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राष्ट्रपिता दो शब्दों "[[राष्ट्र]]" अर्थात - देश या वतन और "[[पिता]]" अर्थात जनक शब्दों को समन्वय है, जिसका अंग्रेजी अनुवाद 'father of the nation' है।  
राष्ट्रपिता दो शब्दों "[[राष्ट्र]]" अर्थात - देश या वतन और "[[पिता]]" अर्थात जनक शब्दों को समन्वय है, जिसका अंग्रेजी अनुवाद 'father of the nation' है।  
 
==राष्ट्रपिता की वैधानिकता==
*[[महात्मा गाँधी| गाँधी जी ]] को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी और क्या इसकी कोई वैधानिकता है भी अथवा नहीं, तो इस विषय पर बहुत अधिक चर्चा हो चुकी है।
*[[महात्मा गाँधी| गाँधी जी ]] को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी और क्या इसकी कोई वैधानिकता है भी अथवा नहीं, तो इस विषय पर बहुत अधिक चर्चा हो चुकी है।
   
   
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*[[30 जनवरी]] [[1948]] को गांधी जी की हत्या होने के उपरांत देश के [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] ने रेडियो पर भारत राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि "राष्ट्रपिता अब नहीं रहे" ।  
*[[30 जनवरी]] [[1948]] को गांधी जी की हत्या होने के उपरांत देश के [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] ने रेडियो पर भारत राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि "राष्ट्रपिता अब नहीं रहे" ।  
==जनता ने जो मान लिया वही संविधान है==
*गांधी जी के नाम के जुडे ये दोनो अनुलग्नक 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' समूचे देश में स्वीकार्य किये गये अघोषित मान्यता के रूप मे प्रतिष्ठित हुये।  
*गांधी जी के नाम के जुडे ये दोनो अनुलग्नक 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' समूचे देश में स्वीकार्य किये गये अघोषित मान्यता के रूप मे प्रतिष्ठित हुये।  
   
   

07:31, 3 फ़रवरी 2014 का अवतरण

राष्ट्रपिता दो शब्दों "राष्ट्र" अर्थात - देश या वतन और "पिता" अर्थात जनक शब्दों को समन्वय है, जिसका अंग्रेजी अनुवाद 'father of the nation' है।

राष्ट्रपिता की वैधानिकता

  • गाँधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी और क्या इसकी कोई वैधानिकता है भी अथवा नहीं, तो इस विषय पर बहुत अधिक चर्चा हो चुकी है।
  • इसके उपरांत गांधी जी के साथ महात्मा शब्द अनुलग्नक के रूप में लिखा जाने लगा और इसे समूचे देश मे इसे अघोषित मान्यता मिल गयी।
  • इसके उपरांत 4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुये महात्मा गांधी को ‘देश का पिता’ कहकर संबोधित किया
  • इसके उपरांत पुनः 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने रेडियो सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुये महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया।

जनता ने जो मान लिया वही संविधान है

  • गांधी जी के नाम के जुडे ये दोनो अनुलग्नक 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' समूचे देश में स्वीकार्य किये गये अघोषित मान्यता के रूप मे प्रतिष्ठित हुये।

विश्व के कुछ देशों के राष्ट्रपिता

क्रमांक देश का नाम राष्ट्रपिता जन्म मृत्यु
1 भारतीय गणराज्य मोहनदास करमचंद गांधी 2 अक्तूबर, 1869 30 जनवरी, 1948
2 अफगानिस्तान अहमद शाह अब्दाली 1728
3 संयुक्त राज्य अमेरिका जार्ज वाशिंगटन 22 फरवरी, 1732 14 दिसंबर 1799
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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

.....तो मोहनदास करमचंद गांधी ऐसे बने थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

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