"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/अभ्यास": अवतरणों में अंतर
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-नैतिक, साहित्यिक, वर्णनात्मक | -नैतिक, साहित्यिक, वर्णनात्मक | ||
-धार्मिक, व्यावहारिक, वर्णनात्मक | -धार्मिक, व्यावहारिक, वर्णनात्मक | ||
||{{seealso|हिंदी| हिन्दी का मानकीकरण|हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ}} | |||
{‘उत्तर अपभ्रंश’ को सर्वप्रथम किसने ‘पुरानी हिंदी’ कहा था? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-01 | {‘उत्तर अपभ्रंश’ को सर्वप्रथम किसने ‘पुरानी हिंदी’ कहा था? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-01 | ||
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+[[चंद्रधर शर्मा गुलेरी]] | +[[चंद्रधर शर्मा गुलेरी]] | ||
-[[रामविलास शर्मा]] | -[[रामविलास शर्मा]] | ||
||{{seealso|हिंदी का मानकीकरण|हिंदी की अखिल भारतीयता का इतिहास}} | |||
{‘संतन को कहा सीकरी सो काम’, इस पंक्ति के रचनाकार कौन थे? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-25 | {‘संतन को कहा सीकरी सो काम’, इस पंक्ति के रचनाकार कौन थे? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-25 | ||
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-[[सूरदास]] | -[[सूरदास]] | ||
-[[नंददास]] | -[[नंददास]] | ||
||{{seealso|मीराबाई|कबीरदास|रसखान}} | |||
{‘अनाथ’ का [[विलोम शब्द]] बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-89;प्रश्न-11 | {‘अनाथ’ का [[विलोम शब्द]] बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-89;प्रश्न-11 | ||
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-निर्धन | -निर्धन | ||
-बेकार | -बेकार | ||
||{{seealso|पर्यायवाची शब्द|तत्सम|तद्भव|उपसर्ग}} | |||
{भाषाई आधार पर सर्वप्रथम किस [[राज्य]] का गठन हुआ था? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-25 | {भाषाई आधार पर सर्वप्रथम किस [[राज्य]] का गठन हुआ था? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-25 | ||
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-गिर् + इश | -गिर् + इश | ||
-गिर् + ईश | -गिर् + ईश | ||
||{{seealso|संधि|कारक|काल|प्रत्यय}} | |||
{‘धुंधला’ [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में प्रयुक्त [[प्रत्यय]] कौन-सा है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-31 | {‘धुंधला’ [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में प्रयुक्त [[प्रत्यय]] कौन-सा है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-31 | ||
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+ला | +ला | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||{{seealso|हिंदी|उपसर्ग|विशेषण}} | |||
{‘साग-पात’ कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-33 | {‘साग-पात’ कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-33 | ||
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-[[कर्मधारय समास]] | -[[कर्मधारय समास]] | ||
+[[द्वंद्व समास]] | +[[द्वंद्व समास]] | ||
||{{seealso|अलंकार|रस|छन्द|दोहा}} | |||
{‘तीन लोक से मथुरा न्यारी’ का क्या अर्थ है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-59 | {‘तीन लोक से मथुरा न्यारी’ का क्या अर्थ है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-59 | ||
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+जरूरत से ज़्यादा बड़ाई करना | +जरूरत से ज़्यादा बड़ाई करना | ||
-[[कृष्ण]] का [[भक्त]] होना | -[[कृष्ण]] का [[भक्त]] होना | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{'[[रवींद्रनाथ टैगोर]] का नाम सांस्कृतिक एवं ..... जगत में सदा अविस्मरणीय रहेगा।'<br /> | {'[[रवींद्रनाथ टैगोर]] का नाम सांस्कृतिक एवं ..... जगत में सदा अविस्मरणीय रहेगा।'<br /> | ||
