"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 11: पंक्ति 11:
-[[गोमती नदी|गोमती]]
-[[गोमती नदी|गोमती]]
-[[गंगा नदी|गंगा]]
-[[गंगा नदी|गंगा]]
||[[चित्र:Karnali-River-2.jpg|right|90px|घाघरा नदी]][[श्रीराम]] की जन्म-भूमि [[अयोध्या]] [[उत्तर प्रदेश]] में [[सरयू नदी]] के दाएँ तट पर स्थित है। नदियों में ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सरयू नदी का अस्तित्व भी अब खतरे में है। '[[रामायण]]' के अनुसार भगवान राम ने इसी नदी में [[जल]] समाधि ली थी। सरयू नदी का उद्गम [[उत्तर प्रदेश]] के [[बहराइच ज़िला|बहराइच ज़िले]] से हुआ है। [[बहराइच]] से निकलकर यह नदी [[गोंडा ज़िला|गोंडा]] से होती हुई [[अयोध्या]] तक जाती है। पहले यह नदी गोंडा के परसपुर तहसील में 'पसका' नामक [[तीर्थ स्थान]] पर [[घाघरा नदी]] से मिलती थी। अयोध्या तक ये नदी 'सरयू' के नाम से जानी जाती है, लेकिन उसके बाद यह नदी 'घाघरा' के नाम से जानी जाती है। सरयू नदी की कुल लंबाई लगभग 160 किलोमीटर है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरयू नदी]], [[घाघरा नदी]]


{[[समुद्र]] में रहने वाली उस [[नाग]] माता का क्या नाम था, जिसने समुद्र लाँघते हुए [[हनुमान]] को रोका और उन्हें खा जाने को उद्यत हुई थी?(पृ.सं.-12
{[[समुद्र]] में रहने वाली उस [[नाग]] माता का क्या नाम था, जिसने समुद्र लाँघते हुए [[हनुमान]] को रोका और उन्हें खा जाने को उद्यत हुई थी?(पृ.सं.-12
पंक्ति 25: पंक्ति 26:
-[[अश्वमेध यज्ञ|अश्वमेध]]
-[[अश्वमेध यज्ञ|अश्वमेध]]
-इनमें से कोई नहीं
-इनमें से कोई नहीं
||[[पुराण|पुराणों]] और [[रामायण]] में वर्णित [[इक्ष्वाकु वंश|इक्ष्वाकु वंशी]] [[राजा दशरथ]] महाराज [[अज राजा|अज]] के पुत्र थे। इनकी [[माता]] का नाम इन्दुमती था। इन्होंने [[देवता|देवताओं]] की ओर से कई बार [[असुर|असुरों]] को पराजित किया था। [[वैवस्वत मनु]] के वंश में अनेक शूरवीर, पराक्रमी, प्रतिभाशाली तथा यशस्वी राजा हुये, जिनमें से [[राजा दशरथ]] भी एक थे। राजा दशरथ [[वेद|वेदों]] के मर्मज्ञ, धर्मप्राण, दयालु, रणकुशल, और प्रजापालक थे। उनके राज्य में प्रजा कष्टरहित, सत्यनिष्ठ एवं ईश्‍वर भक्‍त थी। उनके राज्य में किसी के भी मन में दूसरे के प्रति द्वेषभाव नहीं था। राजा दशरथ [[राम]], [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]], [[लक्ष्मण]] और [[शत्रुघ्न]] के [[पिता]] थे। इनकी 'शांता' नाम की एक पुत्री भी थी, जिसे इनके मित्र राजा रोमपाद ने गोद लिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरयू नदी]], [[राजा दशरथ]]


