"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Hanuman-Sursa.jpg|right|90px|सुरसा व हनुमान]]'सुरसा' [[रामायण]] के अनुसार [[समुद्र]] में रहने वाली [[नाग]] माता थी। [[सीता|सीताजी]] की खोज में समुद्र पार करने के समय [[सुरसा]] ने राक्षसी का रूप धारण कर [[हनुमान]] का रास्ता रोका था और उन्हें खा जाने के लिए उद्धत हुई थी। समझाने पर जब वह नहीं मानी, तब हनुमान ने अपना शरीर उससे भी बड़ा कर लिया। जैसे-जैसे सुरसा अपना मुँह बढ़ाती जाती, वैसे-वैसे हनुमान भी अपना शरीर उसके आकार से अधिक बढ़ाते जाते। बाद में हनुमान ने अचानक ही अपना शरीर बहुत छोटा कर लिया और सुरसा के मुँह में प्रवेश करके तुरंत ही बाहर निकल आये। हनुमान की बुद्धिमानी और वीरता से प्रसन्न होकर [[सुरसा]] ने हनुमान को आशीर्वाद दिया तथा उनकी सफलता की कामना की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुरसा]] | |||
{[[राजा दशरथ]] ने पुत्रोत्पत्ति हेतु जो [[यज्ञ]] किया था, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-13 | {[[राजा दशरथ]] ने पुत्रोत्पत्ति हेतु जो [[यज्ञ]] किया था, उसका नाम क्या था?(पृ.सं.-13 |
13:00, 3 जून 2013 का अवतरण
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