"प्रयोग:गोविन्द6": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) (पन्ने को खाली किया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" | |||
|-</noinclude> | |||
| style="background:transparent;"| | |||
{| style="background:transparent; width:100%" | |||
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 15 अप्रॅल 2013|भारतकोश सम्पादकीय <small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font> | |||
|- | |||
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | |||
{| style="background:transparent; width:100%" align="left" | |||
|- valign="top" | |||
| | |||
[[चित्र:Chair-neta.jpg|border|right|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 15 अप्रॅल 2013]] | |||
<center>[[भारतकोश सम्पादकीय 15 अप्रॅल 2013|वोटरानी और वोटर]]</center> | |||
<poem> | |||
"अरे तो कौन सा दस-बीस साल पहले मरा है ? अभी छ: महीने पहले ही तो मरा है, एकदम से इतनी जल्दी वोट थोड़े ही ख़तम होता है... एक-दो साल तो चलेगा ही। हम भी पढ़े-लिखे हैं साहब ! दिखाओ कौन से क़ानून में लिखा है कि मरा आदमी वोट नहीं डालेगा... ये हिन्दुस्तान है बाबूजी हिन्दुस्तान... सबको बराबर का हक़ है ज़िन्दा को भी और मरे हुए को भी... डेमोकिरेसी है, डेमोकिरेसी... सब एक बराबर चाहे आदमी-औरत, बड़ा-छोटा, राजा-भिखारी... और चाहे ज़िन्दा चाहे मरा... समझे" छोटे पहलवान ने अधिकारी को समझाया। [[भारतकोश सम्पादकीय 15 अप्रॅल 2013|...पूरा पढ़ें]] | |||
</poem> | |||
<center> | |||
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3" | |||
|- | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 19 मार्च 2013|कबीर का कमाल]] · | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 22 फ़रवरी 2013|प्रतीक्षा की सोच]] · | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 25 जनवरी 2013|अहम का वहम]] | |||
|}</center> | |||
|} | |||
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> |
12:12, 15 अप्रैल 2013 का अवतरण
|