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+[[साहित्य|साहित्यिक]] | +[[साहित्य|साहित्यिक]] | ||
-[[चित्रकला]] | -[[चित्रकला]] | ||
||{{seealso|जन गण मन|वंदे मातरम्}} | |||
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-[[गीता]] | -[[गीता]] | ||
+[[महाभाष्य]] | +[[महाभाष्य]] | ||
||{{seealso|हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ|प्राकृत भाषा|पालि भाषा}} | |||
{किस [[वर्ष]] ‘[[नागरी प्रचारिणी पत्रिका]]’ में ‘पुरानी हिंदी’ शीर्षक से [[चंद्रधर शर्मा गुलेरी]] ने एक लेखमाला की शुरुआत की थी? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-02 | {किस [[वर्ष]] ‘[[नागरी प्रचारिणी पत्रिका]]’ में ‘पुरानी हिंदी’ शीर्षक से [[चंद्रधर शर्मा गुलेरी]] ने एक लेखमाला की शुरुआत की थी? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-02 | ||
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-[[1923]] | -[[1923]] | ||
-[[1920]] | -[[1920]] | ||
||{{seealso|नागरी प्रचारिणी सभा|श्यामसुन्दर दास}} | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी पंक्ति [[मीरा]] की नहीं है? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-26 | {निम्नलिखित में से कौन-सी पंक्ति [[मीरा]] की नहीं है? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-26 | ||
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-घायल की गति घायल जाणै और न जाणै कोई | -घायल की गति घायल जाणै और न जाणै कोई | ||
+माई री वा सुख की मुस्कानि संभारी न जैहे, न जैहे, न जैहे | +माई री वा सुख की मुस्कानि संभारी न जैहे, न जैहे, न जैहे | ||
||{{seealso|श्रीकृष्ण|सूरदास|रसखान}} | |||
{‘आडम्बर’ का [[पर्यायवाची शब्द|समानार्थी शब्द]] क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-85;प्रश्न-65 | {‘आडम्बर’ का [[पर्यायवाची शब्द|समानार्थी शब्द]] क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-85;प्रश्न-65 | ||
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-दर्प | -दर्प | ||
-आवाज़ | -आवाज़ | ||
||{{seealso|विलोम शब्द|तत्सम|तद्भव|उपसर्ग}} | |||
{‘[[बघेली बोली]]' का सम्बंध किस उपभाषा से है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-26 | {‘[[बघेली बोली]]' का सम्बंध किस उपभाषा से है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-26 | ||
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-[[बिहारी भाषा|बिहारी]] | -[[बिहारी भाषा|बिहारी]] | ||
-पश्चिमी हिंदी | -पश्चिमी हिंदी | ||
||{{seealso|राजस्थानी भाषा|मराठी भाषा|गुजराती भाषा}} | |||
{‘चंद्रोदय’ में प्रयुक्त [[संधि]] का नाम क्या है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-38 | {‘चंद्रोदय’ में प्रयुक्त [[संधि]] का नाम क्या है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-38 | ||
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-वृद्धि संधि | -वृद्धि संधि | ||
-दीर्घ संधि | -दीर्घ संधि | ||
||{{seealso|कारक|काल|प्रत्यय}} | |||
{निम्न में से किस [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में [[उपसर्ग]] नहीं है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-33 | {निम्न में से किस [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में [[उपसर्ग]] नहीं है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-33 | ||
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-प्रभाव | -प्रभाव | ||
+ओढ़ना | +ओढ़ना | ||
||{{seealso|हिंदी|वाक्यांश के लिए एक शब्द|पुल्लिंग}} | |||
