"बॉलीवुड की होली": अवतरणों में अंतर
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[[होली]] की मस्ती [[बॉलीवुड]] की रंगीनियत की चर्चा के बिना फीकी सी लगती है। होली ने बॉलीवुड को जिस हद तक प्रभावित किया है, उतना प्रभाव किसी अन्य इंडस्ट्री पर नजर नहीं आता। तभी तो होली निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद रही है और लगभग हर दौर की फिल्मों को होली के [[रंग]] में सराबोर करने की कोशिश की गई। नवरंग की "अरे जा रे हट नटखट" से लेकर नए जमाने की फिल्म "वक्त" के "लेट्स प्ले होली" तक [[सिनेमा]] के पर्दे पर असंख्य फिल्में होली के रंगों से सराबोर होती रहीं। दर्शकों ने भी फिल्मों में दिखाए गए होली के विविध रूपों का रसपान किया। | [[होली]] की मस्ती [[बॉलीवुड]] की रंगीनियत की चर्चा के बिना फीकी सी लगती है। होली ने बॉलीवुड को जिस हद तक प्रभावित किया है, उतना प्रभाव किसी अन्य इंडस्ट्री पर नजर नहीं आता। तभी तो होली निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद रही है और लगभग हर दौर की फिल्मों को होली के [[रंग]] में सराबोर करने की कोशिश की गई। नवरंग की "अरे जा रे हट नटखट" से लेकर नए जमाने की फिल्म "वक्त" के "लेट्स प्ले होली" तक [[सिनेमा]] के पर्दे पर असंख्य फिल्में होली के रंगों से सराबोर होती रहीं। दर्शकों ने भी फिल्मों में दिखाए गए होली के विविध रूपों का रसपान किया। | ||
==आर. के. स्टूडियो से हुई शुरूआत== | ==आर. के. स्टूडियो से हुई शुरूआत== | ||
बॉलीवुड में होली के रंग केवल फिल्मी पर्दे तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि नामी-गिरामी फिल्मी हस्तियों के दिलों में अपनी जगह बनाते हुए इस इंडस्ट्री की शान बन गए। बॉलीवुड में होली खेलने की परंपरा शोमैन [[राज कपूर]] के आर. के. स्टूडियो से शुरू होकर फिल्म अभिनेता [[अमिताभ बच्चन]] के बंगले "प्रतीक्षा" तक पहुंच गई। एक जमाना था जब होली के दिन फिल्मी जगत के सभी छोटे-बडे कलाकार आर. के स्टूडियो में जमा होकर "होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं" की तर्ज पर धमाल मचाते हुए रंगों से सराबोर मस्ती में डूब जाते थे। उस समय आर. के. स्टूडियो में एक छोटे से तालाब में रंग घोला जाता था और इसमें लोगों को डुबो कर जमकर मस्ती की जाती थी। राजकपूर इस बात का पूरा ख्याल रखते थे कि होली की रंग में किसी तरह का भंग न पडे और खासतौर से महिलाओं के साथ होली के नाम पर छेडखानी न की जाए। आज भी जब होली की बात चलती है, तो बरबस ही आर. के. स्टूडियो की होली का नाम सबकी जुबां पर आ जाता है। हालांकि, राज कपूर की परंपरा को कायम रखते हुए आज भी आर. के. स्टूडियो में होली पर भव्य आयोजन किए जाते हैं।<ref> {{cite web |url=http://festivals.patrika.com/holi/bollywood.html|title=बॉलीवुड की होली |accessmonthday=14 मार्च |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=festival of india |language=हिंदी }}</ref> | बॉलीवुड में होली के रंग केवल फिल्मी पर्दे तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि नामी-गिरामी फिल्मी हस्तियों के दिलों में अपनी जगह बनाते हुए इस इंडस्ट्री की शान बन गए। बॉलीवुड में होली खेलने की परंपरा शोमैन [[राज कपूर]] के आर. के. स्टूडियो से शुरू होकर फिल्म अभिनेता [[अमिताभ बच्चन]] के बंगले "प्रतीक्षा" तक पहुंच गई। एक जमाना था जब होली के दिन फिल्मी जगत के सभी छोटे-बडे कलाकार आर. के स्टूडियो में जमा होकर "होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं" की तर्ज पर धमाल मचाते हुए रंगों से सराबोर मस्ती में डूब जाते थे। उस समय आर. के. स्टूडियो में एक छोटे से तालाब में रंग घोला जाता था और इसमें लोगों को डुबो कर जमकर मस्ती की जाती थी। राजकपूर इस बात का पूरा ख्याल रखते थे कि होली की रंग में किसी तरह का भंग न पडे और खासतौर से महिलाओं के साथ होली के नाम पर छेडखानी न की जाए। आज भी जब होली की बात चलती है, तो बरबस ही आर. के. स्टूडियो की होली का नाम सबकी जुबां पर आ जाता है। हालांकि, राज कपूर की परंपरा को कायम रखते हुए आज भी आर. के. स्टूडियो में होली पर भव्य आयोजन किए जाते हैं।