{[[जनक|राजा जनक]] के [[पुरोहित]] का नाम क्या था?(पृ.सं.-13
{[[जनक|राजा जनक]] के [[पुरोहित]] का नाम क्या था?(पृ.सं.-13
पंक्ति 102: पंक्ति 104:
+[[वीणा]]
+[[वीणा]]
-[[बाँसुरी]]
-[[बाँसुरी]]
||[[चित्र:Ravana-Ramlila-Mathura-2.jpg|right|120px|रामलीला में रावण]]'रावण' [[रामायण]] का एक विशेष पात्र है। वह स्वर्ण नगरी [[लंका]] का राजा था। [[रावण]] अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'दशानन' अर्थात 'दस मुख वाला' भी था। किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों के साथ ही साथ बुरे पात्रों का होना अति आवश्यक है। किन्तु रावण में अवगुण की अपेक्षा गुण अधिक थे। जीतने वाला हमेशा अपने को उत्तम लिखता है, अतः [[रावण]] को बुरा कहा गया है। रावण को चारों [[वेद|वेदों]] का ज्ञाता कहा गया है। [[संगीत]] के क्षेत्र में भी रावण की विद्वता अपने समय में अद्वितीय मानी जाती थी। [[वीणा]] बजाने में रावण सिद्धहस्त था। उसने एक [[वाद्य यंत्र|वाद्य]] भी बनाया था, जो आज के 'बेला' या 'वायलिन' का ही मूल और प्रारम्भिक रूप है। इस वाद्य को 'रावणहत्था' कहते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रावण]]
||[[चित्र:Ravana-Ramlila-Mathura-2.jpg|right|120px|रामलीला में रावण]]'रावण' [[रामायण]] का एक विशेष पात्र है। वह स्वर्ण नगरी [[लंका]] का राजा था। [[रावण]] अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'दशानन' अर्थात 'दस मुख वाला' भी था। किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों के साथ ही साथ बुरे पात्रों का होना अति आवश्यक है। किन्तु रावण में अवगुण की अपेक्षा गुण अधिक थे। जीतने वाला हमेशा अपने को उत्तम लिखता है, अतः [[रावण]] को बुरा कहा गया है। रावण को चारों [[वेद|वेदों]] का ज्ञाता कहा गया है। [[संगीत]] के क्षेत्र में भी रावण की विद्वता अपने समय में अद्वितीय मानी जाती थी। [[वीणा]] बजाने में रावण सिद्धहस्त था। उसने एक [[वाद्य यंत्र|वाद्य]] भी बनाया था, जो आज के 'बेला' या '[[वायलिन]]' का ही मूल और प्रारम्भिक रूप है। इस वाद्य को 'रावणहत्था' कहते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रावण]]


{निम्न में से कौन '[[कवितावली]]' के रचनाकार हैं?
{निम्न में से कौन '[[कवितावली]]' के रचनाकार हैं?

07:26, 3 जून 2013 का अवतरण

1 रामायण कालीन सरयू नदी को वर्तमान में क्या कहते हैं?(पृ.सं.-12

यमुना
घाघरा
गोमती
गंगा

2 समुद्र में रहने वाली उस नाग माता का क्या नाम था, जिसने समुद्र लाँघते हुए हनुमान को रोका और उन्हें खा जाने को उद्यत हुई थी?(पृ.सं.-12

त्रिजटा
मंथरा
बलंधरा
सुरसा

3 राजा दशरथ ने पुत्रोत्पत्ति हेतु जो यज्ञ किया था, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-13

राजसूय
पुत्रेष्टि
अश्वमेध
इनमें से कोई नहीं

4 राजा जनक के पुरोहित का नाम क्या था?(पृ.सं.-13

सीरध्वज
वशिष्ठ
शतानंद
याज्ञवल्क्य

5 महर्षि विश्वामित्र की तपस्या जिस अप्सरा ने भंग की थी, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-13

उर्वशी
रम्भा
घृताची
मेनका

6 राजा जनक के छोटे भाई का क्या नाम था?(पृ.सं.-13

कुशनाभ
कुश
कुशध्वज
सीरध्वज

7 शत्रुघ्न के पुरोहित का क्या नाम था?(पृ.सं.-13

शतानीक
उपमन्यु
आरुणि
कांचन

8 किस देवता का एक नाम 'सर्पमाली' है?(पृ.सं.-16

विष्णु
इन्द्र
वरुण
शिव

9 किस ऋषि को 'समुद्रचुलुक' कहा जाता है?(पृ.सं.-16

भारद्वाज
अगस्त्य
याज्ञवल्क्य
वाल्मीकि

10 पूर्वजन्म में रावण का नाम क्या था?(पृ.सं.-16

बलंधर
भस्मासुर
प्रतापभानु
अघासुर

11 राजा निमि की राजधानी का नाम क्या था?(पृ.सं.-16

वैजयंत
कुशस्थली
अहिच्छत्र
चित्रकूट

12 किस देवता का एक नाम 'स्थाणु' है?(पृ.सं.-16

विष्णु
गणेश
इन्द्र
शिव

13 रामायण के सबसे छोटे कांड का क्या नाम है?(पृ.सं.-18

बालकांड
अरण्यकांड
सुन्दरकांड
उत्तरकांड

14 लंका का राजा रावण किस वाद्य को बजाने में निपुण था?

सितार
सारंगी
वीणा
बाँसुरी

15 निम्न में से कौन 'कवितावली' के रचनाकार हैं?

तुलसीदास
चैतन्य महाप्रभु
सूरदास
कबीरदास