{‘चतुर्भुज’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-35 | {‘चतुर्भुज’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-35 | ||
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-[[तत्पुरुष समास]] | -[[तत्पुरुष समास]] | ||
-[[कर्मधारय समास]] | -[[कर्मधारय समास]] | ||
||{{seealso|संधि|कारक|काल|प्रत्यय}} | |||
{‘खग जाने खग की ही भाषा’ का अर्थ क्या है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-60 | {‘खग जाने खग की ही भाषा’ का अर्थ क्या है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-60 | ||
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-पक्षी अपनी [[भाषा]] स्वयं समझते हैं | -पक्षी अपनी [[भाषा]] स्वयं समझते हैं | ||
-पक्षियों की तरह बोलना | -पक्षियों की तरह बोलना | ||
||{{seealso|हिंदी अकादमी|हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ}} | |||
{'मनुष्य मृत्यु को असुन्दर ही नहीं ..... भी मानता है।'<br /> | {'मनुष्य मृत्यु को असुन्दर ही नहीं ..... भी मानता है।'<br /> | ||
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-त्याज्य | -त्याज्य | ||
+अपवित्र | +अपवित्र | ||
||{{seealso|हिन्दू धर्म संस्कार|पितृमेध या अन्त्यकर्म संस्कार}} | |||
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-अर्थ | -अर्थ | ||
-मात्रा | -मात्रा | ||
||{{seealso|हिंदी| हिन्दी का मानकीकरण|हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ}} | |||
{[[अपभ्रंश]] के लिए ‘प्राकृतभास हिंदी’ [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का प्रयोग निम्न में से किसने किया? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-03 | {[[अपभ्रंश]] के लिए ‘प्राकृतभास हिंदी’ [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का प्रयोग निम्न में से किसने किया? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-03 | ||
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-[[रामविलास शर्मा]] | -[[रामविलास शर्मा]] | ||
+[[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] | +[[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] | ||
||{{seealso|हिंदी अकादमी|हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ}} | |||
{‘य [[मुरली]] मुरलीधर की अधरान भरी अधरा न धरौंगी”। इस पंक्ति के रचनाकार कौन थे? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-27 | {‘य [[मुरली]] मुरलीधर की अधरान भरी अधरा न धरौंगी”। इस पंक्ति के रचनाकार कौन थे? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-27 | ||
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-[[रहीम]] | -[[रहीम]] | ||
-[[घनानंद कवि|घनानंद]] | -[[घनानंद कवि|घनानंद]] | ||
||{{seealso|सूरदास|तुलसीदास|रहीम}} | |||
{‘अल्पज्ञ’ का [[विलोम शब्द]] क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-89;प्रश्न-12 | {‘अल्पज्ञ’ का [[विलोम शब्द]] क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-89;प्रश्न-12 | ||
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-अभिज्ञ | -अभिज्ञ | ||
-कृतज्ञ | -कृतज्ञ | ||
||{{seealso|पर्यायवाची शब्द|तत्सम|तद्भव|उपसर्ग}} | |||
{निम्न में से किस [[तिथि]] को [[हिंदी]] को [[राजभाषा]] बनाने का निर्णय लिया गया था? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-27 | {निम्न में से किस [[तिथि]] को [[हिंदी]] को [[राजभाषा]] बनाने का निर्णय लिया गया था? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-27 | ||
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+[[14 सितम्बर]], [[1949]] | +[[14 सितम्बर]], [[1949]] | ||
-[[14 सितम्बर]], [[1950]] | -[[14 सितम्बर]], [[1950]] | ||
||{{seealso|हिंदी दिवस|विश्व हिन्दी दिवस}} | |||