<ref> {{cite web |url=http://festivals.patrika.com/holi/bollywood.html|title=बॉलीवुड की होली |accessmonthday=14 मार्च |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=festival of india |language=हिंदी }}</ref> | ||
==बॉलीवुड में होली के प्रमुख गीत== | ==बॉलीवुड में होली के प्रमुख गीत== | ||
होली रंगों, आनंद और उल्लास का त्योहार है। [[बॉलीवुड]] के होली गीत इसी आनंद और उल्लास से भरे होते हैं। 'होली आई रे कन्हाई'<ref>फ़िल्म [[मदर इंडिया]]</ref>, 'अरे जा रे हट नटखट' <ref>फ़िल्म नवरंग</ref>, 'आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली'<ref>फ़िल्म कटी पतंग</ref>, 'होली के दिन'<ref> फ़िल्म [[शोले (फ़िल्म)|शोले]]</ref>, 'रंग बरसे' <ref>फ़िल्म सिलसिला</ref>, 'मल दे गुलाल मोहे, आई होली आई रे'<ref>फ़िल्म कामचोर</ref>, 'अंग से अंग लगाना सजन'<ref> फ़िल्म डर</ref> और 'होली खेलें रघुवीरा'<ref>फ़िल्म बागबान</ref> होली के कुछ लोकप्रिय गीत हैं। इसके अलावा 'होली के रंग में', 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली' और 'होली खेलें रघुवीरा...' हिन्दी फ़िल्मों के कुछ ऐसे लोकप्रिय गीत हैं जो रंगों के त्योहार होली की भावना को बड़े पर्दे पर जीवंत करते हैं, लेकिन आज होली के गीतों का अभाव देखा जा रहा है और ऐसे में लोग पुराने गीतों में ही होली का मजा लेने को मजबूर हैं। | होली रंगों, आनंद और उल्लास का त्योहार है। [[बॉलीवुड]] के होली गीत इसी आनंद और उल्लास से भरे होते हैं। 'होली आई रे कन्हाई'<ref>फ़िल्म [[मदर इंडिया]]</ref>, 'अरे जा रे हट नटखट' <ref>फ़िल्म नवरंग</ref>, 'आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली'<ref>फ़िल्म कटी पतंग</ref>, 'होली के दिन'<ref> फ़िल्म [[शोले (फ़िल्म)|शोले]]</ref>, 'रंग बरसे' <ref>फ़िल्म सिलसिला</ref>, 'मल दे गुलाल मोहे, आई होली आई रे'<ref>फ़िल्म कामचोर</ref>, 'अंग से अंग लगाना सजन'<ref> फ़िल्म डर</ref> और 'होली खेलें रघुवीरा'<ref>फ़िल्म बागबान</ref> होली के कुछ लोकप्रिय गीत हैं। इसके अलावा 'होली के रंग में', 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली' और 'होली खेलें रघुवीरा...' हिन्दी फ़िल्मों के कुछ ऐसे लोकप्रिय गीत हैं जो रंगों के त्योहार होली की भावना को बड़े पर्दे पर जीवंत करते हैं, लेकिन आज होली के गीतों का अभाव देखा जा रहा है और ऐसे में लोग पुराने गीतों में ही होली का मजा लेने को मजबूर हैं। हिन्दी फ़िल्मों में आया होली का अंतिम गीत 'डू मी ए फेवर.. लेट्स प्ले होली' है। फ़िल्म 'वक्त-रेस अंगेंस्ट टाइम', [[2005]] का यह गीत अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा पर फ़िल्माया गया है। इस गीत में होली के रंग, ऊर्जा सहित सब कुछ है।<ref> {{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/entertainment/entertainmentnews/28-28-98241.html |title=आजकल नहीं मिलते होली के गीत |accessmonthday=[[4 मार्च]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
==बॉलीवुड की होली में छाए अमिताभ== | ==बॉलीवुड की होली में छाए अमिताभ== | ||
