"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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+[[शाहजहाँ]] के शासन का एक राजकीय इतिहासकार | +[[शाहजहाँ]] के शासन का एक राजकीय इतिहासकार | ||
-[[मुहम्मदशाह]] के शासन में एक इतिवृत्तिकार तथा [[कवि]] | -[[मुहम्मदशाह]] के शासन में एक इतिवृत्तिकार तथा [[कवि]] | ||
||[[चित्र:Shah-Jahan.jpg|right|100px|शाहजहाँ ]बादशाह शाहजहाँ के शासन−काल में [[मुग़ल साम्राज्य]] की समृद्धि, शान−शौक़त और ख्याति चरम सीमा पर थी। उसके दरबार में देश−विदेश के अनेक प्रतिष्ठित व्यक्ति आते थे। वे [[शाहजहाँ]] के वैभव और ठाट−बाट को देख कर चकित रह जाते थे। उसके दरबार में [[अब्दुल हमीद लाहौरी]] एक सरकारी इतिहासकार था। राज दरबार में उसे काफ़ी मान-सम्मान और प्रतिषठा प्राप्त थी। अब्दुल हमीद लाहौरी ने जिस महत्त्वपूर्ण कृति की रचना की, उसका नाम 'पादशाहनामा' है। 'पादशाहनामा' को शाहजहाँ के शासन का प्रामाणिक इतिहास माना जाता है। इसमें शाहजहाँ का सम्पूर्ण वृतांत लिखा हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||[[चित्र:Shah-Jahan.jpg|right|100px|शाहजहाँ]]बादशाह शाहजहाँ के शासन−काल में [[मुग़ल साम्राज्य]] की समृद्धि, शान−शौक़त और ख्याति चरम सीमा पर थी। उसके दरबार में देश−विदेश के अनेक प्रतिष्ठित व्यक्ति आते थे। वे [[शाहजहाँ]] के वैभव और ठाट−बाट को देख कर चकित रह जाते थे। उसके दरबार में [[अब्दुल हमीद लाहौरी]] एक सरकारी इतिहासकार था। राज दरबार में उसे काफ़ी मान-सम्मान और प्रतिषठा प्राप्त थी। अब्दुल हमीद लाहौरी ने जिस महत्त्वपूर्ण कृति की रचना की, उसका नाम 'पादशाहनामा' है। 'पादशाहनामा' को शाहजहाँ के शासन का प्रामाणिक इतिहास माना जाता है। इसमें शाहजहाँ का सम्पूर्ण वृतांत लिखा हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||
{[[सिकन्दर]] के [[भारत]] अभियान के समय उसके साथ कई लेखक भी आये थे। निम्नलिखित में से कौन सिकन्दर का समकालीन नहीं है? (पृ.सं. 171 | {[[सिकन्दर]] के [[भारत]] अभियान के समय उसके साथ कई लेखक भी आये थे। निम्नलिखित में से कौन सिकन्दर का समकालीन नहीं है? (पृ.सं. 171 |
07:28, 12 मार्च 2013 का अवतरण
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