{‘यशोदा’ में प्रयुक्त [[संधि]] का नाम है-(ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-39 | {‘यशोदा’ में प्रयुक्त [[संधि]] का नाम है-(ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-39 | ||
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+विसर्ग संधि | +विसर्ग संधि | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||{{seealso|अलंकार|रस|छन्द|दोहा}} | |||
{'[[संस्कार]]' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में किस [[उपसर्ग]] का प्रयोग हुआ है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-34 | {'[[संस्कार]]' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में किस [[उपसर्ग]] का प्रयोग हुआ है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-34 | ||
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-सम्स | -सम्स | ||
-सन्स | -सन्स | ||
||{{seealso|संधि|कारक|काल|प्रत्यय}} | |||
{‘भाई-बहन’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-36 | {‘भाई-बहन’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-36 | ||
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-[[द्विगु समास]] | -[[द्विगु समास]] | ||
-[[तत्पुरुष समास]] | -[[तत्पुरुष समास]] | ||
||{{seealso|हिंदी|वाक्यांश के लिए एक शब्द|पुल्लिंग}} | |||
{‘[[ओखली]] में सिर दिया तो [[मूसल|मूसलों]] का क्या डर’ का सही अर्थ बताइए? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-61 | {‘[[ओखली]] में सिर दिया तो [[मूसल|मूसलों]] का क्या डर’ का सही अर्थ बताइए? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-61 | ||
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-ओछे व्यक्ति किसी को लाभ नहीं पहुँचा सकते | -ओछे व्यक्ति किसी को लाभ नहीं पहुँचा सकते | ||
+कठिन काम शुरू करने पर कष्ट तो सहन करने ही पड़ते हैं | +कठिन काम शुरू करने पर कष्ट तो सहन करने ही पड़ते हैं | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{'अनथक परिश्रम और सतत ..... से व्यक्ति सफलता की चरम सीमा को पा लेता है।'<br /> | {'अनथक परिश्रम और सतत ..... से व्यक्ति सफलता की चरम सीमा को पा लेता है।'<br /> | ||
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-समवाय | -समवाय | ||
-संकाय | -संकाय | ||
||{{seealso|हिंदी|वाक्यांश के लिए एक शब्द|पुल्लिंग}} | |||
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-[[1935]] | -[[1935]] | ||
-[[1945]] | -[[1945]] | ||
||{{seealso|नागरीप्रचारिणी सभा|काशी हिन्दू विश्वविद्यालय}} | |||
{पूरे [[अपभ्रंश]] [[साहित्य]] को ‘पुरानी हिंदी’ मानने वाले आलोचक का नाम क्या था? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-04 | {पूरे [[अपभ्रंश]] [[साहित्य]] को ‘पुरानी हिंदी’ मानने वाले आलोचक का नाम क्या था? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-04 | ||
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-[[चंद्रधर शर्मा गुलेरी]] | -[[चंद्रधर शर्मा गुलेरी]] | ||
-[[रामचंद्र शुक्ल]] | -[[रामचंद्र शुक्ल]] | ||
||{{seealso|भारतेंदु हरिश्चंद्र|बिहारी|केशव}} | |||
{‘खानान खान बैरम सुवन जबहिं क्रोध करि तंग कस्यो’, इस पंक्ति वाला [[छप्पय]] [[रहीम]] की प्रशंसा में किसने कहा था? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-60;प्रश्न-28 | {‘खानान खान बैरम सुवन जबहिं क्रोध करि तंग कस्यो’, इस पंक्ति वाला [[छप्पय]] [[रहीम]] की प्रशंसा में किसने कहा था? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-60;प्रश्न-28 | ||
पंक्ति 247: | पंक्ति 278: | ||
+[[गंग कवि|गंग]] | +[[गंग कवि|गंग]] | ||
-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
||{{seealso|सवैया|चौपाई|दोहा|रोला}} | |||