बॉलीवुड की होली के पर्याय हैं अमिताभ बच्चन। फिल्मों में होली की चर्चा चलते ही सबसे पहले जो चेहरा आंखों के सामने आता है , वह अमिताभ बच्चन का ही है। वर्षों बाद एक बार फिर 'बागबान' में फिल्मी पर्दे पर बॉलीवुड के इस सुपर स्टार ने रंगों का ऐसा खेल खेला कि हर कोई आज 'होली खेले में रघुवीरा , अवध में होली खेले... ' गुनगुनाता है। | बॉलीवुड की होली के पर्याय हैं अमिताभ बच्चन। फिल्मों में होली की चर्चा चलते ही सबसे पहले जो चेहरा आंखों के सामने आता है , वह अमिताभ बच्चन का ही है। वर्षों बाद एक बार फिर 'बागबान' में फिल्मी पर्दे पर बॉलीवुड के इस सुपर स्टार ने रंगों का ऐसा खेल खेला कि हर कोई आज 'होली खेले में रघुवीरा , अवध में होली खेले... ' गुनगुनाता है। |
12:42, 14 मार्च 2013 का अवतरण
राजेश खन्ना और आशा पारेख गीत- आज न छोडेंगे..., फ़िल्म- कटी पतंग |
हेमा मालिनी गीत- होली के दिन..., फ़िल्म- शोले |
अमिताभ बच्चन और रेखा गीत- रंग बरसे..., फ़िल्म- सिलसिला |
अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी गीत- होली खेले रघुबीरा..., फ़िल्म- बाग़बान |
अक्षय कुमार और प्रियंक चोपड़ा गीत- डू मी ए फेवर..., फ़िल्म- वक़्त |
होली की मस्ती बॉलीवुड की रंगीनियत की चर्चा के बिना फीकी सी लगती है। होली ने बॉलीवुड को जिस हद तक प्रभावित किया है, उतना प्रभाव किसी अन्य इंडस्ट्री पर नजर नहीं आता। तभी तो होली निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद रही है और लगभग हर दौर की फिल्मों को होली के रंग में सराबोर करने की कोशिश की गई। नवरंग की "अरे जा रे हट नटखट" से लेकर नए जमाने की फिल्म "वक्त" के "लेट्स प्ले होली" तक सिनेमा के पर्दे पर असंख्य फिल्में होली के रंगों से सराबोर होती रहीं। दर्शकों ने भी फिल्मों में दिखाए गए होली के विविध रूपों का रसपान किया।
आर. के. स्टूडियो से हुई शुरूआत
बॉलीवुड में होली के रंग केवल फिल्मी पर्दे तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि नामी-गिरामी फिल्मी हस्तियों के दिलों में अपनी जगह बनाते हुए इस इंडस्ट्री की शान बन गए। बॉलीवुड में होली खेलने की परंपरा शोमैन राज कपूर के आर. के. स्टूडियो से शुरू होकर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के बंगले "प्रतीक्षा" तक पहुंच गई। एक जमाना था जब होली के दिन फिल्मी जगत के सभी छोटे-बडे कलाकार आर. के स्टूडियो में जमा होकर "होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं" की तर्ज पर धमाल मचाते हुए रंगों से सराबोर मस्ती में डूब जाते थे। उस समय आर. के. स्टूडियो में एक छोटे से तालाब में रंग घोला जाता था और इसमें लोगों को डुबो कर जमकर मस्ती की जाती थी। राजकपूर इस बात का पूरा ख्याल रखते थे कि होली की रंग में किसी तरह का भंग न पडे और खासतौर से महिलाओं के साथ होली के नाम पर छेडखानी न की जाए। आज भी जब होली की बात चलती है, तो बरबस ही आर. के. स्टूडियो की होली का नाम सबकी जुबां पर आ जाता है। हालांकि, राज कपूर की परंपरा को कायम रखते हुए आज भी आर. के. स्टूडियो में होली पर भव्य आयोजन किए जाते हैं।[1]
बॉलीवुड में होली के प्रमुख गीत
