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'''आतिश बेहराम''' भारत में पारसियों के प्रार्थना स्थल को कहा जाता है। 'आतिश' इसलिए की [[पारसी धर्म]] के अनुयायी अग्नि पूजक हैं। [[फ़ारसी भाषा]] में 'आतिश' का अर्थ होता है- [[अग्नि]]। पारसियों के पूजा स्थल को 'फ़ायर टेम्पल' (अग्निगृह) भी कहा जाता है।
'''आतिश बेहराम''' [[भारत]] में [[पारसी|पारसियों]] के प्रार्थना स्थल को कहा जाता है। 'आतिश' इसलिए की [[पारसी धर्म]] के अनुयायी अग्नि पूजक हैं। [[फ़ारसी भाषा]] में 'आतिश' का अर्थ होता है- [[अग्नि]]। पारसियों के पूजा स्थल को 'फ़ायर टेम्पल' (अग्निगृह) भी कहा जाता है।


*पहले [[पारसी धर्म]] [[ईरान]] का राजधर्म हुआ करता था।
*पहले [[पारसी धर्म]] [[ईरान]] का राजधर्म हुआ करता था।
*[[जरथुष्ट्र]] ने पारसी धर्म की स्थापना की थी, इसीलिए इसे 'जरथुष्ट्री धर्म' भी कहते हैं।
*[[जरथुष्ट्र]] ने पारसी धर्म की स्थापना की थी, इसीलिए इसे 'जरथुष्ट्री धर्म' भी कहते हैं।
*पारसियों का प्रमुख धार्मिक स्थल पश्चिमी ईरान के सिस्तान प्रांत की हमुन झील के पास खाजेह पर्वत पर था। इसकी खोज में यहाँ से 250 ई. पू. बने मंदिर के [[अवशेष]] मिले हैं।
*पारसियों का प्रमुख धार्मिक स्थल पश्चिमी ईरान के सिस्तान प्रांत की हमुन झील के पास खाजेह पर्वत पर था। इसकी खोज में यहाँ से 250 ई. पू. बने मंदिर के [[अवशेष]] मिले हैं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/religion-religiousplaces/%E0%A4%86%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B6-%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%B0-1120717017_2.htm|title=आतिश बेहराम और सुनेमानी मन्दिर|accessmonthday=05 अगस्त|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>


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10:36, 5 अगस्त 2013 का अवतरण

आतिश बेहराम भारत में पारसियों के प्रार्थना स्थल को कहा जाता है। 'आतिश' इसलिए की पारसी धर्म के अनुयायी अग्नि पूजक हैं। फ़ारसी भाषा में 'आतिश' का अर्थ होता है- अग्नि। पारसियों के पूजा स्थल को 'फ़ायर टेम्पल' (अग्निगृह) भी कहा जाता है।

  • पहले पारसी धर्म ईरान का राजधर्म हुआ करता था।
  • जरथुष्ट्र ने पारसी धर्म की स्थापना की थी, इसीलिए इसे 'जरथुष्ट्री धर्म' भी कहते हैं।
  • पारसियों का प्रमुख धार्मिक स्थल पश्चिमी ईरान के सिस्तान प्रांत की हमुन झील के पास खाजेह पर्वत पर था। इसकी खोज में यहाँ से 250 ई. पू. बने मंदिर के अवशेष मिले हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आतिश बेहराम और सुनेमानी मन्दिर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 05 अगस्त, 2013।

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