{‘कपाल’ का [[पर्यायवाची शब्द]] बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-85;प्रश्न-66 | {‘कपाल’ का [[पर्यायवाची शब्द]] बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-85;प्रश्न-66 | ||
पंक्ति 254: | पंक्ति 286: | ||
-भाग्य | -भाग्य | ||
+माथा | +माथा | ||
||{{seealso|विलोम शब्द|तत्सम|तद्भव|उपसर्ग}} | |||
{[[वर्ष]] [[1955]] में गठित 'प्रथम राजभाषा आयोग' के अध्यक्ष कौन थे? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-28 | {[[वर्ष]] [[1955]] में गठित 'प्रथम राजभाषा आयोग' के अध्यक्ष कौन थे? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-28 | ||
पंक्ति 261: | पंक्ति 294: | ||
-जी. बी. पंत | -जी. बी. पंत | ||
-पी. सुब्बोरोयान | -पी. सुब्बोरोयान | ||
||{{seealso|राजभाषा|हिंदी}} | |||
{निम्नलिखित में से एक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] [[संधि]] की दृष्टि से अशुद्ध है, उस शब्द का चयन कीजिए? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-40 | {निम्नलिखित में से एक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] [[संधि]] की दृष्टि से अशुद्ध है, उस शब्द का चयन कीजिए? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-40 | ||
पंक्ति 268: | पंक्ति 302: | ||
-तदाकार | -तदाकार | ||
+तदोपरान्त | +तदोपरान्त | ||
||{{seealso|व्याकरण (व्यावहारिक)|सर्वनाम|विशेषण}} | |||
{‘[[पुरोहित]]’ में प्रयुक्त [[उपसर्ग]] बताइए? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-35 | {‘[[पुरोहित]]’ में प्रयुक्त [[उपसर्ग]] बताइए? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-35 | ||
पंक्ति 275: | पंक्ति 310: | ||
-पुरा | -पुरा | ||
-पुर | -पुर | ||
||{{seealso|प्रत्यय|संधि|संज्ञा|व्याकरण}} | |||
{‘वनवास’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-37 | {‘वनवास’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-37 | ||
पंक्ति 282: | पंक्ति 318: | ||
-[[द्वंद्व समास]] | -[[द्वंद्व समास]] | ||
-[[बहुव्रीहि समास]] | -[[बहुव्रीहि समास]] | ||
||{{seealso|कारक|काल|प्रत्यय}} | |||
{‘जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी दीजे’ का सही अर्थ क्या है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-62 | {‘जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी दीजे’ का सही अर्थ क्या है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-62 | ||
पंक्ति 289: | पंक्ति 326: | ||
-ऐसा काम करना चाहिए जिससे संकट में न फँसा जाए | -ऐसा काम करना चाहिए जिससे संकट में न फँसा जाए | ||
-पवन की तरह कभी शीतल और कभी उष्ण होना चाहिए | -पवन की तरह कभी शीतल और कभी उष्ण होना चाहिए | ||
||{{seealso|अलंकार|रस|छन्द}} | |||
{'केवल पुस्तकीय ज्ञान छात्रों की मौलिक प्रतिभा का ..... नहीं कर सकता।'<br /> | {'केवल पुस्तकीय ज्ञान छात्रों की मौलिक प्रतिभा का ..... नहीं कर सकता।'<br /> | ||
पंक्ति 297: | पंक्ति 335: | ||
-पीयूष | -पीयूष | ||
-प्रत्यूष | -प्रत्यूष | ||
||{{seealso|उपभाषाएँ एवं बोलियाँ|अखिल भारतीयता का इतिहास}} | |||
पंक्ति 307: | पंक्ति 346: | ||
-[[छत्तीसगढ़]] | -[[छत्तीसगढ़]] | ||
-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
||{{seealso|हिन्दी का मानकीकरण|हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ}} | |||
{“[[अपभ्रंश]] को अब कोई ‘पुरानी हिंदी’ नहीं कहता”। यह कथन निम्न में से किस साहित्यकार का है? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-05 | {“[[अपभ्रंश]] को अब कोई ‘पुरानी हिंदी’ नहीं कहता”। यह कथन निम्न में से किस साहित्यकार का है? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-24;प्रश्न-05 | ||
पंक्ति 314: | पंक्ति 354: | ||
-[[जयशंकर प्रसाद]] | -[[जयशंकर प्रसाद]] | ||
