बहुत विकसित हो गये हैं, जिनमें प्रधान खसपरजिया, कुमयाँ या कुमैताँ, फल्दकोटिया, पछाई, चौगरखिया, गंगोला, दानपुरिया, सीराली, सोरियाली, अस्कोटी, जोहारी, रउचोभैंसी तथा भोटिआ हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तराखंड]] | ||[[चित्र:Nani-Lake-Nanital-2.jpg|right|100px|नैनी झील, उत्तराखंड]]'उत्तराखंड' [[भारत]] के उत्तर में स्थित एक राज्य है। वर्ष [[2000]] और [[2006]] के बीच यह '[[उत्तरांचल]]' के नाम से जाना जाता था। [[9 नवम्बर]], 2000 को [[उत्तराखंड]] भारत गणराज्य के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। राज्य का निर्माण कई वर्ष के आन्दोलन के पश्चात हुआ। यहाँ [[कुमाऊँनी भाषा]] मुख्य रूप से बोली जाती है। इसका प्रमुख क्षेत्र [[कुमायूँ]] होने के कारण ही इसे '[[कुमाँऊनी भाषा|कुमाँऊनी]]' कहा जाता है। 'कुमाँऊनी' की उपबोलियाँ तथा स्थानीय रूप, बहुत विकसित हो गये हैं, जिनमें प्रधान खसपरजिया, कुमयाँ या कुमैताँ, फल्दकोटिया, पछाई, चौगरखिया, गंगोला, दानपुरिया, सीराली, सोरियाली, अस्कोटी, जोहारी, रउचोभैंसी तथा भोटिआ हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तराखंड]] | ||
{[[कबीर]] को 'वाणी का डिक्टेटर' किसने कहा है? | {[[कबीर]] को 'वाणी का डिक्टेटर' किसने कहा है? |
14:05, 5 मार्च 2013 का अवतरण
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