होली रंगों, आनंद और उल्लास का त्योहार है। बॉलीवुड के होली गीत इसी आनंद और उल्लास से भरे होते हैं। 'होली आई रे कन्हाई'[2], 'अरे जा रे हट नटखट' [3], 'आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली'[4], 'होली के दिन'[5], 'रंग बरसे' [6], 'मल दे गुलाल मोहे, आई होली आई रे'[7], 'अंग से अंग लगाना सजन'[8] और 'होली खेलें रघुवीरा'[9] होली के कुछ लोकप्रिय गीत हैं। इसके अलावा 'होली के रंग में', 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली' और 'होली खेलें रघुवीरा...' हिन्दी फ़िल्मों के कुछ ऐसे लोकप्रिय गीत हैं जो रंगों के त्योहार होली की भावना को बड़े पर्दे पर जीवंत करते हैं, लेकिन आज होली के गीतों का अभाव देखा जा रहा है और ऐसे में लोग पुराने गीतों में ही होली का मजा लेने को मजबूर हैं। हिन्दी फ़िल्मों में आया होली का अंतिम गीत 'डू मी ए फेवर.. लेट्स प्ले होली' है। फ़िल्म 'वक्त-रेस अंगेंस्ट टाइम', 2005 का यह गीत अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा पर फ़िल्माया गया है। इस गीत में होली के रंग, ऊर्जा सहित सब कुछ है।[10]
बॉलीवुड की होली में छाए अमिताभ
बॉलीवुड की होली के पर्याय हैं अमिताभ बच्चन। फिल्मों में होली की चर्चा चलते ही सबसे पहले जो चेहरा आंखों के सामने आता है , वह अमिताभ बच्चन का ही है। वर्षों बाद एक बार फिर 'बागबान' में फिल्मी पर्दे पर बॉलीवुड के इस सुपर स्टार ने रंगों का ऐसा खेल खेला कि हर कोई आज 'होली खेले में रघुवीरा , अवध में होली खेले... ' गुनगुनाता है।
रंग बरसे... (सिलसिला)
यश चोपड़ा की फिल्म 'सिलसिला' में बिग बी ने जब रंगों में भीग कर अपनी आवाज में 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली... ' गाया था , तो उस समय किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि हर होली पर बिग बी का यह गाना मस्ती के इस त्योहार में और मस्ती घोल देगा। प्रेम त्रिकोण पर बनी यश की यह फिल्म भले ही टिकट खिड़की पर बहुत ज्यादा सफल नहीं रही, लेकिन इस गाने ने तो जैसे इस फिल्म को होली के साथ जोड़कर यादगार बना दिया। अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, रेखा और संजीव कुमार की अदाकारी से सजी इस फिल्म की होली सिने दर्शकों को अगर आज तक याद है।
होली के दिन दिल... (शोले)
अमिताभ बच्चन के साथ धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की फिल्म 'शोले' में खेली गई होली को भी लोग कभी नहीं भूल सकता। फिल्म में वीरू बने धर्मेंद्र और बसंती यानी हेमा मालिनी गांव के लोगों के साथ होली खेलते नजर आते हैं। इस गाने में अमिताभ बच्चन भी मौजूद थे, लेकिन एक अलग अंदाज में। 'शोले' के इस सदाबहार गीत 'होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं... ' को आज भी आप होली खेल रहे मस्तानों की हर टोली में सुन सकते हैं।
होली खेले रघुवीरा... (बाग़बान)
जब काफ़ी समय से बॉलीवुड में होली का गीत शामिल नहीं किया जा रहा था, इससे यह लगने लगा था कि निर्माता शायद अब होली को भूलने लगे हैं। ऐसे में 'बागबान' की होली के साथ संयोग यह रहा कि इस बार भी होली का यह गीत जहां चोपड़ा कैम्प की ही फिल्म में देखने को मिला, वहीं पर्दे पर एक बार फिर अमिताभ बच्चन ने ही इसे पेश किया। कहते हैं कि इस गीत की शूटिंग के समय अमिताभ बच्चन ने पहले खुद को होली के रंगो में रंगा और फिर उन्होंने हेमा मालिनी के साथ इस मस्ती भरे गीत को बिना किसी रीटेक के ओके कर दिया।[11]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बॉलीवुड की होली (हिंदी) festival of india। अभिगमन तिथि: 14 मार्च, 2013।
- ↑ फ़िल्म मदर इंडिया
- ↑ फ़िल्म नवरंग
- ↑ फ़िल्म कटी पतंग
- ↑ फ़िल्म शोले
- ↑ फ़िल्म सिलसिला
- ↑ फ़िल्म कामचोर
- ↑ फ़िल्म डर
- ↑ फ़िल्म बागबान
- ↑ आजकल नहीं मिलते होली के गीत (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 4 मार्च, 2011।
- ↑ बॉलीवुड की होली में छाए रहे हैं बिग बी (हिंदी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 14 मार्च, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
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