+[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] | +[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] | ||
||{{seealso|देवनागरी लिपि|ब्राह्मी लिपि|खरोष्ठी}} | |||
{'श्री सम्प्रदाय' के प्रथम आचार्य कौन माने जाते हैं? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-60;प्रश्न-29 | {'श्री सम्प्रदाय' के प्रथम आचार्य कौन माने जाते हैं? (यूजीसी हिंदी,पृ.सं.-60;प्रश्न-29 | ||
पंक्ति 321: | पंक्ति 362: | ||
+नाथमुनि | +नाथमुनि | ||
-[[रामानुज|आचार्य रामानुज]] | -[[रामानुज|आचार्य रामानुज]] | ||
||{{seealso|स्वामी हरिदास|हितहरिवंश|चैतन्य महाप्रभु}} | |||
{‘सकारात्मक’ का [[विलोम शब्द]] बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-89;प्रश्न-13 | {‘सकारात्मक’ का [[विलोम शब्द]] बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-89;प्रश्न-13 | ||
पंक्ति 328: | पंक्ति 370: | ||
-संभावात्मक | -संभावात्मक | ||
-निराशात्मक | -निराशात्मक | ||
||{{seealso|पर्यायवाची शब्द|तत्सम|तद्भव|उपसर्ग}} | |||
{'[[भारतीय संविधान]]' की [[आठवीं अनुसूची]] में शामिल [[भाषा|भाषाओं]] की संख्या कितनी है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-29 | {'[[भारतीय संविधान]]' की [[आठवीं अनुसूची]] में शामिल [[भाषा|भाषाओं]] की संख्या कितनी है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-20;प्रश्न-29 | ||
पंक्ति 335: | पंक्ति 378: | ||
-18 | -18 | ||
+22 | +22 | ||
||{{seealso|संविधान संशोधन|देवनागरी लिपि}} | |||
{निम्न में से कौन-सा स्वर संधि का उदाहरण है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-43 | {निम्न में से कौन-सा स्वर संधि का उदाहरण है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-45;प्रश्न-43 | ||
पंक्ति 342: | पंक्ति 386: | ||
-दिगम्बर | -दिगम्बर | ||
-दुष्कर्म | -दुष्कर्म | ||
||{{seealso|संधि|कारक|काल|प्रत्यय}} | |||
{‘अवनत’ [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में कौन-सा [[उपसर्ग]] प्रयुक्त हुआ है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-36 | {‘अवनत’ [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में कौन-सा [[उपसर्ग]] प्रयुक्त हुआ है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-53;प्रश्न-36 | ||
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+अव | +अव | ||
-अवन | -अवन | ||
||{{seealso|हिंदी|वाक्यांश के लिए एक शब्द|पुल्लिंग}} | |||
{‘[[पंचवटी]]’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-38 | {‘[[पंचवटी]]’ में कौन-सा [[समास]] है? (ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-59;प्रश्न-38 | ||
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-[[तत्पुरुष समास]] | -[[तत्पुरुष समास]] | ||
-[[अव्ययीभाव समास]] | -[[अव्ययीभाव समास]] | ||
||{{seealso|विलोम शब्द|तत्सम|तद्भव}} | |||
{‘तू डाल-डाल मैं पात-पात’ का अर्थ है-(ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-63 | {‘तू डाल-डाल मैं पात-पात’ का अर्थ है-(ल्युसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-149;प्रश्न-63 | ||
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-दोनों मूर्ख | -दोनों मूर्ख | ||
+दोनों चालाक | +दोनों चालाक | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{'राजेश की काम के प्रति लगन और निष्ठा ..... है।'<br /> | {'राजेश की काम के प्रति लगन और निष्ठा ..... है।'<br /> | ||
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+अनुकरणीय | +अनुकरणीय | ||
-हास्यास्पद | -हास्यास्पद | ||
||{{seealso|व्याकरण (व्यावहारिक)|सर्वनाम|विशेषण}} | |||
10:38, 5 मार्च 2014 का अवतरण
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